Rajasthan News: पशुपालकों के लिए अच्छी खबर, राजस्थान में शुरू हुई ‘सचल पशु चिकित्सा इकाई’

राजस्थान में सचल पशु चिकित्सा इकाई (MVU) की शुरुआत हुई है। सीएम भजनलाल शर्मा ने 21 एमवीयू को हरी झंडी दिखाई। एमवीयू एक लाख पशुओं पर एक कार्य करेगी। पशुओं के प्राथमिक उपचार के लिए राज्य स्तर पर कॉल सेंटर भी खुलेंगे।

जानवरों के इलाज के लिए सचल पशु चिकित्सा यूनिट

Rajasthan News: राजस्थान में सीएम भजनलाल शर्मा ने ‘सचल पशु चिकित्सा इकाई’ (हेल्पलाइन नम्बर 1962) की शुरुआत की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार कृषक कल्याण एवं पशुपालकों के हित में दूरगामी निर्णय कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ पशुधन के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। इसी क्रम में हमारी सरकार ने सचल पशुचिकित्सा इकाई (एमवीयू) की शुरुआत की है। इसके माध्यम से पशुओं को शीघ्र चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध होगी और प्रदेश के पशुपालक समृद्ध होंगे। उन्होंने 21 एमवीयू को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके अतिरिक्त राज्य में जिला स्तर पर आयोजित समारोहों में 159 इकाइयों का लोकार्पण भी किया गया।

राज्य स्तर पर खुलेंगे कॉल सेंटर

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक एक लाख पशुओं पर एक एमवीयू कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय कॉल सेंटर की स्थापना भी की जाएगी, जो पशुओं के सामान्य रोगों के उपचार के लिये टेलीमेडिसिन व्यवस्था एवं पशु प्रबंधन, पोषण आदि के लिए सलाह भी देगा। कॉल सेंटर के माध्यम से पशुओं का आपात स्थिति में प्राथमिकता से उपचार सुनिश्चित हो सकेगा। सरकारी बयान के अनुसार शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार कृषक कल्याण एवं पशुपालकों के हित में दूरगामी निर्णय कर रही है। सरकार ने अपने पहले बजट में ही गौवंश संरक्षण के लिए शेड, खेली का निर्माण तथा दुग्ध, चारा, बांटा संबंधी उपकरण खरीदने के लिए गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत एक लाख रुपए तक ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण घोषणा की है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने विधिवत तरीके से गौ पूजन कर समारोह की शुरुआत की।

1600 तकनीकी व्यक्तियों को मिलेगा रोजगार

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक प्रखंड में सचल इकाइयों द्वारा पशु चिकित्सा शिविरों का आयोजन कर पशुपालकों को लाभान्वित भी किया जाएगा। प्रत्येक प्रखंड में एक सचल पशु चिकित्सा इकाई के लिए एक पशु चिकित्सक, एक तकनीकी पशु चिकित्साकर्मी एवं एक चालक सह पशु परिचारक होंगे। इससे लगभग 1600 तकनीकी व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।

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