Jaipur News: दो शातिर ठग चढ़े पुलिस के हत्थे, ऑनलाइन लोन देने के नाम पर करते थे ठगी

Jaipur News: ऑनलाइन लोन के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से तलाशी के दौरान फेक आई कार्ड के जरिए खरीदी हुई दर्जनों सिमकार्ड बरामद की हैं। अब तक सैकड़ों लोगों को अपना निशाना बना चुके हैं।

जयपुर पुलिस ने दो शातिर ठगों को किया अरेस्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुख्य बातें
  • आरोपी पहले कम ब्याज पर लोन देने के नाम पर फंसाते थे शिकार को
  • झांसे में आए लोगों को करवाते थे एक एप डाउनलोड
  • ठगी के शिकार हुए लोगों को ब्लैकमेल कर ऐंठते थे रुपए

Jaipur News: राजधानी जयपुर की गलता गेट थाना पुलिस ने ऑनलाइन लोन के नाम पर ठगी करने के दो आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया। पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से तलाशी के दौरान फेक आई कार्ड के जरिए खरीदी गई दर्जनों सिमकार्ड बरामद किए हैं। बहरहाल पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है। हालांकि पुलिस ने दावा किया है कि, आरोपियों से पूछताछ में कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।

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डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख के मुताबिक, अक्टूबर महीने में इमरान मोहम्मद ने गलता गेट थाने में मामला दर्ज करवाया था कि, उसे ऑनलाइन लोन देने के नाम पर साइबर ठगों ने उसके मोबाइल पर एक एप डाउनलोड करवाकर उसके साथ ठगी कर ली। इसके अलावा पीड़ित ने आरोप लगाया था कि, उससे रुपए की मांग की गई। रुपए नहीं देने पर उसके फोटो एडिट कर न्यूड फोटो बना बदनाम करने की धमकी दी गई। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने बदमाशों की तलाश कर उन्हें दिल्ली के कापसहेड़ा इलाके से गिरफ्तार किया है।

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अब तक सैंकड़ों को बना चुके अपना शिकारडीसीपी परिश देशमुख के मुताबिक, पुलिस की ओर से की गई पूछताछ में आरोपियों से इस बात का खुलासा हुआ है कि, वह अब तक सैकड़ों लोगों को अपना निशाना बना चुके हैं। दोनों आरोपी अलग-अलग मोबाइल नंबरों के जरिए लोगों से संपर्क कर उन्हें बेहद कम ब्याज की दरों पर ऑनलाइन लोन देने का झांसा देते हैं। ठगों के झांसे में फंसने के बाद वे पीड़ित के मोबाइल पर एक एप डाउनलोड करवा कर एप के अकाउंट में 3 से 5 हजार रुपए डालते हैं। इसके बाद आरोपी इनके झांसे में आए लोगों को ब्लैकमेल करना शुरू करते हैं। जिसमें उसकी फोटो को एडिट कर न्यूड फोटो में बना उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर रुपए की मांग करते थे। आरोपी लोगों से वसूली गई राशि को फेक दस्तावेजों के आधार पर खुलवाए गए अलग-अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देते थे। इसके बाद आरोपी उस रकम को निकाल लेते थे। डीसीपी के मुताबिक, पूछताछ में बदमाशों ने ये राज भी उगला है कि, यदि कोई व्यक्ति उन्हें रुपए देने से इंकार करता था तो उसकी फोटो एडिट कर सोशल मीडिया पर वायरल कर देते थे।

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