President Draupadi Murmu Rajasthan Visit : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर रही है 18वीं नेशनल स्काउट-गाइड जम्बूरी की शुरुआत, रोचक है इतिहास
President Draupadi Murmu in Rajasthan: पाली जिले के निम्बली गांव में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 18वीं राष्ट्रीय स्काउट और गाइड जम्बूरी का उद्घाटन करने जा रही हैं। इस आयोजन में देश-विदेश के करीब 35 हजार स्काउट-गाइड हिस्सा ले रहे हैं। इनके रहने के लिए 220 हेक्टेयर क्षेत्र में 3520 टेंट बनाए गए हैं। यह राजस्थान की दूसरी जम्बूरी है, इससे पहले वर्ष 1956 में जयपुर में जम्बूरी आयोजित हुई थी।
जम्बूरी आयोजन के लिए लगाए गए टेंट
मुख्य बातें
पाली जिले के निम्बली गांव में आयोजित हो रही है जम्बूरी
इस आयोजन में देश विदेश के 35 हजार स्काउट-गाइड लेंगे हिस्सा
66 साल पहले जयपुर में वर्ष 1956 में आयोजित हुई थी जम्बूरी
इस आयोजन में देश विदेश के 35 हजार स्काउट-गाइड लेंगे हिस्सा
66 साल पहले जयपुर में वर्ष 1956 में आयोजित हुई थी जम्बूरी
President Draupadi Murmu in Rajasthan: राजस्थान के पाली जिले में स्थित निम्बली गांव में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 18वीं राष्ट्रीय स्काउट और गाइड जम्बूरी का उद्घाटन कर रही हैं। यहां पर देश-विदेश के करीब 35 हजार स्काउट-गाइड के रहने के लिए 220 हेक्टेयर क्षेत्र में 3520 टेंट बनाए गए हैं। इस जम्बूरी की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व राज्यपाल कलराज मिश्र आ दोपहर बाद करेंगे। बता दें कि यह राजस्थान की दूसरी जम्बूरी है, इससे पहले वर्ष 1956 में पहली बार राजस्थान की राजधानी जयपुर में जम्बूरी आयोजित हुई थी। 66 साल बाद एक बार भी इस प्रदेश में जम्बूरी का आयोजन किया जा रहा है। इस बार जम्बूरी में बांग्लादेश, सऊदी अरब, घाना, श्रीलंका, मलेशिया, नेपाल, केन्या आदि देशों के भी 400 स्काउट-गाइड शामिल हो रहे हैं।
बता दें कि राष्ट्रीय जम्बूरी का आयोजन 70 साल से किया जा रहा है। वर्ष 1953 में पहली बार हैदराबाद में जम्बूरी का आयोजन किया गया था। उस दौरान इस कार्यक्रम में करीब 7 हजार स्काउट-गाइड ने भाग लिया था। इसके बाद धीरे-धीरे इस आयोजन में भाग लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ती गई। इस बार राजस्थान में आयोजित हो रहे इस जम्बूरी में 35 हजार स्काउट-गाइड हिस्सा ले रहे हैं। इस कार्यक्रम के दौरान 35 हजार बच्चे एक साथ सॉन्ग गाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं।
जानें जम्बूरी का इतिहासजम्बूरी का इतिहास साउथ अफ्रीका से जुड़ा है। इतिहास के अनुसार यहां के मैफकिंग नाम के एक कस्बे में सन् 1899-1900 के बीच 1500 गोर और 8000 स्थानीय लोग रहते थे। डच (बोआर) की करीब 9000 लोगों की सेना ने मैफकिंग पर कब्जा करने के लिए उसे चारों तरफ से घर लिया। इस दौर में बेडन पावल (जिन्होंने स्काउट की स्थापना की) मैफकिंग में ही पोस्टेड थे। डच सैनिकों से युद्ध लड़ने के लिए उनके पास 1 हजार सैनिक और सिर्फ 8 बंदूकें थीं, लेकिन इसके बाद भी पावेल ने 218 दिन तक डच लोगों को अपने कस्बे में नहीं घुसने दिया। इसका सबसे बड़ा कारण मैफकिंग का 9 वर्ष से अधिक उम्र के लड़कों की सेना तैयार करना था। छोटे बच्चों को फर्स्ट ऐड और दूसरे कामों में लगाया गया और बड़े लोगों को युद्ध लड़ने के लिए। इसी घटना के बाद बेडन पावल ने ‘एड्स टू स्काउटिंग’ नामक पुस्तक लिखी। इसके बाद पावल ने 1907 में पुल हार्वर के निकट ब्राउन सी द्वीप में 29 जुलाई से 9 अगस्त तक 20 लड़कों के साथ प्रथम स्काउट शिविर बेडन पावेल ने आयोजित किया। जिसके आधार पर ही भारत में जम्बूरी का आयोजन होता है।
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