जयपुर: अच्छी खबर! अब नाहरगढ़ में बढ़ेगा लॉयन का कुनबा, जोधपुर से पहुंचा एशियाटिक लॉयन, ये है वन विभाग की योजना

Jaipur: अरावली की पहाड़ियों में स्थित नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में अब गुजरात के गिर के जैसे शेरों की दहाड़ सुनाई देगी। वन विभाग इस उद्यान में शेरों को कुनबा बढ़ाने की जुगत में जुटा है। जिसमें फर्स्ट फेज में महकमे को कामयाबी भी मिली है। नाहरगढ़ में मौजूद शेरनी व जोधपुर से लाया गया एशियाटिक शेर अब परिवार के सदस्यों की तादाद में इजाफा करेंगे।

जयपुर के नाहरगढ़ बायोलाॅजिकल पार्क में अब बढ़ेगा लॉयन का कुनबा (सांकेतिक तस्वीर)

मुख्य बातें
  • नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में अब शेरों की दहाड़ सुनाई देगी
  • जोधपुर के माचिया जैविक उद्यान से जीएस शेर लाया गया है
  • नाहरगढ़ आने वाले सैलानी लाॅयन को नजदीक से देख सकेंगे


Jaipur: राजस्थान के लोगों के लिए ये एक अच्छी खबर है, खासकर जयपुर आने वाले सैलानियों के लिए। राजधानी जयपुर में अरावली की पहाड़ियों में स्थित नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में अब गुजरात के गिर के जैसे शेरों की दहाड़ सुनाई देगी। बता दें कि, वन विभाग इस उद्यान में शेरों को कुनबा बढ़ाने की जुगत में जुटा है। जिसमें फर्स्ट फेज में महकमे को कामयाबी भी मिली है।

नाहरगढ़ में मौजूद शेरनी व जोधपुर से लाया गया एशियाटिक शेर अब परिवार के सदस्यों की तादाद में इजाफा करेंगे। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, वाइल्ड एनिमल्स एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत जोधपुर के माचिया जैविक उद्यान से बुधवार को 10 घंटे का 351 किमी का सफर तय कर जीएस शेर लाया गया है। करीब 9 वर्ष की आयु का शेर व शेरनी तारा का जोड़ा बनाकर पार्क में रखा जाएगा। इससे पहले शेर को पार्क में 3 हफ्ते तक क्वारंटाइन में रखा जाएगा।

ऐसे लाया गया शेर नाहरगढ़ जैविक उद्यान के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर के मुताबिक, जोधपुर से जयपुर तक सफर के दौरान शेर को हर 50 किमी के बाद गाड़ी रोककर रेस्ट दिया गया। इस दौरान उसे खाने में चिकन व मीट दिया गया। शेर को 6 माह के लिए ब्रीड के लिए यहां लाया गया है। डॉ. माथुर के मुताबिक, शेरनी तारा वर्ष 2019 से अकेली रह रही है। ऐसे में उसका जोड़ा बनाने के लिए गुजरात के जूनागढ़ व उदयपुर बायोलॉजिकल पार्क से शेर लाने की योजना सफल नहीं हो पाई। अब जोधपुर से एनिमल एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत 6 महीने के लिए लाॅयन जीएस को जयपुर लाया गया है। योजना का मुख्य उद्देश्य शेरों का परिवार बढ़ाने का है। ऐसे में नाहरगढ़ जैविक उद्यान में आने वाले सैलानी लाॅयन को नजदीक से देख सकेंगे।

ये रहेगी डेली की डाइटडॉक्टर अरविंद माथुर के मुताबिक, जयपुर आने के बाद लाॅयन जीएस को अब तक 12 किलो मटन दिया गया है। वहीं 4 किलो चिकन भी खाने के लिए दिया गया है। इसके अलावा आने वाले 21 दिनों तक इसे पीने के लिए मिनरल वाटर दिया जाएगा। वहीं तनाव से मुक्त रखने के लिए इसे पानी में मिलाकर आवश्यक दवाईयां दी जा रही है। ताकि ये यहां के वातावरण में घुल - मिल सके व खुद को सहज महसूस करे।

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