राजस्थान में कितनी बदली किसानों की जिंदगी? नवभारत नवनिर्माण मंच पर गौतम सिंह धाकड़ ने गिनाई गहलोत सरकार की उपलब्धियां

Navbharat Navnirman Manch: राजस्थान में किसानों के जीवन में काफी सुधार देखे गए हैं। अशोक गहलोत की सरकार ने इसके लिए पिछले 5 वर्षों में क्या कुछ किया, नवभारत नवनिर्माण मंच पर मेवाड़ विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के गौतम सिंह धाकड़ ने इसके बारे में बताया। प्रदेश की विकसित होती कृषि से जुड़े बदलावों के बारे में आपको बताते हैं।

नवभारत नवनिर्माण मंच पर राजस्थान के विकास की चर्चा।

Navbharat Navnirman Manch: देश भर में राजस्थान के कृषि क्षेत्र में हुए कार्यों की चर्चा हो रही है। किसानों को उनका हक मिल सके इसके लिए अशोक गहलोत की सरकार ने पिछले 5 वर्षों में क्या कुछ किया? इसे लेकर टाइम्स नाउ नवभारत के समिट 'नवभारत नवनिर्माण मंच' पर खास चर्चा हुई। मेवाड़ विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के गौतम सिंह धाकड़ ने प्रदेश की विकसित होती कृषि से जुड़ी सरकार की योजनाओं और कदमों के बारे में जानकारी साझा की।

टाइम्स नाउ नवभारत ने गौतम सिंह धाकड़ से पूछा कि कृषि क्षेत्र इसलिए क्योंकि अर्थव्यवस्था पर इसका खास प्रभाव पड़ता है। बहुत सारी समस्याएं होती हैं, ऐसे में राजस्थान में क्या कुछ बदलाव हुए हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि किसान की स्थिति जहां किसान आज से 20 साल पहले या 50 साल पहले थी, वहां आज की चर्चा करें। तो किसान की आमदनी पर 5 से 10 फीसदी इजाफा हुआ है। किसी भी किसान को जब फसल लगाने और उत्पादन करने की बात कही जाती है तो वो अपने तन मन धन द्वारा कोशिशें करता है। मगर जब उसे उसका परिणाम नहीं मिलता है तो फिर ये चिंता का विषय है।

'किसान साथी पोर्टल' के जरिए बदलेगी किसानों की जिंदगी

क्या जो योजनाएं किसानों के लिए बनाई जाती है, वो किसानों तक पहुंचती है? इस सवाल के जवाब में धाकड़ ने कहा कि असल में ये होता है कि किसान आज के दौर में तकनीक के माध्यम से जागरूक हो रहा है, लेकिन छोटे गांव-गांव के लगभग 60 फीसदी उससे अछूत है। ऐसे में योजनाओं का लाभ तो किसानों को बिल्कुल मिला है, मगर सभी किसानों को लाभ नहीं पहुंच पाता है, इसके लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए। जैसे सरकार की 'किसान साथी पोर्टल' पर किसानों के लिए अच्छी नीतियां बनाई गई हैं, कोई भी किसान वहां जाकर आर्थिक सहायता के लिए आवेदन कर सकता है। हेक्टेयर के हिसाब से उसे इसका लाभ मिलता है। मगर काफी किसानों को ये मालूम ही नहीं है कि उसे कैसे अप्लाई करना है, कैसे वो इसका लाभ ले सकता है।

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