Best Places to Visit Near Jaipur: जयपुर से कुछ ही दूरी पर स्थित है सालों पुरानी बौद्ध गुफाएं, एक बार यहां जरूर जाएं
Best Places to Visit Near Jaipur: झालावाड़ और आसपास के इलाके में किसी समय बौद्ध सभ्यता का उद्भव रहा है। जिसकी साक्षी करीब 2 हजार साल पुरानी गुफाएं आज भी यहां मौजूद हैं। अब इन गुफाओं को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग संभाल रहा है। सबसे हैरानी की बात तो ये है कि, हजारों साल पुराने इस वैभव से लोग आज भी अनजान है। इस बार आप न्यू ईयर की छुट्टियों को किसी खास टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर बिताने का सोच रहे हैं, तो ये जगह आपके लिए यादगार बन सकती है।
राजस्थान के झालावाड़ में मौजूद 2 हजार साल पुरानी बौद्ध गुफाएं
मुख्य बातें
- यहां चट्टानों को काटकर बनाई गई थीं 50 गुफाएं
- इलाके के कई गांवों में बनीं ये गुफाएं 2 हजार साल पुरानी हैं
- टूरिस्ट डेस्टिनेशन के लिहाज से पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं
Best Places to Visit Near Jaipur : राजस्थान की पहचान किलों और बेमिसाल राजपूती संस्कृति की तो है ही। इसके अलावा भी शौर्य की गाथाओं को अपने दामन में समेटे वीरों की प्रसूता भूमि की एक और खास बात ये है कि, यहां पर किसी समय झालावाड़ और आसपास के इलाके में किसी समय बौद्ध सभ्यता का उद्भव रहा है। जिसकी साक्षी करीब 2 हजार साल पुरानी गुफाएं आज भी यहां मौजूद हैं।
अब इन गुफाओं को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग संभाल रहा है। सबसे हैरानी की बात तो ये है कि, हजारों साल पुराने इस वैभव से लोग आज भी अनजान है। इस बार आप न्यू ईयर की छुट्टियों को किसी खास टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर बिताने का सोच रहे हैं, तो ये जगह आपके लिए यादगार बन सकती है। यहां आपको बौद्ध सभ्यता के निशान देखने को मिलेंगे। इसके अलावा इस जगह की प्राकृतिक सौंदर्य व संतरे के मीलों तक फैले फार्मों को भी देखने का मौका मिलेगा। तो फिर देर किस बात की जल्दी से कीजिए इस अद्भुत स्थान को अपने विंटर वैकेशन प्लान में शामिल करें। यहां आने के लिए नजदीकी एयरपोर्ट कोटा है जिसकी दूरी करीब 88 किमी है। वहीं जयपुर से झालावाड़ की दूरी करीब 330 किमी है।
कभी बौद्ध धर्म का केंद्र रहा राजस्थान
धोरों की धरती राजस्थान का बौध धर्म से गहरा नाता रहा है, हालांकि इसके बारे में कम ही लोगों को जानकारी है। जिसके प्रमाण यहां की धरती पर आज भी मौजूद है। सदियों पूर्व राजस्थान की धरती पर बौद्ध भिक्षुओं ने अपना ठिकाना बनाया था। बता दें कि, झालावाड़ के अलावा अलवर व दौसा के कई इलाकों में बौद्ध मठ व स्तूपों के अवशेष आज भी मौजूद हैं। झालावाड़ के गांव कोल्वी, विनायका, हथियागौड़ व गुनई में 8वीं व 9वीं शताब्दी की बौद्धकालीन गुफाएं हैं। अश्वनान तरीके की हीनयान व महायान स्थापत्य में गढ़ी कई गुफाओं को शैलखंडों को खोदकर बनाया गया है।
यहां कभी 50 गुफाएं थीं
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों के मुताबिक कभी यहां पर 50 गुफाएं थी। अब मुश्किल से कुछ के ही अवशेष बचें हैं। गुफाओं के अंदर बनें कक्षों में भगवान बुद्ध की ध्यान मग्न प्रतिमा है। इलाके के इतिहासविज्ञ ललित कुमार के मुताबिक गुफाओं में बौद्ध भिक्षु सोते थे। इसके अलावा इनमें अग्निकुंड, बुद्ध की प्रतिमाएं, चक्र, गंडिका स्तूप व चौत्य बने हुए हैं, जो सैलानियों को खासतौर पर आकर्षित करते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | जयपुर (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
Times Now Digital author
Professionals & enthusiasts who write about politics to science, from economy to education, from loc...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited