Jaipur: अरमानों के आशियानों में चला दिया बुलडोजर , रोती-बिलखती महिलाओं से बर्बरता ; छिड़ी जंग
Bulldozer Action : राजस्थान के जालोर के ओडवाड़ा गांव में प्रशासन ने अवैध निर्माण का हवाला देकर कई घरों पर बुलडोजर की कार्रवाई कर दी। अतिक्रमण विरोधी अभियान की कार्रवाई के दौरान महिलाओं से बदसलूकी की बात सामने आई है।
प्रतिकात्मक फोटो
Bulldozer Action : जालोर जिले के ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान जिला प्रशासन और पुलिस की एक टीम को महिलाओं सहित कई ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात कर ग्रामीणों को मौके से हटा दिया और अवैध निर्माण ढहाने का काम शुरू किया गया। कई महिलाएं रोते हुए पुलिस से उनके घर न तोड़ने की गुहार लगाती नजर आईं। विपक्षी कांग्रेस ने इस मुद्दे पर भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया।जालोर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ज्ञान चंद्र यादव ने कहा कि जमीन से मकानों सहित अतिक्रमण हटाने के लिए उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि जब अतिक्रमण हटाने के लिए टीम वहां गई तो ग्रामीणों ने विरोध किया। उन्होंने टीम को गांव में नहीं घुसने दिया। उन्होंने सड़क जाम कर दी। हालात पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। इसके बाद जेसीबी मशीनों की मद्द से अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू हुआ।
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कांग्रेस ने साधा निशाना
इस बीच कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस कार्रवाई को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कार्रवाई का एक वीडियो साझा करते हुए 'एक्स' पर लिखा कि जालोर के ओडवाडा में उजड़ते आशियाने, बिलखते परिवार, महिलाओं से बर्बरता और पुलिस का क्रूर चेहरा। भाजपा के नये राजस्थान में आपका स्वागत है। शर्मनाक। जालोर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी वैभव गहलोत ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर 440 मकान तोड़े जा रहे हैं, जबकि ये परिवार कई साल से वहां रह रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे ने किया ट्विट
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव ने 'एक्स' पर लिखा कि प्रशासन इसके लिए उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला दे रहा है जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान प्रभावी पैरवी से इन घरों को बचाया गया था। मेरा मानना है कि प्रभावी पैरवी के अभाव में उच्च न्यायालय का फ़ैसला ग्रामीणों के खिलाफ रहा होगा। आज अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान प्रशासन का असंवेदनशील रवैया भी सामने आया। उन्होंने लिखा कि जालोर जिला कलेक्टर से वस्तुस्थिति की जानकारी लेने के बाद ओडवाडा में उच्च न्यायालय के आदेश पर हो रही कार्रवाई के संबंध में मैंने वकील से राय ली है। उन्होंने बताया कि इस मामले में उच्च न्यायालय में 20 मई को अगली सुनवाई होनी है जिससे पहले प्रशासन को कार्रवाई कर अतिक्रमण हटाने की जानकारी उच्च न्यायालय को देनी होगी।
वैभव ने कहा,‘‘इसके संबंध में मैंने उच्चतम के वकील से चर्चा की है एवं पीड़ित परिवारों की ओर से आज ही उच्चतम न्यायालय में इस कार्रवाई के विरुद्ध सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र देना तय किया गया है। हमें आशा है कि उच्चतम से पीड़ित परिवारों के घर तोड़ने पर जल्द से जल्द स्थगन मिलेगा और इन्हें राहत मिल सकेगी।
सचिन पायलट ने बीजेपी पर साधा निशाना
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ‘एक्स’ पर लिखा जालोर जिले के ओडवाड़ा गांव में घरों को तोड़ने के आदेश के विरुद्ध संघर्ष कर रहे लोगों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, जिसकी वह घोर निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग अपना घर बचाने के लिए आवाज उठा रहे हैं, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। पायलट ने कहा कि सरकार को इनके अधिकारों के लिये न्यायपालिका के माध्यम से तुरंत राहत प्रदान करने के लिये कार्रवाई करनी चाहिये थी। पुलिस एवं प्रशासन से आग्रह है कि इस मुद्दे को शांति एवं बातचीत द्वारा सुलझाया जाना चाहिए।
(इनपुट - भाषा)
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पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्ष...और देखें
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