Kanpur Ring Road: 93 किमी. रिंग रोड से घिरेगा कानपुर, कनेक्ट होंगे सभी Highway; किसानों की हो गई चांदी

Kanpur Outer Ring Road: कानपुर आउटर रिंग रोड (उद्योग पथ) के निर्माण का रास्ता देख रहे लोगों के लिए खुशखबरी है। अब पर्यावरण और वन मंत्रालय से पूरी एनओसी मिलने के बाद पांच पैकेज का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। 93 किलोमीटर लंबे रिंग रोड के बनने से जिले के आसपास सभी हाईवे एक दूसरे से लिंक हो जाएंगे। आइये जानते हैं इस सड़क मार्ग का रूट मैप क्या है और यह कब तक बनकर तैयार हो जाएगा?

Kanpur Outer Ring Road: कानपुर शहर को जाम के झाम से छुटकारा दिलाने का प्रयास जारी है। शहर में मेट्रो के संचालन के साथ फ्लाईओवर और रिंग रोड से जोड़ने के लिए कदम बढ़ चुके हैं। खासकर, शहर के अंदर बड़े वाहनों के प्रवेश होने वाली समस्या के समाधान के दिन आ गए हैं। एनएचएआई ने शहर के चारो तरफ 93 किलोमीटर का रिंग रोड (उद्योग पथ) बनाने जा रहा है। यह रिंग रोड पांच अलग-अलग पैकेज में विकसित किया जाएगा। फिलहाल, पर्यावरण और वन मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि 3 साल में यह प्रोजक्ट पूरा हो जाएगा। इस हाईटेक सड़क मार्ग के बनने से वाहन शहर के बाहरी हिस्से होकर अपने गंतव्य की ओर जा सकेंगे। इससे जीटी रोड पर वाहनों का दबाव कम होगा। आइये जानते इसका रूट मैप क्या है?

रोड

कानपुर रिंग रोड के निर्माण के लिए एनएचएआई पिछले 2 साल से एनओसी लेने के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय से संबंधित कागजी कार्रवाई को पूरा करने का प्रसास कर रहा था। हालांकि, लंबे प्रयास के बाद एनओसी हाथ लगने से निर्माण प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इस प्रोजेक्ट का निर्माण ईपीसी मोड (इंजीनियरिंग प्रिक्योरमेंट कंस्ट्रक्शन में किया जा रहा है। इसका 100 प्रतिशत बजट एनएचएआई खर्च करेगा। रिंग रोड को पांच पैकेज में 6 लेन का निर्मित किया जाएगा।

कानपुर रिंग रोड की लागत (Kanpur Ring Road Cost)

रिंग रोड के पैकेज वन में सचेंडी से महाराजपुर तक 23.32 किमी. तक विकसित होगा, जिसके लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया गया है। कुल मिलाकर रूट के लिए निर्धारित जमीन का अधिग्रहण सर्किल रेट के मुताबिक खरीद ली गई है। इस रिंग रोड इसलिए भी खास है क्योंकि इससे शहर के बाहर सभी हाईवे जुड़ेंगे। इस प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए केंद्र सरकार 40 अरब 77 करोड़ रुपये का बजट खर्च कर रही है। एनएचएआई का दावा है कि साल 2027 तक इस परियोजना को पूरा कर जनता को सौंप दिया जाएगा। जिससे मध्य प्रदेश यानी सागर, हमीरपुर और महोबा की ओर आने वाले वाहन अब नौबस्ता न जाकर सीधे महाराजपुर की ओर जाकर इलाहाबाद की ओर जा सकेंगे। उधर, उन्नाव के बदरका से उजेती तक के पार्ट से सीधे लखनऊ बाहर-बाहर वाहन निकल जाएंगे, जिससे गंगा पुल पर अक्सर लगने वाले जाम से छुटकारा मिलेगा।

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