Rajasthan: बड़े कुल की रस्म निभाई, ख्वाजा का 811वां उर्स संपन्न, जायरीनों ने मांगी अमन चैन की दुआ

Rajasthan : अजमेर में स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 811वां उर्स बड़े कुल की रस्म के साथ बुधवार को संपन्न हो गया। दरगाह शरीफ में बड़े कुल की रस्म के मौके पर मुस्लिम अकीदतमंदों ने केवड़े और गुलाब जल से दरगाह की दीवारों को धोया। जायरीनों ने मुल्क और आवाम के अमनो आब के लिए गरीब नवाज के दर पर हाथ उठाकर दुआ मांगी। उर्स के दौरान दरगाह शरीफ में करीब 2000 लीटर से ज्यादा गुलाब जल की खपत होती है।

राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा का 811वां उर्स बड़े कुल की रस्म के साथ संपन्न (सांकेतिक तस्वीर)

मुख्य बातें
  • मुस्लिम अकीदतमंदों ने गुलाब जल से दरगाह की दीवारों को धोया
  • 9 रजब की तारीख को दरगाह में बड़े कुल की रस्म निभाई
  • दरगाह शरीफ में जायरीनों ने मुल्क में अमनो आब की दुआ मांगी


Rajasthan : राजस्थान के अजमेर में स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 811वां उर्स बड़े कुल की रस्म के साथ बुधवर को संपन्न हो गया। दरगाह शरीफ में बड़े कुल की रस्म के मौके पर मुस्लिम अकीदतमंदों ने केवड़े और गुलाब जल से दरगाह की दीवारों को धोया। इसके बाद पूरा दरगाह परिसर गुलाब की महक से भर गया।

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वहीं जायरीनों ने दरगाह में हाजिरी लगाकर खुद व परिवार की सलामती और खैरियत सहित खुशहाली की दुआ मांगी। वहीं जायरीनों की ओर से मुल्क और आवाम के अमनो आब के लिए गरीब नवाज के दर पर हाथ उठाकर दुआएं मांगी गई। खादिम सैयद जहूर चिश्ती के मुताबिक कुल की रस्म उर्स की आखरी रस्म होती है। इसके बाद उर्स समाप्त हो जाता है एवं जायरीन अपने घरों को लौटने लगते हैं।

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दो हजार लीटर गुलाब जल होता खर्च

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