Jaipur News : राजस्थान के इस किले में रात में जाने से आज भी डरते हैं लोग, प्रशासन ने कर रखी है शाम के बाद एंट्री बंद

अरावली की पहाडिय़ों की बीच बसा है ये बेहद खूबसूरत शहर। यहीं पर मौजूद सरिस्का टाइगर रिजर्व के पास है भानगढ़ का प्राचीन किला। किले को लेकर कई दंत कथाएं    प्रचलित हैं। कहा जाता है कि किले में भूत प्रेत बसते हैं। यही वजह है कि, धीरे- धीरे यहां से गांव खिसक दूर जा बसे। अब भूतहा किला अरावली की पहाडिय़ों के बीच अकेले अट्टाहास लगा रहा है।

Bhangarh Fort

भानगढ़ का किला

मुख्य बातें
  1. सरिस्का टाइगर रिजर्व के पास है भानगढ़ का प्राचीन किला
  2. किले को लेकर कई दंत कथाएं प्रचलित हैं
  3. आमेर के राजा ने करवाया था भानगढ़ फोर्ट का निर्माण

Jaipur News: हमारे देश को धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं से जुड़ा माना जाता है। सदियों से प्रचलित मान्यताओं के आधार पर और किस्से कहानियों में शामिल भूत - प्रेतों को लेकर भी कई मामले देखने - सुनने को मिलते हैं। इन्हीं में से एक है राजस्थान का अलवर जिला। अरावली की पहाडिय़ों की बीच बसा है ये बेहद खूबसूरत शहर। यहीं पर मौजूद सरिस्का टाइगर रिजर्व के पास है भानगढ़ का प्राचीन किला। किले को लेकर कई दंत कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि किले में भूत प्रेत बसते हैं। यही वजह है कि, धीरे- धीरे यहां से गांव खिसक दूर जा बसे। अब भूतहा किला अरावली की पहाडिय़ों के बीच अकेले अट्टाहास लगा रहा है। हालांकि डर की वजह से पुरात्तव विभाग ने किले में शाम 6 बजे के बाद जाने पर रोक लगा रखी है। भानगढ़ फोर्ट को देखने आने वाले पर्यटकों के लिए ये सुबह 6 से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। आपको बता दें कि भानगढ़ फोर्ट जयपुर - दिल्ली एनएच पर अलवर जिले में हैं। इसके बारे में इलाके में कथाएं प्रचलित है कि, जो भी रात में इसमें प्रवेश करता है वह जिंदा वापस नहीं लौटता। गांव के लोग कहते हैं कि रात में किले से कई डरावनी आवाजें सुनाई देती है।

पर्यटकों की जुटती है भीड़भानगढ़ फोर्ट को देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। ग्रामीणों के मुताबिक किले को लेकर कई बार पर्यटकों ने भी अजीब तरह की घटनाओं के बारे में अनुभव साझा किए हैं। खंडहर में बदल चुके फोर्ट के अब हालात ऐसे हैं कि इसे देखकर डर लगता है। फोर्ट के अतीत से जुड़े पन्नों में अब भी कुछ हवेलियों के अवशेष मौजूद हैं। शाम के बाद और सुबह से पहले किसी को इसमें प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाती है।

आमेर के राजा ने करवाया था भानगढ़ फोर्ट का निर्माणकभी यहां पर पूरा शहर बसता था। इसके अतीत की अगर बात की जाए तो भानगढ़ किले का निर्माण तत्कालीन आमेर के राजा भगवतदास ने अपने छोटे बेटे माधो सिंह प्रथम के लिए 1573 ईस्वी में करवाया था। इसे लेकर कई दंतकथाएं प्रचलित हैं। जिसमें लोग बताते हैं कि किले की परछाई गांव के एक साधु के घर पर पड़ गई थी। उसके श्राप के कारण किला अपनीे आप नष्ट होने लगा। इसी कड़ी में ये भी कहा जाता है कि, एक तांत्रिक को यहां कि राजकुमारी रत्नावती से मोहब्बत हो गई थी। मगर इसकी जानकारी यहां के शासकों को लगी तो तांत्रिका की हत्या कर दी गई। उसी तांत्रिक के शाप के कारण भानगढ़ फोर्ट खंडहर में तब्दील हो भूतहा बन गया।

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