'सही मुद्दों से जनता का ध्यान भटका रहीं कुछ ताकतें', अजमेर दरगाह और संभल विवाद पर खुलकर बोले पायलट
Sambhal Mosque Row: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और टोंक से विधायक सचिन पायलट ने संभल विवाद और अजमेर दरगाह के सर्वे मामले पर हमला बोलते हुए कहा कि 1991 में धार्मिक स्थलों की यथास्थिति को बनाये रखने को लेकर कानून बना हुआ है, लेकिन सरकार लोगों का ध्यान भटकाने को धार्मिक स्थलों की खुदाई जैसे काम होने दे रही है।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट (फोटो साभार: https://x.com/SachinPilot)
Sambhal Mosque Row: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और टोंक से विधायक सचिन पायलट बुधवार को विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे। यहां पर सचिन पायलट ने मीडिया से बात करते हुए अजमेर दरगाह और संभल विवाद पर बड़ा बयान दिया है।
क्या कुछ बोले सचिन पायलट?
कांग्रेस नेता ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि संभल विवाद और अजमेर दरगाह के सर्वे मामले पर हमला बोलते हुए कहा कि 1991 में धार्मिक स्थलों की यथास्थिति को बनाये रखने को लेकर कानून बना हुआ है, लेकिन सरकार लोगों का ध्यान भटकाने को धार्मिक स्थलों की खुदाई जैसे काम होने दे रही है।
कहीं ना कहीं जो निचली अदालतें हैं, वहां पर इस प्रकार के घटनाक्रम सामने आ रहे हैं जहां पर लोगों में बेवजह तनाव पैदा हुआ है। चाहे वो संभल का मसाला हो या अजमेर का मसाला हो। इस देश में कोई ताकतें हैं जो जानबूझकर चाहती हैं की जनता का ध्यान किसान, महंगाई और बेरोजगारी से हटाकर इन मुद्दों पर आकर्षित किया जाए। इससे तनाव पैदा होता है। संभल में निर्दोष लोगों की मौत हुई है। इसके लिए कोई न कोई जिम्मेदार है। जो ताकतें लोगों को बांटना चाहती हैं उनसे हमें दूर रहना होगा।
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भाजपा पर बरसे सचिन पायलट
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के संभल जाने पर उन्होंने कहा कि वो संभल जाकर पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे। उन्हें संभल जाने से रोक दिया गया है। वहां पर एक तनाव का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है। भाजपा की राजनीति ध्रुवीकरण पर टिकी हुई है। ये धीमी आंच पर हमेशा कुछ ना कुछ सुलगाने की कोशिश करते रहते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि यदि आप देश में यह मुहिम छेड़ दें कि हमें हर घर, मकान, पूजा स्थल को खोदकर देखना है, तो इसका कोई अंत नहीं होगा। देश की संसद ने 1991 में एक कानून पारित किया था कि आजादी के बाद जो यथास्थिति है, वह बनी रहेगी। रोजगार, महंगाई कम करने पर बात नहीं हो रही है। किसान धरना दे रहे हैं, देश की राजधानी में हज़ारों लाखों किसान पहुंच रहे हैं। वे एसएसपी कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। सरकार को उन पर ध्यान देना चाहिए और संसद में भी चर्चा होनी चाहिए।
'जनता की आवाज सुनें सरकार'
वहीं किरोड़ी लाल मीणा की तरफ से पिछली रात एसआई भर्ती रद्द मामले में आंदोलन करने वाले नेताओं पर पुलिस कार्रवाई का विरोध करने पर सचिन पायलट ने कहा कि सरकार में शामिल किरोड़ी लाल आवाज उठा रहे हैं। सरकार को जनता की आवाज को सुनना चाहिए। इस दौरान पायलट ने समरावता कांड की न्यायिक जांच किये जाने की मांग उठाई है।
(इनपुट: आईएएनएस)
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