Jhansi Diwali 2023: हाथों में बंदूक..राहगीरों से उगाही..ये कैसी 'डकैतों' की दिवाली

यूपी के झांसी में अनोखी दिवाली मनाने की परंपरा है। यहां धनतेरस से पहले लोग डाकू मुस्तकीम की याद में स्वांग रचाते हैं। लोग डाकुओं के वेष में हाथों में बन्दूके लेकर राहगीरों से डकैतों के अंदाज में रुपये की उगाही करते हैं।

झांसी में अनोखी दिवाली

झांसी: भारत में हर त्योहार लोग अपने-अपने अंदाज में मनाते हैं। लेकिन, झांसी में जो देखने को मिला वो चौंकाने वाला था। जी, हां जिले के एरच कस्बे में स्थानीय लोग आज भी एक अनूठी परंपरा का निर्वाह करते हुए डाकू मुस्तकीम की याद में स्वांग रचाते हैं। ये लोग समूह में एकजुट होकर डकैतों की तरह कपड़े पहनकर, हाथों में नकली बन्दूक थाम कर सड़क से गुजरने वाले राहगीरों को रोक लेते हैं और उनसे डकैतों के अंदाज में रुपये मांगते हैं। हर वर्ष दीपावली से कुछ दिन पहले इस तरह का स्वांग स्थानीय लोग करते हैं। इस साल भी एरच की सड़कों पर ये नकली डाकुओं का जथ्ता सड़क पर उतरकर लूट का स्वांग करते नजर आये।

चांदी की मछली की बिक्री का रिवाजदीपावली की तैयारियां तेजी से शुरू हो गई है। अक्सर, आप ने लोगों को दीपावली पर पेंट, कपड़े,पटाखे, मिठाई या सोने चांदी के जेवरात खरीदते देखा होगा, लेकिन क्या आप ने कभी सुना या देखा है कि लोग दीपावली की खरीदारी में मछली को खरीद रहे हैं। वो भी चांदी की तो। आइए हम बताते है कि आखिर लोग चांदी की मछली क्यों खरीद रहे हैं और ये कहां मिलती है। यह चांदी की मछली हिंदू धर्म में मीन (चांदी की मछली) को शुभ और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। लेकिन, दीपावली की खरीदारी में मछली का खरीदा जाना देखा जा रहा है। झांसी जिले के बाजार में जिंदा मछली की तरह हिलने वाली चांदी की मछली की बिक्री बहुत हो रही है। चांदी की मछली का धनतेरस के दिन खरीद कर घर में रखने का यह रिवाज है। लोग इस बार भी दीपावली की खरीदारी में चांदी की मछली खरीद रहे हैं।

झांसी की सराफा की दुकानों में असल सी दिखने वाली चांदी की मछली जो हिलती भी हैं के बिना दिवाली और धनतेरस की पूजा अधूरी मानी जाती है। यहां कई घरों में चांदी की मछली खरीदी जाती है। लोगों की जितनी भारी जेब होती है, वे उतनी बड़ी मछली खरीदते हैं। दीपावली में इस मछली की बुंदेलखंड ही नहीं बल्कि, पूरे देश में मांग बढ़ जाती है।

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