Jaipur: खाटू श्याम में श्रद्धा पूरे परवान पर, अब तक इतने लाख भक्त पहुंचे बाबा के दर पर, ये है पूरी डिटेल
Jaipur: खाटू श्याम मंदिर कमेटी के दावों के मुताबिक अब तक करीब 8 लाख भक्त बाबा के दर पर पहुंच चुके हैं। बता दें कि, 21 फरवरी को आरंभ हुआ बाबा का लक्खी मेला होली तक चलेगा। धुलंडी के दिन बाबा के संग फूलों, इत्र व अबीर से होली खेलने के बाद ही श्रद्धालु अपने घरों की ओर लौटेंगे व मेला संपन्न होगा। 3 मार्च को एकादशी पर बाबा के दर पर सबसे अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
राजस्थान के प्रसिद्ध खाटूश्याम मंदिर में बाबा के दर्शनों की आस में इंतजार कर रहे श्रद्धालु
- अब तक 8 लाख श्रद्धालु पहुंचे बाबा श्याम के दर पर
- 3 मार्च को बाबा की एकादशी पर दो लाख भक्तों के पहुंचने का है अनुमान
- धुलंडी पर बाबा संग खेलेंगे श्याम भक्त इत्र, फूलों व गुलाल से होली
Jaipur: राजस्थान के सीकर जिले में स्थित देश- विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र खाटू श्यामजी में इस वक्त आस्था अपने पूरे परवान पर है। हर एक दिशा में कलयुग के अवतार हारे के सहारे बाबा श्याम के जयकारों से आसमान की फिजाएं सराबोर है।
कोई पैदल तो कोई पेट के बल बाबा के दरस की आस लिए खाटू श्याम मंदिर की ओर कूच कर रहा है। खाटू श्याम मंदिर कमेटी के दावों के मुताबिक, अब तक करीब 8 लाख भक्त बाबा के दर पर पहुंच चुके हैं। बता दें कि, 21 फरवरी को आरंभ हुआ बाबा का लक्खी मेला होली तक चलेगा। धुलंडी के दिन बाबा के संग फूलों, इत्र व अबीर से होली खेलने के बाद ही श्रद्धालु अपने घरों की ओर लौटेंगे व मेला संपन्न होगा। 3 मार्च को एकादशी पर बाबा के दर पर सबसे अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। सीकर जिला प्रशासन भी पूरा मुस्तैद है, सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
जिधर देखो उधर बाबा श्याम का नामबाबा श्याम का मेला अब पूरे परवान पर है, हर ओर भक्तों का रेला दिख रहा है। हाथों में श्याम का निशान थामे श्रद्धालु ढोल तासों की धुनों पर थिरकते खाटू नगरी की ओर बढ़ रहे हैं। वहीं आस्था के इस मंजर में श्रद्धा के तौर पर बाबा के मुरीद भंडारों में पद यात्रियों के लिए चिकित्सा व खाने- पीने की निशुल्क व्यवस्थाओं में जुटे हैं। बता दें कि, भक्तों के लिए बाबा श्याम का मेला किसी उत्सव से कम नहीं है। इस समय देश के कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, जयपुर, बेंगलुरु, अहमदाबाद, असम, बिहार, पंजाब, हरियाणा सहित कई हिस्सों से आने वाले श्याम भक्तों को इस फाल्गुनी लक्खी मेले का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस लिए प्रशासन कई माह पहले ही खाटू श्याम मंदिर आने वाले भक्तों के लिए तैयारियां शुरू कर देते है।
जाने मंदिर का पूरा इतिहास यहां के लोग बताते हैं कि, बाबा श्याम का मंदिर 1027 ई. में रूपसिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कंवर की ओर से बनवाया गया था। इसके बाद उस समय के तत्कालीन मारवाड़ के शासक के निर्देश पर 1720 ई. में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया। मंदिर को उस समय आज का वर्तमान आकार दिया गया था और मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया गया था। बताया जाता है कि, बाबा श्याम के इस मंदिर में बर्बरीक का शीश मूर्ति के रूप में विराजित है। शीश एक कुंड की खुदाई के समय निकला था, इस जगह पर मिट्टी के टीले पर एक गाय रोजाना आकर दूध देती थी। इसके बाद ग्रामीणों ने उस जगह को खुदवाया तो वहां पर बाबा का शीश निकला। कुंड आज भी यहां पर मौजूद है, जिसे श्याम कुंड के नाम से जाना जाता है। भक्त यहां पर स्नान करते हैं।
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