Rajasthan Hijab Controversy: 'हिजाब में बच्चियां कैसे लेती हैं सांस'? BJP विधायक के सवाल पर बवाल, छात्राओं का हंगामा

rajasthan hijab controversy: राजस्थान के हवामहल सीट से भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य के मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने पर विवादित बयान देने से हंगामा खड़ा हो गया। उनके खिलाफ छात्राओं ने थाने को घेर लिया।

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प्रतीकात्मक फोटो

तस्वीर साभार : भाषा

Rajasthan Hijab Controversy: जयपुर के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली मुस्लिम छात्राओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को सुभाष चौक पुलिस थाने के सामने प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि विधायक ने स्कूल में एक कार्यक्रम के दौरान छात्राओं के हिजाब पहनने पर आपत्ति जताई थी। कई स्कूली छात्राओं ने आज सुभाष चौक थाने के बाहर सड़क पर जाम लगा दिया और स्थानीय भाजपा विधायक के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने विधायक से माफी मांगने और नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। प्रदर्शनकारी छात्राओं ने संवाददाताओं से कहा कि विधायक वार्षिक समारोह में भाग लेने के लिए हमारे स्कूल आए थे। हमने उनका स्वागत किया। हमें बताया गया कि हिजाब की अनुमति नहीं है। विधायक ने हमसे पूछा कि हिजाब पहने बच्चियां सांस कैसे लेती हैं? बाबा को माफी मांगनी चाहिए।

सदन में पहुंचा बुर्खा विवाद

हालांकि, आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक रफीक खान ने इस मुद्दे को सदन में उठाने की भी कोशिश की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी और इस बारे में उनकी टिप्पणी को विधानसभा की कार्यवाही से हटाने को कहा। हवामहल सीट से भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने मुस्लिम छात्राओं के प्रदर्शन के सवाल पर संवाददाताओं से कहा कि मैंने विद्यालय की प्राचार्य से पूछा था कि सरकारी विद्यालय में जब 26 जनवरी का कार्यक्रम हो या वार्षिक उत्सव हो तो दो प्रकार की पोशाक का प्रावधान है क्या? प्राचार्य ने कहा नहीं है.. मानते नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय में कार्यक्रम के दौरान छोटी बच्चियां और आठवीं, दसवीं कक्षा की सभी बच्चियां या तो हिजाब में थी या बुर्के में। वहां दो तरह का माहौल नजर आ रहा था तो मैंने प्राचार्य से पूछा था कि विद्यालय का ड्रेस कोड बना हुआ है?

मदरसों की ड्रेस कोड

आचार्य ने कहा कि मेरा सवाल बिल्कुल वाजिब है, जब सरकारी विद्यालय का अपना एक ड्रेस कोड बना हुआ है, नियम बना हुआ है उस अनुरूप सारा अध्ययन हो रहा है। स्कूल होता किस लिये है। नियम सिखाने के लिए और वहां इस प्रकार का माहौल बना रखा था वो विचारणीय है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में दो प्रकार के ड्रेस कोड क्यों? मैंने मदरसों में जाकर तो नहीं बोला कि मदरसों की ड्रेस बदल दो.. वहां का नियम है.. उस नियम अनुरूप होना चाहिए।

छात्राओं का थाने पर प्रदर्शन

सहायक पुलिस आयुक्त (उत्तर) डॉ हेमंत जाखड़ ने बताया कि उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान स्थानीय विधायक बालमुकुंद आचार्य के बयान के विरोध में सोमवार को छात्राओं और उनके परिजनों ने थाने के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि छात्राओं और उनके परिजनों की मांग है कि विधायक उनके द्वारा दिये बयान पर माफी मांगे। इस संबंध में उन्होंने एक शिकायत दी है, जिसकी जांच की जा रही है। परिवाद में क्या लिखा है इस बारे में अभी पता नहीं चल पाया है। छात्राओं और परिजनों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है।

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