Valentine Day 2023: जयपुर का सिसोदिया रानी गार्डन है इसलिए खास, अपने पार्टनर संग जरूर जाएं यहां
Valentine Day 2023: जयपुर की महारानी चंद्र कंवर सिसोदिया को प्रकृति से खास लगाव था। वे अक्सर प्रकृति की गोद में आराम किया करती थीं। यही वजह थी कि, उनके नाम पर सन् 1728 में जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह ने बगीचा बनवा दिया। जो आज भी सिसोदिया रानी के बाग के नाम से जाना जाता है। बता दें कि, ये उद्यान प्राकृतिक संपदा से लबरेज है व राधा-कृष्ण के प्रेम के प्रतीक के तौर पर भी एक अलग पहचान रखता है।
जयपुर का रानी सिसोदिया गार्डन है प्रेम की अनूठी नजीर (सांकेतिक तस्वीर)
मुख्य बातें
- जयपुर से 10 किमी की दूरी पर मौजूद है सच्चे प्रेम की एक अनूठी नजीर
- जयपुर की महारानी चंद्र कंवर सिसोदिया को प्रकृति से खास लगाव था
- सन् 1728 में महाराजा सवाई जयसिंह ने उनके नाम से बगीचा बनवा दिया
Valentine Day 2023: गुलाबी नगरी जयपुर से 10 किमी की दूरी पर मौजूद है सच्चे प्रेम की एक अनूठी नजीर। जहां रानी को प्रकृति से प्यार था तो उसकी खुशी के लिए राजा ने उसके ही नाम से एक उद्यान बनवा दिया। जो आज भी उनके प्यार की गवाही दे रहा है।
इस बार अगर आप वैलेंटाइन वीक पर अपने पार्टनर के साथ किसी अद्भुत जगह की विजिट करना चाहते हैं तो जयपुर में स्थित सिसोदिया रानी का बाग आपके लिए एक खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस के विकल्प के तौर पर मौजूद है। जहां आप अपने साथी के साथ हमेशा के लिए यादों में संजोने वाले खास पल बिता सकते हैं। तो फिर देर किसा बात कि जल्दी से इस बेहद खूबसूरत उद्यान की सैर के लिए निकलें और दें अपने पार्टनर को एक शानदार उपहार।
रानी को था कुदरत से प्यारजयपुर की महारानी चंद्र कंवर सिसोदिया को प्रकृति से खास लगाव था। इसके चलते वे अक्सर प्रकृति की गोद में आराम किया करती थीं। यही वजह थी कि, उनके नाम पर सन् 1728 में जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह ने बगीचा बनवा दिया। जो आज भी सिसोदिया रानी के बाग के नाम से जाना जाता है। बता दें कि, ये उद्यान प्राकृतिक संपदा से लबरेज है व राधा-कृष्ण के प्रेम के प्रतीक के तौर पर भी एक अलग पहचान रखता है। अरावली की पहाड़ियों की तलहटी में स्थित ये उद्यान अपनी खूबसूरत बनावट के चलते जयपुर के टूरिस्ट प्लेस में से एक है जो सैलानियों की सबसे पंसदीदा जगह है। मुगल स्थापत्य शैली में बनें इस गार्डन को उस समय फलदार पेड़ों और फूलों की क्यारियों से सजाया गया था, जो आज भी किसी का मन मोह लेती है।
यहां निहारें कुदरत को नजदीक सेअगर आप जयपुर में पुरानी इमारतों व किलों को निहारने के बाद थक गए हैं तो इस उद्यान में अपनी पार्टनर संग आराम कर सकते हैं। इसके अलावा यादों को संजोने के लिए सुकून के पल बिता सकते हैं। इसके अलावा यहां विजिट करने पर आपको सदियों से बहती आ रही सच्चे प्यार की बयार का अहसास करने का भी मौका मिलेगा। वहीं आपको उद्यान में की गई चित्रकारी समेत खास व्यंजनों का लुत्फ उठाने का भी मौका मिलेगा।
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