RBI ने राजस्थान की इस बैंक का लाइसेंस किया कैंसिल, अगर आपका भी है अकाउंट तो जानें पैसे का क्या होगा?
सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पाली राजस्थान को आरबीआई ने'बैंकिंग'व्यवसाय संचालित करने से तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है। आइये उन ग्राहकों का क्या होगा, जिनका बड़ा अमाउंट बैंक में जमा है।
आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस किया रद्द
पाली: सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरबीआई के अधिकारियों का कहना है कि इस बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। यह लंबे समय से आर्थिक समस्या से जूझ रही है। लिहाजा, यह फैसला लेते हुए लाइसेंस रद्दीकरण की कार्रवाई अमल में लाई गई है। अब इस कार्रवाई से ग्राहकों को कितनी समस्या होगी या उनकी जमा राशि का क्या होगा इसको लेकर डर कायम है। हालांकि, आरबीआई ने इसके लिए प्रावधान बनाए हैं।
जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी
एनडीटीवी में छपे लेख के हवाले से रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि राजस्थान के सहकारी समितियों के पंजीयक से भी बैंक को बंद करने और एक परिसमापक (वैधानिक अस्तित्व समाप्त) नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। परिसमापन पर प्रत्येक ग्राहक जमाकर्ता , जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम से अपनी जमा राशि की पांच लाख रुपये तक के बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। रिजर्व बैंक का कहना है कि बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 99.13 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।
पुनर्भुगतान की गारंटी
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार 30 नवंबर 2023 तक जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छा के आधार पर DICGC अधिनियम, 1961 की धारा 18A के प्रावधानों के तहत कुल बीमाकृत जमा का 45.22 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है। अब इस बैंक के लाइसेंस को रद्द करने के परिणामस्वरूप, सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड सुमेरपुर पाली को 'बैंकिंग' का व्यवसाय संचालित करने से प्रतिबंधित किया गया है, जिसमें अन्य बातों के अलावा जमा स्वीकार करना और जमा राशि का पुनर्भुगतान आदि शामिल है।
बैंक का लाइसेंस कैंसिल पर खड़े हुए ये सवाल
सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस कैंसिल होने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में अब ग्राहकों के पैसों का क्या होगा? लेकिन उसके लिए नियम में प्रावधान है, जिसमें कहा गया है कि लिक्विडेशन (परिसमापन) पर प्रत्येक जमाकर्ता को जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) को डीआईसीजी अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत 5 लाख रुपये तक की जमा राशि पर बीमा का लाभ मिलेगा। रिजर्व बैंक ने स्पष्ट कर दिया है कि 99.13 फीसदी बैंक के जमाकर्ताओं को DICGC की जमा राशि का लाभ मिलेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को निजी कॉरपोरेट क्षेत्र के 2023-24 की तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों पर आधारित आंकड़े जारी किए। इसमें 2,842 सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों के नतीजों का विश्लेषण किया गया है।
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Pushpendra kumar author
पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्ष...और देखें
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