जोशीमठ के बाद अब बागेश्वर में भी घरों और सड़कों पर पड़ रही दरारें, जानें वजह

उत्तराखंड में जोशीमठ आपदा को अभी आप भूले नहीं होंगे। वहां मकानों, सड़कों और खेतों में दरारें पड़ने से लोग दहशत में आ गए थे। अब ऐसा ही कुछ बागेश्वर में भी देखने को मिल रहा है। चलिए जानते हैं ये दरारें क्यों पड़ रही हैं।

बागेश्वर के घरों में पड़ रही दरारें

पिछले साल जोशीमठ की घटनाएं तो आपको याद ही होंगी। जब चमोली जिले के इस धार्मिक शहर के घरों और खेतों में अचानक दरारें पड़ने लगी थीं। इसको लेकर तमाम पर्यावरणविदों ने चिंता जाहिर की थी। सरकारें भी हरकत में आई थीं और लोगों को दरार पड़े घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया था। अब ऐसा ही मामला कुमाऊं क्षेत्र के बागेश्वर जिले में भी देखने को मिल रहा है। चलिए इस बारे में जानते हैं और समझते हैं कि आखिर यहां दरारें क्यों पड़ रही हैं।

बागेश्वर में कहांबागेश्वर जिले के कांडा इलाके में हालात पिछले साल के जोशीमठ जैसे बनते जा रहे हैं। यहां मकानों कें मोटी-मोटी दरारें आ रही हैं। इसके अलावा खेतों और सड़कों में भी दरारें साफ देखी जा सकती हैं। हालात, लगातार गंभीर होते जा रहे हैं और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने भी इस पर संज्ञान लिया है। NGT ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) से इस पर जवाब मांगा है।

क्यों आ रही दरारें

दैनिक हिंदुस्तान की खबर के अनुसार हाल की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस क्षेत्र में खनन धड़ल्ले से हो रहा है। इसी के चलते कांडा क्षेत्र के घरों, खेतों और सड़कों में दरारें आ रही हैं। खनन की वजह से ऐसा हो रहा है, यही वजह है कि NGT ने CPCB से जवाब मांगा है। NGT प्रमुख जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. अफरोज अहमद की पीठ ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है।

NGT पीठ ने CPCB के अलावा केंद्रीय वन एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मांत्रालय, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPCB) और बागेशवर के डीएम को भी नोटिस जारी किया है। उन्होंने इन सभी से एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

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