Gangwar in Sikar Rajasthan : वर्चस्व की लड़ाई में गंवाई राजू ठेहट ने जान, आनंदपाल गैंग से इस वजह से थी रंजिश, ये है पूरी कहानी
Gangwar in Sikar Rajasthan : गैंगस्टर राजू ठेहट व बलबीर बानूड़ा वर्ष 2005 तक गहरे दोस्त थे। साल 2005 में किसी बात को लेकर बलबीर बानूड़ा के साले विजयपाल की राजू ठेहट ने हत्या कर दी थी। बस यहीं से दोनों की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई। इसके बाद बलबीर बानूड़ा ने अपना अलग से गिरोह खड़ा कर लिया। साल 2016 तक शेखवाटी इलाका गैंगवार से दहल गया। करीब 15 लोग दोनों गैंगों के वर्चस्व की लड़ाई के चलते मारे गए। बलबीर बानूड़ा के गुर्गों ने जेल में 2014 में राजू पर अटैक कर दिया। मगर वह बच गया। इसके 6 माह बाद राजू गैंग के बदमाशों ने बीकानेर जेल में बंद आनंदपाल व बलबीर बानूड़ा पर गोलियां बरसा दीं। जिसमें बलबीर बानूड़ा मारा गया।
सीकर के उद्योग नगर में गैंगवार में मारा गया गैंगस्टर राजू ठेहट।
- बलबीर बानूड़ा व राजू ठेहट साल 2005 तक थे जिगरी दोस्त
- राजू ने बलबीर के साले की हत्या कर दी तो दुश्मन बन गए दोनों
- दोनों के रास्ते अलग हुए तो शेखावाटी में गैंगवार की घटनाएं होने लगीं
gangwar in sikar Rajasthan : राजस्थान के सीकर जिले में शनिवार को हुई गैंगवार के बाद लोग दहशत में हैं। वर्चस्व की लड़ाई के चलते एक-दूसरे के खून के प्यासे बन चुके बदमाशों ने शेखावाटी के कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट को गोलियों से छलनी कर मौत की नींद सुला दिया। हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस विश्नोई गैंग के बदमाश रोहित गोदारा ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर ली है।
इस मामले को लेकर सीकर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा है कि बदमाश रोहित गोदारा के ट्वीट की जांच करने के बाद ही इस बारे में पुख्ता तौर पर कुछ कहा जा सकता है। बता दें कि शनिवार को राजू ठेहट को ट्रैक्टर में किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट की ड्रेस पहनकर आए चार से पांच बदमाशों ने गोलियों से छलनी कर दिया।
दोस्ती ऐसे बदल गई दुश्मनी मेंगैंगस्टर राजू ठेहट व बलबीर बानूड़ा साल 2005 तक गहरे दोस्त थे। दोनों अवैध शराब का धंधा एक साथ करते थे। पूरे शेखावाटी इलाके में दोनों का दबदबा था। 2005 में किसी बात को लेकर बलबीर बानूड़ा के साले विजयपाल की राजू ठेहट ने हत्या कर दी थी। बस यहीं से दोनों की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई। इसके बाद बलबीर बानूड़ा ने अपना अलग से गिरोह खड़ा कर लिया। जिसमें राजस्थान का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर आनंदपाल सिंह भी शामिल हो गया। इसके बाद दोनों गैंगों में वर्चस्व की जंग शुरू हो गई। बलबीर बानूड़ा गैंग ने राजू ठेहट के करीबी माने जाने वाले सीकर के गोपाल फोगावट की हत्या कर दी। वहीं केसर दुगोली भी मारा गया। साल 2016 तक शेखवाटी इलाका गैंगवार से दहल गया। करीब 15 लोग दोनों गैंगों के वर्चस्व की लड़ाई के चलते मारे गए। इस बीच राजू ठेहट पकड़ा गया। जिस पर बलबीर बानूड़ा के गुर्गों ने जेल में 2014 में राजू पर अटैक कर दिया। मगर वह बच गया। इसके 6 महीने बाद राजू गैंग के बदमाशों ने बीकानेर जेल में बंद आनंदपाल व बलबीर बानूड़ा पर गोलियां बरसा दीं। जिसमें बलबीर बानूड़ा मारा गया।
बाप की मौत का बदला लेने बेटा बना गैंगस्टरबलबीर बानूड़ा की मौत के बाद उसके बेटे सुभाष ने हथियार उठा लिए। माना जा रहा है कि राजू ठेहट की हत्या के पीछे आनंदपाल गैंग के बलबीर बानूड़ा के बेटे सुभाष बानूड़ा का हाथ हो सकता है। क्योंकि बीकानेर जेल में बलवीर बानूड़ा की राजू ठेहट ने ही हत्या करवाई थी। ये जानकारी भी सामने आई है कि, गैंगस्टर सुभाष पिछले दो साल से राजू की हत्या करने की फिराक में था। हालांकि, पुलिस अभी तक चुप्पी साधे है। सोशल मीडिया पर राजू की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाला बीकानेर के लूणकरनसर का लॉरेंस बिश्नोई गैंग का गुर्गा रोहित गोदारा और सुभाष बानूड़ा दोस्त हैं। और इसी दोस्ती के कारण गोदारा ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है।
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