Rajasthan Expressway, Highway List: सुहाने सफर के हमसफर हैं ये हाईवे, राजस्थान में खुलने वाला है दुनिया का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे
Rajasthan Highway List and Route Map in Hindi: राजस्थान की रेतीली राहों पर लोगों का सफर आसान बनाने के लिए सड़कों के इंफ्रास्ट्रक्चर (Road Infrastructure) पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि, राज्य में कई स्टेट, नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे हैं। तो चलिए इस लेख के जरिए आज उन सभी हाईटेक सड़क मार्गों की वास्तविक संख्या के साथ उनकी लंबाई और अन्य खूबियों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।
राजस्थान की राहें
Rajasthan Highway List and Route Map: थार के मरुस्थल पर उम्मीदों की फेहरिस्त लेकर बैठे राजस्थान ने पर्यटन के लिहाज से कई मायने में खुद को विकसित करने की प्रक्रिया जारी रखी है। ऐतिहासिक धरोहरों वाले राज्य ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी बड़ा मुकाम हासिल किया है। भारतीय उप महाद्वीप (Indian Subcontinen) के पश्चिमोत्तरी भाग तक फैले मरुस्थली क्षेत्र (Great Indian Desert) को विकास के बुनियादी ढांचे में बिठाने की कोशिश है। खासकर, वर्तमान में राज्य के भीतर तमाम शहरों और बाहरी राज्यों के साथ बेहतर कनेक्टिविटी के लिए सड़कों के विकास पर फोकस किया जा रहा है। राज्य में लिंक रोड, बड़ी संख्या में हाईवे-स्टेट हाईवे (Highway-State Highway), राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे लोगों की यात्रा को सुगम बना रहे हैं। इनमें से सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग-NH 15 और सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-919 है। साथ ही यहां से दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे भी होकर गुजर रहा है, जिस पर जल्द ही ट्रैफिक नजर आएगा। हालांकि, अभी राज्य में उम्मीद के मुताबिक एक्सप्रेसवे की संख्या कम है। तो आज इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे कि राज्य में कितने हाईवे और एक्सप्रेसवे हैं?
राष्ट्रीय राजमार्ग NH-48 सबसे व्यस्त
रेगिस्तान की रेतीली मिट्टी पर सफर आसान बनाने के लिए चारकोल का तड़का लगाया जा रहा है। राज्य में सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) NH-919 (पुराना 71 B) है, जिसकी लंबाई महज 4.7 किलोमीटर थी। इसके अलावा राजस्थान से गुजरने वाला सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग NH-15 है जो गंगा नगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और जालौर से होकर गुजरता है। इसके अलावा राज्य में सबसे व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्ग NH-48 है, जिसका पुराना नाम एनएच-8 था। वहीं, उदयपुर में राष्ट्रीय राजमार्गों की सर्वाधिक लंबाई और सवाईमाधोपुर में न्यूतनम लंबाई है। अब बात हाईवे, स्टेट हाईवे और एक्सप्रेसवे की।
राजस्थान की धरती से कुल 20 राष्ट्रीय राजमार्ग होकर गुजरते हैं। इन राजमार्गों की वास्तिवक लबाई 6373 किलोमीटर है। तो आइये जानते ये कहां से होकर गुजरते हैं और प्रत्येक की लंबाई क्या है।
राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग की संख्या (List of National Highways in Rajasthan)
हाईवे की संख्या | राजस्थान में NH मार्ग | एनएच की लंबाई |
राष्ट्रीय राजमार्ग -8 | दिल्ली-जयपुर-अजमेर-उदयपुर, अहमदाबाद- वडोदरा-मुंबई | 1375 किलोमीटर |
नेशनल हाईवे- 11 | आगरा-जयपुर-बीकानेर | 582 किलोमीटर |
नेशनल हाईवे- 3 | आगरा-ग्वालियर-शिवपुरी-इंदौर-नासिक-धुले-ठाणे-मुंबई | 1161 किलोमीटर |
नेशनल हाईवे- 12 | जबलपुर-भोपाल-खिलचीपुर-अकलेरा-झालावाड़-कोटा-बूंदी-देवली-टोंक-जयपुर | 886 किलोमीटर |
नेशनल हाईवे- 14 | ब्यावर-सिरोही-राधनपुर | 450 किलोमीटर |
नेशनल हाईवे- 15 | पठानकोट-अमृतसर-बठिंडा-गंगानगर-बीकानेर-जैसलमेर-बाड़मेर-समाखियाली | 1526 किलोमीटर |
नेशनल हाईवे-76 | मिर्जापुर-पिंडवाड़ा-उदयपुर-मंगरवार-कोटा-शिवपुरी-झांसी-बांदा-इलाहाबाद | 1127 किलोमीटर |
नेशनल हाईवे-79 | अजमेर-नसीराबाद-मध्य प्रदेश बॉर्डर | 220 किलोमीटर |
नेशनल हाईवे-89 | अजमेर-बीकानेर | 300 किलोमीटर |
नेशनल हाईवे-90 | बरन-अकलेरा | 100 किलोमीटर |
नेशनल हाईवे-112 | जैतारण-जोधपुर-कल्याणपुर-बालोतरा-खेर-मधासर-कवास-राष्ट्रीय राजमार्ग-14 और 15 के पास समाप्त | 343 किलोमीटर |
नेशनल हाईवे-113 | एनएच-79 के करीब प्रतापगढ़-बांसवाड़ा-झालोद-लिंम्बी से जुड़ा और एनएच-59 के पास समाप्त | 240 किलोमीटर |
नेशनल हाईवे-114 | जोधपुर एनएच-65, बालेसर-देछू एनएच-15 के पास समाप्त | 180 किलोमीटर |
नेशनल हाईवे-116 | टोंक राजमार्ग संख्या-112, उनियारा-स्वेमाधोपुर के पास समाप्त | 80 किलोमीटर |
नेशनल हाईवे-158 | एनएच-89 पर मेड़ता-लंम्बिया-रास-बेवर-बडनौर-आसींद-मंडल | 174 किलोमीटर |
नेशनल हाईवे-65 | अंबाला-कैथल-हिसार-फतेहपुर-जोधपुर-पाली | 690 किलोमीटर |
एक्सप्रेसवे-हाईवे में अंतर (Difference Between Expressway Highway)
राजस्थान में एक्सप्रेसवे (List of Expressway in Rajasthan)
राजस्थान में वर्तमान में एक्सप्रेसवे की संख्या 5 है। भविष्य में इनकी संख्या में बड़ा इजाफा करने का प्लान है। वैसे तो राज्य में भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे 1257 किलोमीटर पहले से ही संचालित है, लेकिन वर्तमान में राज्य के कई जिलों से गुजरने वाला 1386 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन है, जो बहुत ही आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। तो आइये जानते हैं उन सभी पांच एक्सप्रेसवे की खूबियों के बारे में।
जयपुर-किशनगढ़ एक्सप्रेसवे (Jaipur-Kishangarh Expressway)
राजस्थान के जयपुर-किशनगढ़ एक्सप्रेसवे का उद्घाटन तात्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Former Prime Minister Manmohan Singh) ने साल 2005 में किया गया था। 90 किलोमीटर के 6 लेन हाईस्पीड सड़क मार्ग को बिल्ड-ऑपरेटर ट्रांसफर (BOT) के तहत निर्माण में 600 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया गया था। इस पर तीन बड़े और 16 छोटे पुल हैं। खास बात यह थी कि यह महज 6 महीने में बनकर तैयार हो गया था। जयपुर-किशनगढ़ एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग 8 खंड का एक हिस्सा है, जिसे भारत का सबसे व्यस्त राजमार्ग (Busiest Highway) कहा जाता है। इसके निर्माण से शहर के रियल स्टेट (Real Estate) को भी ग्रो करने में मदद मिली। वर्तमान में मार्ग के किनारे कई बड़े हॉटस्पॉट बनकर तैयार हैं, जिनमें वैशाली नगर, मानसरोवर और गांधी पथ इत्यादि शामिल हैं। इसके निर्माण से जयपुर अजमेर में व्यापारिक गतिविधियों को धार मिली है और गुलाबी नगरी के आसपास पर्यटन स्थलों तक लोगों की पहुंच आसान हो गई है।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 90 किलोमीटर |
शुरुआती बिंदु | जयपुर |
आखिरी बिंदु | किशनगंज |
परियोजना की लागत | 600 करोड़ से अधिक |
निर्माणकर्ता एजेंसी | NHAI |
कार्य पूरा हुआ | 2005 |
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे (Amritsar-Jamnagar Expressway)
दुनिया के सबसे लंबे ( Worls Longest Expressway) दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi Mumbai Expressway) के बाद अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे भारत का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे (India's Second Longest Expressway) माना जाना जा है। यह एक्सप्रेसवे देश के चार राज्यों को आपस में कनेक्ट करेगा, जिसमें राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और उधर गुजरात शामिल है। भारतमाला परियोजना के तहत एनएचआईए (NHAI) 1224 किलोमीटर इस एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Access Control Greenfield Expressway) को चार से 6 लेन में तैयार कर रहा है। इस हाईवे का 915 किलोमीटर हिस्सा ग्रीन फील्ड एलाइनमेंट पर निर्मित हो रहा है, जबकि शेष मौजूदा नेशनल हाईवे (National Highway) को अपग्रेड करके बनाया जा रहा है। साल 2019 में शुरू हुए निर्माण को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
खासकर, सड़क हादसे रोकने के लिए एक्सप्रेसवे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (Advanced Traffic Management System) लगाया जा रहा है। वर्तमान गाइडलाइंस में इसकी स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई है। प्रत्येक 1 किलोमीटर की दूरी पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स सिस्टम (Emergency Call Box System) होगा, जिसमें कॉल करते ही एंबुलेंस (Ambulance) और पेट्रोल (Petrol) आदि आपके लोकेशन पर आसानी से चंद मिनटों में पहुंच जाएगा। खास बात ये है कि अमृतसर-जामनगर के बीच की दूरी 1430 किमी से घटकर 1256 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे 26 घंटे का सफर अब महज औसत स्पीड से मात्र 13 घंटे में पूरी कर ली जाएगी। इसे दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे (Delhi-Katra Expressway) से भी जोड़ा जाएगा। फिलहाल, यह राज्य के हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और जालौर जिले से होकर जामनगर (गुजरात) और उधर पंजाब की ओर बढ़ेगा।
जानकारी | विवर |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 1256 किलोमीटर |
राजस्थान में लंबाई | 636 किलोमीटर |
शुरुआती बिंदु (राजस्थान) | जाखड़ावाली ( हनुमानगढ़ जिला) |
आखिरी बिंदु (राजस्थान) | खेतलावास (जालौर जिला) |
परियोजना की लागत | 80,000 करोड़ |
निर्माणकर्ता एजेंसी | NHAI |
कार्य पूरा होने का समय | 2024 |
भारत में सभी एक्सप्रेसवे का निर्माण भारत माला परियोजना के तहत किया जा रहा है। इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे अपने निर्माण कार्य के आखिरी दौर में है। हालांकि, इसका बड़ा हिस्सा बनकर तैयार है और उधर, मध्य प्रदेश के 245 किलोमीटर हिस्से का कार्य पूरा होते ही ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया है। हरियाणा के सोहना से लेकर सूरत तक जाने वाला 1350 किलोमीटर का यह सड़क मार्ग 6 राज्यों के कई शहरों को कवर करते हुए गुजरेगा। इस परियोजना के पूरा होने से कई राज्यों के विभिन्न शहरों से की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इससे दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और जयपुर, अहमदाबाद की ओर, वड़ोदरा, मुंबई एनएच-48 (पुराना एनएच 8) पर और कानपुर की ओर कनेक्ट किया जा सकेगा। एनएच 19 (पुराना एनएच 2) के माध्यम से लखनऊ, कोलकाता भी जा सकेंगे। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे हरियाणा के सोहना से शुरू होकर राजस्थान, मध्य प्रदेश से होकर महाराष्ट्र तक जाएगा। इस लिहाज से जयपुर, अजमेर, किशनगढ़, कोटा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, सूरत और आसपास के शहरे कनेक्टीविटी आसान हो जाएगी।
350 किमी. दूरी होगी कम
मौजूदा वक्त में दिल्ली से सूरत तक वाया रोड दूरी 1150 किमी. से अधिक है। वहीं, एक्सप्रेसवे निर्माण के बाद यही दूरी 800 किमी. तक पहुंच जाएगी। इस लिहाज से करीब 350 किमी. दूरी कम हो जाएगी। फिलहाल, ट्रेन से जाने में 1121 किमी. की दूरी सूरत तक पड़ती है।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई | 1350 किलोमीटर |
लेन | 8 से 12 तक बढ़ाई जा सकती है। |
शुरुआती बिंदु | सोहना (हरियाणा) |
आखिरी बिंदु | सूरत |
परियोजना की लागत | एक लाख करोड़ |
निर्माणकर्ता कंपनी | NHAI |
निर्माण पूरा होने का समय | 2024 |
भारत माला परियोजना (Bharat Mala Project) के तहत निर्माणाधीन पठानकोट-अजमेर एक्सप्रेसवे राजस्थान के साथ पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के विकास को रफ्तार देगा। 600 किलोमीटर यह उपयोगी एक्सप्रेसवे पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के टियर-2 और टियर-3 शहरों को कनेक्ट करता है। ज्यादातर लोग इसे लुधियाना-भटिंडा-अजमेर एक्सप्रेसवे (Ludhiana-Bhatinda-Ajmer Expressway) के नाम से जानते हैं। साल 2008 में इस परियोजना का शुभारंभ पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) के नेतृत्व में किया गया था। हालांकि, इसे साल 2018 में एनएचएआई की ओर से अप्रूव किया गया था। इसके निर्माण से बठिंडा और अजमेर के बीच की दूरी 120 किलोमीटर कम होगी।
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ये हाईस्पीड सड़क मार्ग ईसी-8 लुधियाना-अजमेर आर्थिक गलियारे (Economic Corridors) का हिस्सा है। यह व्यावसायिक समेत अन्य गतिविधियों के लिए कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में मदद करेगा। यह सड़क मार्ग पंजाब में बठिंडा और मनसा उधर, हरियाणा में सिरसा, रोरी, जोधकान, नाथसूरी, चोपता और रामपुरा ढिल्लों और राजस्थान में हनुमानगढ़, चुरू, सीकर, नागौर और अजमेर शामिल हैं। पठानकोट-अजमेर एक्सप्रेसवे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे का हिस्सा होगा। यह 670 किलोमीटर 4 लेन (आगे 8 लेन विस्तार योग्य) एक्सप्रेसवे होगा। जो दिल्ली में बहादुरगढ़ सीमा को जम्मू और कश्मीर में कटरा से कनेक्ट करेगा। यह दिल्ली से कटरा के बीच खर्च होने वाले 8 घंटे की यात्रा के समय को कर 4 घंटे कर देगा।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई | 600 किलोमीटर |
लेन | 6 |
शुरुआती बिंदु | बलोवाल गांव (लुधियाना) |
आखिरी बिंदु | अजमेर |
परियोजना की लागत | 8,000 करोड़ |
निर्माणकर्ता कंपनी | NHAI |
निर्माण पूरा होने का समय | 2024 |
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उधर, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का दिल्ली-जयपुर खंड 246 किलोमीटर का है। इसके खुलने से फिलहाल 5 घंटे लगने वाला यात्रा का समय घटकर महज 3 घंटे हो जाएगा। 12.150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित यह खंड डीएनडी फ्लाईवे (DND Flyway) से जैतपुर, जैतपुर से बल्लभगढ़ से सोहना (हरियाणा) तक सीधे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ा है। यह सड़क खंड दिल्ली-जयपुर राजमार्ग के लिए एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में सहूलियत प्रदान करेगा। फिलहाल, दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जारी है। निर्माण कंपनी एनएचएआई लगातार भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) की प्रक्रिया में जुटा है। इस परियोजना में 6530 करोड़ रुपये खर्च करने का अनुमान है। एनएचएआई ने इस गलियारे के खुलने की निर्धारित तिथि 2027 रखी है। यह एक्सप्रेसवे हरियाणा में गुरुग्राम, रेवाड़ी, झज्जर, महेंद्रगढ़ और राजस्थान में अलवर, जयपुर और सिलकर से होकर गुजरेगा।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई | 242 किलोमीटर |
लेन | 8 |
शुरुआती बिंदु | खेड़की टोल प्लाजा |
आखिरी बिंदु | दौलतपुरा टोल प्लाजा |
निर्माणकर्ता कंपनी | NHAI |
परियोजना की लागत | 6530 करोड़ |
निर्माण पूरा होने का समय | 2027 |
इन सभी एक्सप्रेसवे के खुलने से राजस्थान की अन्य राज्यों के कनेक्टिविटी और भी बेहतर होगी। इसके अलावा आने वाले समय में राज्य के लिए कई और बड़े एक्सप्रेसवे प्रस्तावित होने की गुंजाइश है।
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