Jaipur: अच्छी खबर! अब गुलाबी नगरी की सड़कों पर नहीं दिखेंगे बेसहारा पशु, सरकार करने जा रही ये कवायद, जानिए पूरा प्लान
Jaipur: सूबे की गहलोत सरकार जयपुर की प्रत्येक पंचायत समिति में नंदीशाला खोलने की तैयारी कर रही है। पशुपालन विभाग की ओर से नंदीशाला खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन 13 फरवरी तक मांगे गए हैं। प्रदेश सरकार 20 बीघा जमीन पर 250 गोवंश के लिए बनने वाली नंदीशाला के निर्माण पर 1.57 करोड़ के कुल खर्च का 90 प्रतिशत देगी। फिलहाल जोबनेर, किशनगढ़-रेनवाल, सांभर लेक और मौजमाबाद पंचायत समितियों में नंदीशाला खोली जानी है।
अब गुलाबी नगरी की सड़कों पर नहीं दिखेंगे बेसहारा पशु (फाइल फोटो)
- नंदीशाला के लिए संस्थाओं से 13 फरवरी तक आवेदन मांगे गए हैं
- सरकार नंदीशाला खोलने के लिए कुल खर्च का 90 फीसदी देगी
- संस्थाओं को एक साल के भीतर नंदीशाला में 250 नंदी रखने होंगे
Jaipur: राजधानी जयपुर के लोगों के लिए ये एक अच्छी खबर है। अब सड़कों पर लोगों को बेहसहारा पशुओं से होने वाली परेशानी से निजात मिलेगी। बता दें कि, राजधानी में ग्रामीण इलाकों से पलायन कर आने वाले बेसहारा पशुओं पर अंकुश लगाने के लिए सूबे की गहलोत सरकार जयपुर की प्रत्येक पंचायत समिति में नंदीशाला खोलने की तैयारी कर रही है।
इस बार की बजट घोषणा के तहत जयपुर के पशुपालन विभाग की ओर से नंदीशाला खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन 13 फरवरी तक मांगे गए हैं। महकमे के संयुक्त निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार के मुताबिक, योजना के तहत फिलहाल जोबनेर, किशनगढ़-रेनवाल, सांभर लेक और मौजमाबाद पंचायत समितियों में नंदीशाला खोली जानी है, जिसके लिए संस्थाओं का चयन होना है। इसके अलावा 15 पंचायत समितियों के लिए आवेदन मांगे गए हैं।
ये नियम होंगे लागू, सरकार देगी इतनी रकमसंयुक्त निदेशक के मुताबिक, महकमे की ओर से नंदीशाला चलाने वाली संस्थाओं से मांगे गए प्रपोजल में संस्था के नाम से 20 बीघा जमीन होना अनिवार्य है। वहीं संस्था के पास कम से कम 250 नर गोवंश की देखभाल का अनुभव होना जरूरी है। नंदीशाला बनने के बाद एक वर्ष के भीतर 250 नंदी बैल को रखना आवश्यक होगा। महकमे के अधिकारियों के मुताबिक, प्रदेश सरकार 20 बीघा जमीन पर 250 गोवंश के लिए बनने वाली नंदीशाला के निर्माण पर 1.57 करोड़ के कुल खर्च का 90 प्रतिशत देगी। जिसका सीधा अर्थ है 1 करोड़ 41 लाख का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
मिलेगी परेशानी से निजात जयपुर के ग्रामीण इलाकों में नंदीशाला बनने के बाद राजधानी जयपुर की सड़कों पर बेसहारा पशुओं की संख्या घट जाएगी। गौरतलब है कि, इस समय शहर में बड़ी तादाद में बेसहारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिसके चलते राजधानी में आए दिन दुर्घटनाएं होती है। परकोटे में तो ट्रैफिक जाम का कारण भी कई बार ये बन जाते है। गुलाबी नगरी में इनकी तादाद में बेतहाशा बढ़ोतरी का मुख्य कारण ये भी है कि, गांवों के लोग इन्हें जयपुर की सीमा में छोड़ देते हैं। जयपुर के ग्रामीण इलाकों की पंचायत समितियों में नंदीशाला बनने के बाद इस समस्या का समाधान हो जाएगा। जिससे जयपुर में लोगों को बेसहरा पशुओं से हाने वाली मुसीबतों से छुटकारा मिलने की संभावना जताई जा रही है।
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