Kidney Transplant Racket: वाह डॉक्टर साहब! आपने तो किडनी की सेल लगा दी, डोनर भी विदेश से मंगवा रहे
Jaipur Kidney Transplant Racket: जयपुर में अवैध तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले एक रैकेट का खुलासा हुआ है। इस मामले में 3 मरीज और दो डोनर गिरफ्तार किए गए हैं। इस गिरोह का सरगना अभी फरार है।
किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का खुलासा (सांकेतिक फोटो)
Jaipur Kidney Transplant Racket: किडनी, हार्ट, आंखें, अग्नाशय, फेफड़े जैसे अंगों का दान करने से बहुत से लोगों को नया जीवन मिलता है, लेकिन कुछ लोगों ने इस निस्वार्थ काम को भी सौदेबाजी का रूप दे दिया है। राजस्थान की राजधानी जयपुर से अंगों के सौदेबाजी की ऐसी ही एक खबर सामने आई है, जिससे मेडिकल इंड्रस्ट्री में हड़कंप मच गया। दरअसल जयपुर में अवैध तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। सीएम के फ्लाइंग स्क्वाड और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी के दौरान इस गिरोह का भंडाफोड किया। इस मामले में तीन मरीज और दो डोनर गिरफ्तार किए गए हैं। हालांकि गिरोह का सरगना बांग्लादेश का मो. मुर्तजा अंसारी अभी तक पकड़ा नहीं गया है। इस संबंध में राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह ने विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह से रिपोर्ट मांगी है। इस बारे में वे अस्पताल के प्रशासन से जवाब तलब भी कर सकती हैं।
गुरुग्राम का गेस्टहाउस
यह मामला जयपुर के एक फेमस अस्पताल का है, जहां पर अवैध तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट हो रहा था। इसके लिए डोनर और मरीज दोनों बांग्लादेश से बुलाए जाते थे। जिन्हें गुरुग्राम के नामी अस्पताल का झांसा देकर बुलाया जाता, फिर इन्हें गुरुग्राम के गेस्ट हाउस में ठहराया जाता। इसके बाद जयपुर के अस्पताल में उनका किडनी ट्रांसप्लांट कराया जाता। मुर्जता अंसारी की इस अस्पताल में कुछ कर्मचारियों से पहचान थी, जिनकी मिलीभगत से वह इस काम को अंजाम देता था। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए डोनर को दो लाख रुपये दिए जाते थे। किडनी दिलाने के लिए मो. मुर्तजा अंसारी 10 से 12 लाख रुपये लेता था।
गोपनीय सूचना के आधार पर कार्रवाई
सीएम के फ्लाइंग स्क्वाड की ओर से जानकारी मिली है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मिलकर गेस्ट हाउस पर छापेमारी की गई। यह कार्रवाई गोपनीय सूचना के आधार पर की गई। जहां मौके से दो डोनर और तीन मरीज मिले, ये सभी लोग बांग्लादेश के रहने वाले हैं। डोनर की पहचान 24 वर्षीय शमीम मेहंदी हसन, 30 वर्षीय हुसैन मोहम्मद के तौर पर हुई। वहीं मरीजों की पहचान 25 वर्षीय महमूद सैयद अकब, 33 वर्षीय हुसैन मोहम्मद और 66 वर्षीय इस्लाम नुरुल के रूप में हुई। पूछताछ में पता चला कि ये लोग मुर्तजा अंसारी के बुलाने पर यहां आए थे और इनमें आपस में कोई रिश्ता नहीं मिला है। इन लोगों के पास से अस्पताल के कागजात भी बरामद हुए हैं।
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