नवभारत नवनिर्माण मंच पर डॉ. सुधीर बोले, डॉक्टर-मरीज दोनों के लिए बहुत उपयोगी है टेलीमेडिसिन

Navbharat Navnirman Manch Rajasthan : इलाज के इस सस्ते एवं मुफीद माध्यम पर राजस्थान यूनिर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के वाइस चांसलर डॉ, सुधीर भंडारी ने बेबाकी से अपनी बात रखी। नवभारत नवनिर्माण मंच पर डॉ. भंडारी ने टेलीमेडिसिन के फायदों को बारीकी से समझाया।

Dr Sudhir Bhandari

टेलीमेडिसिन के फायदे बताते डॉ. सुधीर भंडारी।

Navbharat Navnirman Manch Rajasthan : हेल्थ सेक्टर में टेलीमेडिसिन का चलन तेजी से बढ़ा है। यह एक सुविधा है, जिसमें मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर और अन्य टेलीकम्युनिकेशन तकनीकों के जरिए मरीज डॉक्टर्स से कनेक्ट होकर अपनी बीमारी के बारे में बात कर सकते हैं और इलाज करवा सकते हैं। कोरोना संकट के दौरान टेलीमेडिसिन ने उपयोगिता एवं महत्ता साबित की। टेलीमिडिसिन ने मरीज और डॉक्टर की दूरियों को घटा दिया है। इलाज के इस सस्ते एवं मुफीद माध्यम पर राजस्थान यूनिर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के वाइस चांसलर डॉ, सुधीर भंडारी ने बेबाकी से अपनी बात रखी। नवभारत नवनिर्माण मंच पर डॉ. भंडारी ने टेलीमेडिसिन के फायदों को बारीकी से समझाया।

शताब्दियों पुराना है टेलीमेडिसिन -डॉ. सुधीर

भंडारी ने कहा कि टेलीमेडिसिन आज की उत्पति नहीं है। यह शताब्दियों पुराना है। तकनीकी विकास के बाद यह कई रूपों में हमारे सामने आया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टर मरीज को देखते हैं। इसके कई प्रकार होते हैं। कोई व्यक्ति बीमार है उसको टेलिमेडिसिन के जरिए कनेक्ट किया जा सकता है।

'टेलीमेडिसिन से होता है क्वालिटी इलाज'

डॉ. भंडारी का कहना है कि टेलीमेडिसिन से क्वालिटी इलाज बहुत अच्छा हो जाता है। इसके कई फायदे हैं। मरीज को कहीं ले जाना नहीं पड़ता। कम कीमत पर उसका इलाज हो जाता है। मरीज की जल्द रिकवरी हो जाती है। डॉक्टर को यात्रा नहीं करनी पड़ती है। वह ज्यादा से ज्यादा मरोजीं को को देख पाता है। टेलीकंसल्टेशन के जरिए कम समय में अच्छी ओपिनियन मिल जाती है। डॉक्टर और मरीज दोनों के लिए टेलीमेडिसिन बहुत उपयोगी है। टेलीमेडिसिन से मरीजों की जान बचाई गई है। इससे एक साथ कई मरीज और कई डॉक्टर एक साथ जुड़ सकते हैं।

24 जिलों में मेडिकल कॉलेज शुरू -चिकित्सा शिक्षा कमिश्नर

नवभारत नवनिर्माण मंच पर चिकित्सा शिक्षा कमिश्नर शिव प्रसाद नकाटे ने कहा कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज शुरू होने पर पीएचसी एवं सीएचसी स्तर पर डॉक्टर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होंगे। जिन बीमारियों का यहां इलाज नहीं हो पाता है, उन असाध्य एवं गंभीर बीमारियों का इलाज यहां हो पाएगा। साथ ही जिले स्तर पर स्पेशियलिटी वाले डॉक्टर उपलब्ध होंगे। राज्य में 24 जिलों में मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं और सात जिलों में मेडिकल कॉलेज शुरू होने जा रहे हैं। अगले साल तक 33 जिलों में 33 मेडिकल कॉलेज काम करने लगेंगे।

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