Right to Health Bill राजस्थान विधानसभा में पास, प्राइवेट अस्पतालों में भी होगा फ्री इलाज, जानिए क्या हैं नियम

Right to Health Bill : प्राइवेट डॉक्टरों के विरोध के बीच राजस्थान विधानसभा में राइट टू हेल्थ (RTH) बिल 2022 पास हो गया। इस बिल को ध्वनि मत से पास किया गया। अब प्राइवेट अस्पताल भी पैसे के बिना इलाज के लिए मना नहीं कर सकता है।

health minister Parsadi Lal Meena

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा

Right to Health Bill : प्राइवेट डॉक्टरों के चल रहे विरोध के बीच कांग्रेस के नेतृत्व वाली अशोक गहलोत सरकार ने मंगलवार को राजस्थान विधानसभा में राइट टू हेल्थ (RTH) बिल 2022 को ध्वनि मत से पारित करा दिया। विपक्ष ने इसका विरोध नहीं किया। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि सरकार लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

Right to Health Bill लाने वाला पहला राज्य बना राजस्थान

इस तरह का बिल लाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक इसकी पुष्टि करते हुए प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य डॉ. पृथ्वी, जो जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय, यूएसए से प्रशिक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान न केवल भारत में बल्कि एशिया में भी इस तरह का बिल लाने वाला पहला राज्य है।

प्राइवेट अस्पतालों में फ्री होगा इमरजेंसी इलाज

बिल के प्रावधानों के मुताबिक राजस्थान के लोग अब बिना किसी पूर्व भुगतान के प्राइवेट अस्पतालों में इमरजेंसी इलाज के हकदार होंगे। बिल के अनुसार अगर रोगी इलाज का खर्चा भुगतान करने में असमर्थ है तो इसकी पूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी। बिल के मुताबकि आपातकालीन उपचार की मांग करने वाले रोगी जैसे कि दुर्घटनाओं, सांप या जानवर के काटने और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा तय किए गए किसी भी अन्य आपात स्थिति में, सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान, स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठान और आवश्यक शुल्क के पूर्व भुगतान के बिना इलाज किया जाएगा। नामित स्वास्थ्य देखभाल केंद्र, इस तरह के उपचार प्रदान करने के लिए योग्य हैं।

राइट टू हेल्थ का उल्लंघन करने पर जुर्माना

बिल में कहा गया है कि कोई भी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता केवल पुलिस की मंजूरी या पुलिस रिपोर्ट प्राप्त करने के आधार पर इलाज में देरी नहीं करेगा। अगर रोगी अपेक्षित शुल्क का भुगतान नहीं करता है तो स्वास्थ्य सेवा प्रदाता अपेक्षित शुल्क और चार्ज या राज्य सरकार से उचित प्रतिपूर्ति प्राप्त करने का हकदार होगा। कोई भी व्यक्ति जो जानबूझकर इस अधिनियम या उसके तहत बनाए गए किसी भी नियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता है, वह पहले उल्लंघन के लिए 10,000 रुपए तक के जुर्माने और बाद के उल्लंघनों के लिए 20,000 रुपए तक के जुर्माने से दंडनीय होगा।

लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार

इस बीच स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि सरकार राज्य के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और बिल जनता के हित में है। बिल पर बहस का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतें मिली हैं कि चिरंजीवी कार्ड होने के बावजूद कुछ प्राइवेट अस्पताल चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मरीजों का इलाज नहीं करते हैं और इसलिए बिल लाया गया।

बजट का 7% स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च

मीणा ने कहा कि राज्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य बन रहा है और बजट का 7% स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च किया जा रहा है। 'स्वास्थ्य का अधिकार' जनता के हित में है। राज्य सरकार ने सभी सदस्यों के सुझाव के आधार पर इस बिल को प्रवर समिति के पास भेजा था। सभी सदस्यों और डॉक्टरों के सुझावों को बिल में शामिल किया गया है।

डॉक्टरों का पहला धर्म इलाज करना

उन्होंने कहा कि डॉक्टरों का पहला धर्म इलाज करना है, जिसे उन्हें पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बड़े अस्पतालों को रियायती दर पर जमीन उपलब्ध करायी है। स्वास्थ्य का अधिकार बिल के तहत इन अस्पतालों को जोड़ने का प्रावधान है।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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