Lakhi Mela 2025: कब लगेगा लक्खी मेला, VIP दर्शन बंद; QR कोड से मिलेंगे खाटू श्याम के दर्शन; किए गए 8 बदलाव

Lakkhi Mela 2025: खाटू श्याम लक्खी मेले (Khatu Shyam Lakhi Mela) का आयोजन 28 फरवरी से 11 मार्च तक किया जाएगा। इस बार संभावित भीड़ को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यातायात प्रबंधन और दर्शन व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इस बार वीआईपी दर्शन पूरी तरह बंद रहेंगे। सिर्फ सरकारी प्रोटोकॉल के तहत आने वाले विशेष व्यक्तियों को ही अनुमति दी जाएगी।

Khatu Shyam Lakhi Mela 2025

लक्खी मेला 2025

Lakkhi Mela 2025: खाटू श्याम पर देश-दुनिया के लोग अपनी मनोकामनाएं लेकर दर्शन को पहुंचते हैं। 'भक्त हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम हमारा' कहते हुए बाबा से अपनी मन्नते मांगते हैं। ऐसी मान्यता है कि बाबा के दरबार में अर्जी लगाने से काम बनते हैं। वैसे तो साल भर खाटू श्याम के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दराज से पहुंचते हैं, लेकिन बाबा श्याम के जन्मोत्सव पर प्रत्येक साल बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जिस मेले को खाटू श्याम लक्खी मेला (Khatu Shyam Lakhi Mela) कहा जाता है। इस वर्ष मेले का आयोजन 28 फरवरी से 11 मार्च तक किया जाएगा। अन्य वर्षों की भांति इस बार भी मेले में बड़ी संख्या में आस्थावान पहुंचेंगे। लिहाजा, संभावित भीड़ को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यातायात प्रबंधन और दर्शन व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इस बार वीआईपी दर्शन पूरी तरह बंद रहेंगे। सिर्फ सरकारी प्रोटोकॉल के तहत आने वाले विशेष व्यक्तियों को ही अनुमति दी जाएगी।

इस बार व्यवस्था हाईटेक रहेगी। इसीलिए भक्तों को मंदिर परिसर तक सुगम दर्शन की सुविधा देने के लिए प्रशासन ने क्यूआर कोड जारी करने का निर्णय लिया गया है। इसे स्कैन कर श्रद्धालु मंदिर तक पहुंचने का सही मार्ग जान सकें। इसके अलावा यातायात और पार्किंग को व्यवस्थि करने का प्लान तैयार किया गया है, ताकि दर्शन करने वालों को किसी प्रकार की असुविधा हो।

कैसी रहेगी लक्खी मेले में पार्किंग

  • जानकारी के मुताबिक, मंडा के नजदीक छोटो वाहनों के लिए विशाल पार्किंग स्थल विकसित किया जाएगा, जहां से श्रद्धालुओं के माध्यम से 52 बीघा पार्किंग तक लाया जाएगा। ये पार्किंग सिर्फ मिनी बसों के लिए आरक्षित रहेगी। लिहाया, यहां बड़े वाहनों को जाने की अनुमति नहीं होगी।
  • छोटे वाहनों का खाटू मोड़ से मंदिर तक प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
  • ई रिक्शा संचालन के लिए विशेष पास जारी किए जाएंगे, बिना पास वाले ई रिक्शा को जब्त कर लिया जाएगा।
  • भंडारे का समय भी निर्धारित किया जाएगा, जिसके लिए शुल्क लिया जाएगा।
  • श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर 8 फीट से ऊंचे निशान मंदिर में ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा।

ये होंगे बदलाव

  • रिंग रोड पर DJ और शराब पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
  • होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशालाओं में कुछ कमरे प्रशासन के लिए आरक्षित रखे जाएंगे।
  • मेडिकल यूनिट्स और इमरजेंसी सेवाओं को मजबूत किया गया है।
  • अग्निशमन और एंबुलेंस के लिए विशेष आपातकालीन मार्ग तैयार किया गया है।
कब तक लगेगा लक्खी मेला

इस मेले को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं हैं। तभी बाबा खाटू श्याम पर गुलाब चढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। भक्तों को विश्वास है कि बाबा हारे का सहारा बनते हैं और बिगड़े हुए भाग्य बदलते हैं। यही कारण है कि खुशियों की चाहत में बड़ी संख्या में लोग वहां दर्शन करने पहुंचते हैं। जानकारों के मुताबिक, प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तक लक्खी मेला रहता है, जिसमें भारी संख्या में भीड़ रहती है। बहुत लोग धुलंडी तक यहीं ठहरते हैं और बाबा श्याम के साथ होली खेलकर अपने घरों को लौटते हैं।

कैसे पहुंचे खाटू श्याम

खाटू श्याम जाने के लिए रेलवे स्टेशन या कोई बड़े ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था नहीं है। लिहाजा, लोग रींगस जक्शन तक ट्रेन से पहुंच सकते हैं। वहां से बाबा का मंदिर करीब 17 किलोमीटर है। रींगस जंक्शन राजस्थान के अलावा मुंबई, सूरत, अहमदाबाद और चंड़ीगढ़ से जुड़ा है। जहां से टैक्सी इत्यादि से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। वहीं, जयपुर से 70 किलोमीटर तो सीकर शहर से खाटू की दूरी करीब 45 किलोमीटर है। कार, टैक्सी या बस के जरिए आपको करीब 1 घंटे के आसपास समय लग सकता है।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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