Yogini Temple: गोड्डा के इस मंदिर में पूरी होती है भक्तों की सारी मनोकामना, ये हैं मान्यताएं
गोड्डा के इस मंदिर से भक्तों की अटूट आस्था जुड़ी है। लोगों का ऐसा मानना है कि यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है, जहां भक्तों की सभी मनोकामानाएं पूर्ण होती हैं। मंदिर में नवविवाहित जोड़ो अपना दांपत्य जीवन शुरू करने से पहले यहां माथा टेकने पहुंचते हैं।
गोड्डा योगिनी मंदिर
गोड्डा में स्थित योगिनी मंदिर पूरे शहर में काफी मशहूर है। वैसे तो हर साल यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं और पूजा अर्चना करते हैं। लेकिन खासकर सप्ताह में 2 दिन मंगलवार और शनिवार को यहां हजारों की संख्या में लोग आते हैं। दूर-दूर से भक्तजन यहां अपनी मनोकामना को लेकर पहुंचते हैं और माता उनकी मनोकामानाएं पूरी भी करती है।
इस मंदिर से लोगों की गहरी आस्था जुड़ी है। ऐसा माना जाता है कि 52 शक्तिपीठों में से एक यह मंदिर भी है। जहां लोगों अपनी मनोकाना लेकर पहुंचते हैं और उनकी सभी इच्छाएं माता पूरी करती हैं। मंदिर को लेकर कई और तरह की मान्यताएं हैं।
52 शक्तिपीठों में से एक है यह मंदिर
लोगों का ये मानना है कि जब माता सती के अपमान के बाद भगवान शिव उनके जलते शरीर को लेकर ताडंव कर रहे थे, तो इस धरती को नाश होने से बचाने के लिए श्री हरी विष्णु ने सती के शरीर के कई टुकड़े कर दिए थे। उन्हीं में से एक टुकड़ा इस जगह जा गिरा था। लेकिन इसे गुप्त रखा गया।
पहाड़ों पर वास करती हैं योगिनी माता
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में लोग तांत्रिक साधनाएं भी करते हैं। नौरात्रि में अष्टमी की रात्रि को पूरे झारखंड बिहार से तांत्रिक यहां हुंचते हैं। मंदिर के दोनों तरफ दो पहाड़ हैं। ऐसी मान्यता है कि मंदिर के इस एक पहाड़ पर माता योगिनी वास करती हैं। यहां के लोगों का ऐसा मानना है कि शादी के बाद इस मंदिर के दर्शन करने से दांपत्य जीवन सुखमय रहता है। इसलिए नवविवाहित जोड़े यहां आकर माता टेकते हैं।
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Maahi Yashodhar author
माही यशोधर Timesnowhindi.com में न्यूज डेस्क पर काम करती हैं। यहां वह फीचर, इंफ्रा, डेवलपमेंट, पॉलिट...और देखें
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