जयपुर: चौंकिए मत! गुलाबी नगरी में होली इस बार गोबर से, ऑर्गेनिक रंग रखेंगे आपकी सेहत का ख्याल, इतना होगा कलर्स का कारोबार

Jaipur: जयपुर में इस बार गोबर से बने गुलाल से होली खेली जाएगी। शहर के एक युवक ने इस बार होली पर स्वास्थ्य को बिल्कुल नुकसान नहीं पहुंचाने वाले अलग तरह से रंगों को इजाद किया है। युवक ने गोबर से गुलाल बनाया है। जयपुर में बनें रंग व गुलाल प्रदेश सहित यूपी, हरियाणा व पंजाब तक के लोग मुरीद हैं। इस बार 30 से 35 करोड़ तक के रंग बिकने का अनुमान लगाया जा रहा है।

Jaipur holi

जयपुर में इस बार गोबर व ऑर्गेनिक रंगों से खेलेंगे होली (प्रतीकात्मक तस्वीर)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • युवक ने गोबर से प्राकृतिक गुलाल व रंग बनाया है
  • इस बार 30 से 35 करोड़ के रंग बिकने का है अनुमान
  • जयपुर में बनें रंगों की कई प्रदेशों में भारी मांग

Jaipur: राजस्थान की राजधानी जयपुर अपने वैभवशाली इतिहास व इमारतों के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है। यहां की होली भी खास तरह की पहचान रखती है। यही वजह है कि, सैलानी यहां रंगों से सराबोर होने के लिए सता समंदर पार से आते हैं। इस बार होली पर बाजारों में कई तरह के ऑर्गेनिक रंग व गुलाल बाजार में दिखेंगे।

मगर कोई कहे कि, इनमें से कुछ गोबर से बनें हैं तो हैरान मत होइएगा। ये सच भी है, क्योंकि जयपुर में इस बार गोबर से बने गुलाल से होली खेली जाएगी। शहर के एक युवक ने इस बार होली पर स्वास्थ्य को बिल्कुल नुकसान नहीं पहुंचाने वाले अलग तरह से रंगों को इजाद किया है। युवक ने गोबर से गुलाल बनाया है।

इस तरह बनाया गोबर से गुलालयुवक के मुताबिक, यह गुलाल पूरी तरह ऑर्गेनिक होने के साथ ही हेल्थ के लिए 100 प्रतिशत सुरक्षित है। गुलाल को बनाने के लिए गोबर को बिल्कुल महीन पीसकर उसका पाउडर बनाया गया है। इसके बाद इसमें अरारोट और खाने के रंगों का इस्तेमाल किया गया है। इसमें खुश्बू के लिए भी बिल्कुल प्राकृतिक तरीका अपनाया गया है, जिसमें फूलों की सुगंध मिलाई गई है। हालांकि गोबर की दुर्गंध को हटाने के लिए सबसे पहले इसे धूप में सुखाया गया है, इसके बाद ही गुलाल बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया है।

जयपुर के गुलाल के मुरीद ये प्रदेशजयपुर में धुलंडी पर कलर लगाने का इस बार नया प्रचलन दिख रहा है। केमिकल और दूसरे हानिकारक पदार्थों से बने गुलाल व रंग लगाने से लोग परहेज करते दिख रहे हैं। रहवासियों के मुताबिक, इनसे त्वचा खराब होती है व सांस के साथ नुकसानदायक कण फेंफड़ों में जाते हैं। यही वजह है कि, इस बार होली पर ऑर्गेनिक रंग व गुलाल विकल्प के तौर पर बाजारों में मौजूद हैं। गुलाल व रंग फलों की सुगंध वाली दुकानों पर सजने लगे हैं। इस कारोबार से जुड़े व्यापारियों के मुताबिक जयपुर में अरारोट से गुलाल बनाने वाले 7 बड़े कारोबारी हैं। एक अनुमान के मुताबिक, एक हजार टन अरारोट से गुलाल निर्मित किया जा रहा है। कारोबारियों के मुताबिक, जयपुर में बनें रंग व गुलाल के प्रदेश सहित यूपी, हरियाणा व पंजाब तक के लोग मुरीद हैं। इस बार 30 से 35 करोड़ तक के रंग बिकने का अनुमान लगाया जा रहा है।

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