Place to Visit Near Jaipur: शाम को इस गांव में जाना है मना, फिर भी सबसे बड़ा टूरिस्ट प्लेस, जानिए कैसे
Place to Visit Near Jaipur: थार के रेगिस्ताान में जैसलमेर से करीब 18 किमी की दूरी पर स्थित है ये डरावना गांव ‘कुलधरा‘। इस गांव में शाम को जाने पर प्रशासन की ओर से पाबंदी लगाई हुई है। इसके बाद भी प्रदेश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है ये गांव। इस गांव के बारे में जानने व इसे देखने के लिए साल भर में करीब 50 हजार सैलानी यहां आते हैं। जिससे सरकार को करीब 15 लाख रुपए की सालाना आय होती है।
राजस्थान के वीरान गांव कुलधरा में शाम के बाद जाना मना है (फाइल फोटो)
- 13 सौ साल पहले बसा ये गांव 200 साल पहले उजड़ गया था
- इस डरावने गांव को देखने हर साल करीब 50 हजार सैलानी आते हैं
- सरकार को पर्यटकों से सालाना करीब 15 लाख की आय होती है
Place to Visit Near Jaipur: राजस्थान की पहचान वैसे तो किलों, शानदार महलों व हवेलियों से है। मगर इसकी एक और पहचान है जिसमें आप अगर गुगल पर सर्च करेंगे भूतों वाला गांव, भयानक गांव शाम को इस गांव में जाना मना है तो एक काॅमन नाम सामने आएगा ‘कुलधरा‘। थार के रेगिस्ताान में जैसलमेर से करीब 18 किमी की दूरी पर स्थित है ये डरावना गांव। इस गांव में शाम को जाने पर प्रशासन की ओर से पाबंदी लगाई हुई है।
इसके बाद भी प्रदेश में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है कुलधरा गांव। इस गांव के बारे में जानने व इसे देखने के लिए साल भर में करीब 50 हजार सैलानी यहां आते हैं। जिससे सरकार को करीब 15 लाख रुपए की सालाना आय होती है, जिसके गांव के रिनाॅवेशन पर खर्च किया जाता है। ताकि पर्यटकों को 1300 साल पहले बसे गांव जैसे लुक अब देखने को मिले। यह गांव जयपुर से करीब 587 किमी की दूरी पर स्थित है व नजदीकी एयरपोर्ट जोधपुर है।
रातोरात पलायन कर गए थे ग्रामीणइलाके के इतिहासकारों के मुताबिक, 13 सौ साल पहले बसे गांव में 400 से अधिक घर थे। जो कि, अब खंडहरों में बदल चुके हैं। इलाके के इतिहासकारों के मुताबिक, वर्तमान से करीब दो सौ साल पहले गांव कुलधरा समेत पालीवाल ब्राह्मणों के 84 गांव के करीब 5 हजार लोग रातोंरात यहां से पलायन कर गए थे। जो कि, जोधपुर, बाड़मेर, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश व बीकानेर में जाकर बस गए थे। इलाके के लोगों के मुताबिक, गांव कुलधरा के खंडहर बन चुके घरों में रात्रि में महिलाओं के चूड़ियों की आवाज आती है। वहीं खाबा फोर्ट को सबसे डरावना बताया जाता है। लोगों का कहना है कि, इन कहानियां के पीछे की वजह है कि, पहले लोग घरों में खजाना ढूंढने जाते थे, कोई और नहीं जाए इसके लिए ये डर वाली कहानियां गढ़ी गई है।
दीवान के जुल्मों से उजड़ा गांवगांव कुलधरा के उजड़ने को लेकर इतिहासकार अलग- अलग कहानियां बताते हैं। कोई इसे भूकंप के कारण तो कोई इसके अकाल के कारण उजड़ना बताता है। हां इतिहास के पन्नों में रजवाड़ों के समय में हुए जुल्मों की कहानियां भी दर्ज हैं जो कि, इसके उजड़ने की मुख्य वजह रही है। जिसमें फिरंगी लेखक कर्नल टाॅड ने भी अपनी पुस्तक में इसका जिक्र किया है। सन 18वीं सदी में जैसलमेर के राजघराने के दीवान सालिम सिंह गांव कुलधरा के प्रधान की बेटी से विवाह करना चाहता था। हालांकि उसकी पहले से 7 पत्नियां थीं। वह प्रधान की बेटी शक्त्ति मैया को पसंद करता था। उसने ग्रामीणों को धमकी देकर कहा कि, अगर उसके साथ शादी नहीं की गई तो वह गांव उजाड़ देगा। उसने इसके लिए ग्रामीणों को एक दिन की मोहलत दी। इसके बाद गांव के लोगों ने अपनी इज्जत बचाने के लिए गांव खाली कर दिया था, ऐसा कहा जाता है कि, गांव वालों ने जाते समय ये श्राप दिया था कि, आने वाले समय में यहां कोई नहीं रह पाएगा। हालांकि जैसलमेर राज घराने की ओर से लगान बढ़ाने को लेकर भी गांव के उजड़ने की कहानी लोग बताते हैं। मगर मुख्य तौर पर ज्यादातर इतिहासकारों ने सालिम सिंह के अत्याचारों को गांव के उजड़ने की वजह बताई है।
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