"आपातकालीन सहायता और सांस्कृतिक धरोहर" पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान की कार्यशाला

इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक धरोहर की आपातकालीनता को पहचानते हुए, इसकी अनमोल संपत्तियों के जोखिम को कम करने और सुनिश्चित करने की तत्परता को बताने का प्रयास किया गया है।

आपातकालीन सहायता और सांस्कृतिक धरोहर पर कार्यशाला

आपातकालीन सहायता और सांस्कृतिक धरोहर पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, गृह मंत्रालय, भारत सरकार एवं आईआईटी जोधपुर, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (सांस्कृतिक मंत्रालय) और मेहरांगढ़ म्यूज़ियम ट्रस्ट के सहयोग से जोधपुर में एक कार्यक्रम किया गया। यह कार्यक्रम आपदा जोखिम प्रतिरोधन (न्यूनीकरण) (DRR) और सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण और समृद्धिपूर्ण पहल है, जो आपातकालीन सहायता और सांस्कृतिक धरोहर के रिश्तों को साझा करता है। एक ऐसी दुनिया में जो प्राकृतिक और मानव-उत्प्रेरित आपदाओं के बढ़ते विस्तार का सामना कर रही है।

यह आपदा जोखिम प्रतिरोधन (न्यूनीकरण) प्रथाओं और सांस्कृतिक धरोहर के बहुपेशिय विश्व के बीच के घनिष्ठ रिश्तों को प्रकाशित करने का प्रयास करता है। सांस्कृतिक धरोहर के केंद्र में, यह समग्र समाज की पहचान के स्पष्ट और अस्पष्ट पहलुओं को अंगीकृत करती है। ये तत्व समुदायों के ऐतिहासिक कथन को परिभाषित करते हैं, साथ ही वैश्विक विविधता की समृद्धि में योगदान करते हैं।

इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक धरोहर की आपातकालीनता को पहचानते हुए, इसकी अनमोल संपत्तियों के जोखिम को कम करने और सुनिश्चित करने की तत्परता को बताने का प्रयास किया गया है। इस संदर्भ में, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान , गृह मंत्रालय, भारत सरकार, जोधपुर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, (सांस्कृतिक मंत्रालय) और मेहरांगढ़ म्यूज़ियम ट्रस्ट द्वारा "आपत्कालीन सहायता और सांस्कृतिक धरोहर" पर एक कार्यशाला का आयोजन 17 और 18 जनवरी, 2024 को जोधपुर के मेहरांगढ़ किले के चोकेलाओ महल में किया जा रहा है।

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