Kanpur में एयरफोर्स सार्जेंट का बीमार बेटा कमरे में जिंदा जला, सिर्फ बिस्तर में ही आग कैसे?

कानपुर के अहिरवां एयरफोर्स सब स्टेशन परिसर में एयरफोर्स सार्जेंट के 10 साल के बेटे की कमरे में जिंदा जलकर मौत हो गई। आयुष की मौत कई सवाल खड़े करके गई है।

कानपुर आयुष की मौत का मामला

कानपुर: शहर में घटित एक घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, अहिरवां स्थित एयरफोर्स सब स्टेशन परिसर निवासी एयरफोर्स सार्जेंट के 10 साल के बेटे का शव कमरे के अंदर जला हुआ पाया गया। पुलिस ने शव कमरे से निकलवा कर पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 70 प्रतिशत जलने की वजह से मौत का होना बताया गया है। हालांकि, इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी परिवार वाले किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। वैसे तो शार्ट सर्किट से आग का लगना बताया जा रहा है। कहा जा रहा है उसी वजह से आयुष की मौत हुई है, लेकिन परिवार वाले कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं।

पौड़ी गढवाल के हैं एयरफोर्स सार्जेंट

जानकारी के मुताबिक, मूल रूप से उत्तराखंड पौड़ी गढवाल के भगनपुर निवासी प्रमोद कुच्छाल एयरफोर्स में सार्जेंट हैं। मौजूदा समय में उनकी तैनाती कानपुर एयरफोर्स स्टेशन में है। लिहाजा, वे कानपुर के अहिरवां स्थित एयरफोर्स सब स्टेशन में परिवार के साथ रह रहे हैं। उनके परिवार में पत्नी, 10 साल का मानसिक मंदित बेटा आयुष और 8 साल का बेटा आदित्य रह रहे थे। बिमारी की वजह से आयुष का लंबे समय से इलाज चल रहा था। लेकिन, गुरुवार की सुबह आयुष का जला शव बेड पर पाया गया। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

आयुष की संदिग्ध मौत पर कई सवाल

आयुष की संदिग्ध मौत से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पहला सवाल यही है 'आग लगी या फिर लगाई गई और लगी तो कैसे और लगाई तो किसने?। दूसरी बात क्या आयुष इस स्तर का मानसिक मंदित था कि जलने पर उसे एहसास नहीं हुआ और चीख भी न सके? तीसरी बात अगर, आयुष मानसिक मंदित था तो आसपास परिवार का कोई सदस्य क्यों मौजूद नहीं था? चौथी बात इतनी बड़ी घटना के बावजूद परिवार का कोई भी सदस्य पोस्टमार्टम के दौरान पोस्टमार्टम हाउस में क्यों नहीं था? उधर, बेटे की मौत पर छोटे भाई, मां और पिता ने आखिर क्यों चुप्पी साध रखी है? इन सभी सवालों से परिवार कटघरे में खड़ा है।

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