Pilot Vs Gehlot: पायलट के अनशन पर कांग्रेस सख्त, बोली-शिकायत है तो मीडिया में नहीं पार्टी फोरम में रखें बात

Pilot Vs Gehlot : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट के बीच सत्ता एवं वर्चस्व की लड़ाई पुरानी है। साल 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही दोनों के सुर अलग-अलग रहे हैं। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर कभी-कभी काफी तीखा भी रहा है।

एक दिन के धरने पर सचिन पायलट।

Pilot Vs Gehlot : राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई न किए जाने से नाराज पायलट मंगलवार को एक दिन के अनशन पर बैठ रहे हैं। हालांकि, उनके इस कदम पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा की ओर से देर रात जारी बयान में कहा गया कि 'सचिन पायलट का 11 अप्रैल का एक दिन का धरना पार्टी के हितों के खिलाफ और यह पार्टी विरोधी गतिविधि है। यदि उन्हें अपनी ही सरकार से किसी तरह की शिकायत है तो इस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करने या मीडिया में ले जाने के बजाय उसे पार्टी फोरम में रखना चाहिए।'

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रंधावा बोले-पायलट मूल्यवान नेता

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रंधावा ने कहा कि वह बीते पांच महीनों से राज्य के प्रभारी हैं और पायलट ने इस तरह के मुद्दों पर उनसे कोई चर्चा नहीं की। रंधावा ने कहा, 'मैं उनसे संपर्क में हूं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह कांग्रेस के मूल्यवान नेता हैं। मैं उनसे बातचीत की अपील करता हूं।' राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। विस चुनावों से ठीक पहले पायलट का यह बगावती तेवर कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकता है।

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