जयपुर में ह्यूमन ट्रैफिकिंग का बड़ा खुलासा, पुलिस ने करवाए इतने बच्चे मुक्त, ये है पूरी कार्रवाई

Jaipur: बिहार से मानव तस्करी के जरिए लाए गए 25 बच्चों को पुलिस ने मुक्त करवाया है। सभी मासूमों से एक चूड़ियां बनाने के कारखाने में बालश्रम करवाया जा रहा था। इस मामले में पुलिस ने 3 महिलाओं सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। बाल विकास धारा संस्था के फील्ड अधिकारी महेश बंजारा की सूचना पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग की ये पूरी कार्रवाई की गई है।

जयपुर में मानव तस्करी रैकेट के भंडाफोड़ की जानकारी देते हुए डीसीपी देशमुख (फाइल फोटो)

मुख्य बातें
  • बिहार से करीब 4 साल पहले लालच देकर जयपुर लाए गए थे मासूम
  • मुक्त करवाए गए बच्चों में से अधिकतर की उम्र 14 साल से भी कम
  • पुलिस से 3 महिलाओं सहित कुल 7 लोगों को किया गिरफ्तार


Jaipur: राजधानी जयपुर में बिहार से मानव तस्करी के जरिए लाए गए 25 बच्चों को पुलिस ने मुक्त करवाया है। सभी मासूमों से एक चूड़ियां बनाने के कारखाने में बालश्रम करवाया जा रहा था। इस मामले में पुलिस ने 3 महिलाओं सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। बहरहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर पूरे मामले की जानकारी जुटा रही है।

डीसीपी नाॅर्थ परिस देशमुख के मुताबिक, बाल विकास धारा संस्था के फील्ड अधिकारी महेश बंजारा की सूचना पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग की ये पूरी कार्रवाई की गई है। डीसीपी के मुताबिक, जयपुर के शास्त्री नगर स्थित व्यास कॉलोनी में एक मकान में बच्चों को मानव तस्करी के जरिए लाकर अवैध तौर पर बाल मजदूरी करवाई जा रही थी। इसके बाद एडीसीपी धर्मेन्द्र सागर की अगुवाई में शास्त्री नगर थाने के सीआई दिलीप सिंह शेखावत ने पुलिस टीम के साथ मकान पर दबिश दी। पुलिस को मौके पर मकान में बने दो तल पर चूड़ी कारखाने में बच्चे बालश्रम करते दिखे।

घेराबंदी कर दबोचा आरोपियों कोएडीसीपी धर्मेन्द्र सागर के मुताबिक, पुलिस टीम को देखकर बदमाशों ने पहले तो मकान का गेट नहीं खोला। इसके बाद पुलिस टीम गेट तोड़कर घर के अंदर पहुंची। हालांकि आरोपी पुलिस कार्रवाई के बीच घर के पीछे के रास्तें से बाल श्रमिकों को ले जाने का प्रयास कर रहे थे, मगर पुलिस की घेराबंदी के चलते वे कामयाब नहीं हो सके। पुलिस ने बिहार से मानव तस्करी के जरिए जयपुर लाए गए 25 बाल मजदूरों को मुक्त करवाया। वहीं 3 महिला आरोपियों समेत कुल 7 लोगों को मौके से दबोचा गया। पुलिस के मुताबिक मुक्त करवाए गए बाल श्रमिकों में से अधिकतर की उम्र 14 वर्ष से कम हैं। वहीं सभी आपस में रिलेटिव बताए जा रहे हैं।

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