Jaipur: जयपुर के हजारों घरों में जल्द सप्लाई होगी पाइपलाइन से घरेलू गैस, कनेक्शन के लिए ऐसे करना होगा अप्लाई
Jaipur Supply of Domestic Gas: 2023 के मार्च तक राजधानी के करीब 10 हजार घरों में पाइपलाइन के जरिए घरेलू गैस की आपूर्ति की जाएगी। पीएनजी की पाइपलाइन जोबनेर से कालवाड़ रोड तक पहुंच चुकी है। शहर में पीएनजी गैस 52.50 रुपए प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर में मिलेगी। कनेक्शन के लिए शुरुआत में 6 हजार रुपए देने होंगे। सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत प्रदेश के 96 लाख घरों में आगामी 8 वर्षों में पाइपलाइन से घरेलू गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे।
जयपुर के हजारों घरों में जल्द सप्लाई होगी पाइपलाइन से घरेलू गैस (सांकेतिक तस्वीर)
- मार्च 2023 तक जयपुर के 10 हजार घरों में पहुंचेगी पीएनजी गैस
- प्रदेश में 8 सालों में 96 घरों में पहुंचेगी पीएनजी
- दावा - पीएनजी से हादसों में आएगी कमी
बता दें कि, पीएनजी की पाइपलाइन जोबनेर से कालवाड़ रोड तक पहुंच चुकी है। इसके बाद यह अजमेर रोड स्थित महिंद्रा सेज पहुंचेगी। यहां पर एक अपार्टमेंट में 1200 लोगों को घरेलू कनेक्शन देने के लिए अपार्टमेंट की सोसायटी का कंपनी से एमओयू हो चुका है। शहर में पीएनजी गैस 52.50 रुपए प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर में मिलेगी। कनेक्शन के लिए शुरुआत में 6 हजार रुपए देने होंगे। 5500 रुपए सिक्योरिटी राशि होगी, जो कनेक्शन हटाने पर रिफंड हो सकेगी।
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8 वर्षों में 96 लाख घरों में पहुंचेगी गैसपीएनजी माइंस व पेट्रोलियम के एसीएस सुबोध अग्रवाल के मुताबिक, सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत प्रदेश के 96 लाख घरों में आगामी 8 वर्षों में पाइपलाइन से घरेलू गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे। इसे लेकर 33 जिलों में कार्यरत 14 गैस कंपनियों को तय अवधि में पाइपलाइन से गैस वितरण व्यवस्था सहित सीएनजी वितरण व्यवस्था को प्रभावी करने के निर्देश दिए हैं। एसीएस के मुताबिक, केंद्र की ओर से राजस्थान के सभी जिलों में 96 लाख कनेक्शन देने का लक्ष्य दिया गया है। जिसमें केंद्रीय एजेंसी पीएनजी रेग्युलेटरी बोर्ड ने सरकार को सभी जिलों में काम करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए कई गैस कंपनियों से संपर्क किया गया है। जयपुर में मार्च 2023 तक घरों में गैस कनेक्शन देने के बाद लोगों को राहत मिलेगी।
हादसों में आएगी कमीएसीएस के मुताबिक, इस योजना के बाद हाल ही में हुए जोधपुर जैसे हादसों में कमी आएगी। इसमें खास बात ये रहती है कि, पाइपलाइन से पाइप्ड नेचुरल गैस सप्लाई होती है। जिसमें मुख्य तौर पर मीथेन गैस होती है। जो कि, हवा से बहुत हल्की होती है। रिसाव की स्थिति में यह गैस ऊपर उड़ जाती है। यही वजह है कि, इससे हादसा होने की संभावना बहुत कम रहती है। वहीं यह एलपीजी से 30 प्रतिशत तक सस्ती होती है। एसीएस के मुताबिक, एलपीजी में प्रोपेन गैस इस्तेमाल होता है। जो हवा से भारी होने के कारण नीचे ही जमा होकर फैलती है। आग लगने की परिस्थिति में ये बहुत खतरनाक नतीजे देती है। एसीएस सुबोध अग्रवाल के मुताबिक, राज्य में अब तक एक लाख कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। बारां जिले में तीन हजार घरों में पीएनजी पहुंच चुकी है। कोटा में पाइपलाइन डाली जा रही है। धौलपुर जिले में मार्च तक 3 हजार कनेक्शन दिए जाने का लक्ष्य है। वहीं अलवर में 5500 घरों में कनेक्शन देने की कवायद शुरू कर दी गई है।
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