Valentine Week 2023: जयपुर का 9 रानियों का महल है खास, वेलेंटाइन वीक में अपने पार्टनर के साथ यहां जाएं, जानें इसके पीछे की लव स्टोरी

Valentine Week 2023: अरावली की सुरमयी पहाड़ियों के बीच मौजूद नाहरगढ़ किला जयपुर शहर के गौरवशाली अतीत का प्रतीक है। वेलेंटाइन वीक में आपके पार्टनर के साथ यहां का भ्रमण आपके सेलिब्रेशन में चार चांद लगा देगा। आप अपनी ट्रिप में एक राजा के प्यार की कहानी का इतिहास जरूर जानें। जयपुर के तत्कालीन राजा सवाई माधोसिंह ने अपनी 9 प्रेमिकाओं के लिए उनके नाम से इस किले में एक और दो मंजिला 9 महलों का निर्माण करवाया था।

वेलेंटाइन वीक में अपने पार्टनर संग जयपुर के नाहरगढ़ फोर्ट की विजिट जरूर करें

मुख्य बातें
  • सवाई माधोसिंह ने अपनी 9 प्रेमिकाओं के लिए 9 महलों का निर्माण करवाया था
  • नाहरगढ़ फोर्ट से आप गुलाबी नगरी के अनुपम सौंदर्य को आसानी से निहार सकते हैं
  • यहां मौजूद कैफे व रेस्टोरेंट में आप अपने पार्टनर संग लजीज व्यंजनों का मजा ले सकते हैं


Valentine Week 2023: इस बार अगर आप वेलेंटाइन वीक में किसी खास जगह जाने की सोच रहे हैं, तो जयपुर में एक बेहतरीन जगह है, जिससे आपके अनुराग के इस मौके की खुशियां दोगुनी हो जाएगी। फरवरी की हल्की ठंड में इस जगह का मौसम सबसे अच्छा होता है। तो चलिए आपको बताते हैं इस उम्दा पर्यटन स्थल के बारे में।
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अरावली की सुरमयी पहाड़ियों के बीच मौजूद है नाहरगढ़ किला जो कि, जयपुर शहर के गौरवशाली अतीत का प्रतीक है। वहीं लव सिंबल के तौर पर मनाए जाने वाले वेलेंटाइन वीक में आपके पार्टनर के साथ यहां का भ्रमण आपके रिश्ते में मजबूती तो लाएगा ही, इसके अलावा आपके सेलिब्रेशन में भी चार चांद लगा देगा। जयपुर शहर बसाने के करीब 7 सालों के बाद महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1734 में नाहरगढ़ किला बनवाया था। 17वीं शताब्दी के समय इस फोर्ट के निर्माण पर करीब 3.30 लाख रुपए खर्च हुए थे।
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जरूर निहारें 9 रानियों के 9 महल

यहां आने के बाद आप अपनी ट्रिप में यादगार पलों को संजोने के लिए एक राजा के प्यार की कहानी का इतिहास जरूर जानें। शाहजहां ने तो एक महल बनवाया था, मगर जयपुर के तत्कालीन राजा सवाई माधोसिंह ने अपनी 9 प्रेमिकाओं के लिए उनके नाम से इस किले में एक और दो मंजिला 9 महलों का निर्माण करवाया था। इनकी खास बात ये है कि, ये सभी महल एक जैसे बनवाए गए। उस समय इन्हें “विक्टोरियन शैली” में बनवाया गया था। माधोसिंह ने इनके नाम भी अपनी नौ प्रेयसियों के नाम पर रखे जिसमें सूरज प्रकाश, खुशहाल प्रकाश, जवाहर प्रकाश, ललित प्रकाश, आनंद प्रकाश, लक्ष्मी प्रकाश, चांद प्रकाश, फूल प्रकाश व बसंत प्रकाश। इन महलों की सबसे बड़ी खासियत ये है कि, रानियों के सभी महल छत पर मौजूद एक गलियारे से जुड़े हैं। जो कि राजा के कक्ष में दोनों ओर से रानियों के महल से जुड़ा है। यहां से होकर राजा किसी भी रानी के महल में जा सकते थे।
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