होंगे मिर्जापुर के कालीन भईया मशहूर, लेकिन जयपुर के हाथ के बनाए कालीन का कोई मुकाबला नहीं
कालीन किसी भी घर की, बेडरूम की, ड्राइवंग रूम या गलियारे की खूबसूरती को बढ़ा देते हैं। वेब सीरीज मिर्जापुर के कालीन भईया तो यूं ही मशहूर हो गए, जबकि जयपुर के नंद किशोर चौधरी असली कालीन भईया हैं। नंदर किशोर चौधरी ने पारंपरिक कला और कलाकारों के लिए अपनी जीवन लगा दिया।
ये हैं असली कालीन भईया
आपने 'मिर्जापुर' नाम की वेब सीरीज देखी होगी। इस वेब सीरीज में पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) ने कालीन भईया की भूमिका निभाई है। इसमें वह कालीन का बिजनेस की आड़ में तमंचे और हथियारों का कारोबार करते हैं। कालीन भईया तो मशहूर हो गए, लेकिन मिर्जापुर (Mirzapur) में उनका कालीन का बिजनेस नहीं। अगर हाथ के बुने शानदार डिजाइन के कालीन खरीदने हों तो आपको मिर्जापुर नहीं गुलाबी नगरी जयपुर (Jaipur) आना होगा। जयपुर के पारंपरिक कालीन आपका मन मोह लेंगे। चलिए जानते हैं, जयपुरी कालीन और उस परिवार के बारे में जो इस बिजनेस को पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ा रहा है।
40 हजार ग्रामीण कलाकारों की रोजी रोटी
जयपुर रग्स (Jaipur Rugs) नाम से चल रहे कालीन के इस बिजनेस को एक परिवार चला रहा है। यह परिवार पारंपरिक, पुश्तैनी कला को संजोने के साथ ही ग्रामीण कला को दुनियाभर के ग्राहकों के सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध है। जयपुर रग्स के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के 40 हजार कलाकार जुड़े हैं, जिसमें से 80 फीसद तो महिलाएं हैं।ये हैं असली कालीन भईया
नंद किशोर चौधरी (Nand Kishor Chaudhary) ने साल 1978 में सिर्फ दो कर्घों से साथ जयपुर रग्स की शुरुआत की थी। आज उनका बिजनेस 60 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है और उनके पास 7000 से ज्यादा कर्घे हैं। आज जयपुर रग्स कंपनी आधुनिक रचनात्मक प्रतिभाओं का समर्थन करके आधुनिक कलाकृतियां बना रही है, जो इस पुश्तैनी शिल्पकला को एक नई दृष्टि देने में सक्षम है। जयपुर रग्स प्रॉफिट कमाने के साथ ही अपने ग्राहकों और उनके परिवारों, अपने कलाकारों और उनके परिवारों, अपने कर्मचारियों, सप्लायरों और चैनल पार्टनरों के साथ करीबी संबंध बनाकर सभी को आगे बढ़ने का अवसर दे रहा है।
घर की रौनक बढ़ाते हैं ये कालीन
आपका घर आपकी पर्सनैलिटी को दर्शाता है। इसलिए भले आपका ड्रॉइंग रूम हो, डाइनिंग रूम हो, बेडरूम हो या पूजा घर... हर जगह आपकी झलक दिखनी चाहिए। आपकी झलक को दिखाने का काम यह कालीन करते हैं। यह घर को सिर्फ सजाते ही नहीं, बल्कि घर में वो गर्माहट लाते हैं, जो आपकी पर्सनैलिटी और आपके कैरेक्टर को दर्शाती है।यहां का हर कालीन अपनी एक अलग दास्तां बयान करता है। फिर चाहे कालीन आधुनिक कला का मास्टरपीस हो या उसमें से इतिहास झांक रहा हो, हर कालीन आपको अपनी ओर आकर्षित करता है। जयपुर रग्स से आप अपने लिए ऐसा कालीन चुन सकते हैं, जो न सिर्फ आपके घर को सजाए, बल्कि आपके घर की कहानी का हिस्सा बन जाए।
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Digpal Singh author
खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें
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