जयपुर का वह अनोखा मंदिर जहां कृष्ण की पत्नी के रूप में विराजित हैं मीरा, बहुत कुछ है खास

बालपन में मीरा ने जिस कृष्ण की मूरत में अपने पति की सूरत देखी, आखिर में उसी संग रचा लिया ब्याह। मेड़ता से जयपुर आने तक का मीरा का सफर अनूठा रहा। अपने गिरधर के मोहपाश में बंधी मीरा सात जन्मों के बंधन में उसी संग बंध गई।

जयपुर के आमेर में स्थित है जगत शिरोमिण मंदिर

मुख्य बातें
  • जयपुर के आमेर में स्थित है जगत शिरोमिण मंदिर
  • पूर्व महाराजा मान सिंह ने मीरा संग रचाया था गिरधर का ब्याह
  • राजा मान सिंह हल्दीघाटी से लाए थे भगवान कृष्ण की मूरत

जयपुर का अतीत गौरवशाली रहा है, इसके पुरातन में कई गाथाएं प्रचलित हैं। यूं तो इतिहास के पन्नों में गुलाबी नगरी जयपुर की कई समृद्धशाली कहानियां हमें गर्व महसूस करवाती हैं। वैसे तो मीरा और कृष्ण की अमर प्रेम गाथा का नाता राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता सिटी का रहा है। मगर राजधानी जयपुर भी इस प्रेम कहानी से अछूती नहीं रही और साक्षी बन गई मीरा के बालपन के संजोए सपने अपने गिरधर की पत्नी बनने की। आपको बता दें कि, जयपुर के तत्कालीन महाराजा मानसिंह ने अपने बेटे जगत सिंह की याद में जयपुर के आमेर में जगत शिरोमणि मंदिर का निर्माण सन 1599 में करवाया था। इस मंदिर को मीरा के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। उस समय इसके निर्माण की लागत करीब 11 लाख रूपए आई थी। मंदिर में भगवान श्री कृष्ण और मीरा की मूर्तियां विराजमान हैं।

संबंधित खबरें

इसके गर्भ गृह में भगवान विष्णु की प्रतिमा भी विराजित है। राजधानी के आमेर फोर्ट के पीछे स्थित मंदिर के निर्माण से जुड़ी खास बात ये है कि, इसमें हिंदू, मुगल व जैन शैली की स्थापत्य कला देखने को मिलती है। मंदिर में भगवान नारायण के वाहन गरुड़ की मूर्ति विशाल छतरी के नीचे स्थित है। इस छतरी को जैन व दक्षिण भारतीय शैली में उकेरा गया है। मंदिर की पत्थरों पर उकेरी गई नक्काशी देखते ही बनती है। आपको बता दें कि अन्य मंदिरों में स्थापति भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों में हल्का सा बांकपन दिखता है। मगर, इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की पूरी प्रतिमा सीधी हैं, परंतु उनके पांवों में बांकपन है।

संबंधित खबरें

मान सिंह ने बहन माना था मीरा को

संबंधित खबरें
End Of Feed