Places to visit in Kanpur: शहर में ये नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा! New Year पर यहां-यहां कर सकते हैं मौज-मस्ती

Best Hangout Places to visit in Kanpur 2023: ऐसा कहा जाता है कि कानपुर की स्थापना सचेन्दी राज्य के राजा हिन्दू सिंह ने की थी। शहर का मूल नाम ‘कान्हपुर’ था। 20 से अधिक बार नाम बदले जाने के बाद इसका नाम कानपुर हुआ। यह भी मान्यता है कि अवध के नवाबों के शासन काल के आखिरी चरण में यह नगर पुराना कानपुर, पटकापुर, कुरसवां, जूही और सीमामऊ गांवों के मिलने से बना था।

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Kanpur के गंगा बैराज वाले इलाके में Atal Ghat है, जहां से आप सुबह के समय ढेर सारी डॉल्फिन्स को देख सकते हैं। यहां नौका विहार भी है। (फोटोः अभिषेक गुप्ता)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
Best Hangout Places to visit in Kanpur 2023 for New Year Celebration: उत्तर प्रदेश की प्रमुख उद्योग नगरी कानपुर बाहर (शहर और सूबे के) जितना गुटखा, गंगा और गंदगी के जाना जाता है, शहरवासियों में उतना ही अपने घूमने-फिरने और हैंग-आउट लोकेशंस के लिए मशहूर है। नैचुरल लोकेशंस हों या फिर मौज-मस्ती के ठिकाने...ये सब आपको इस मस्तमौला और रंगबाज शहर में मिल जाएंगे। न्यू ईयर से पहले हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी ही लोकेशंस, जहां जाकर आप अपने नई साल की पार्टी में चार चांद लगा सकते हैं:

Ganges Barrage

गंगा बैराज का आधिकारिक नाम लव-कुश बैराज है। यह आजाद नगर-नवाजगंज इलाके के नजदीक लगता है। 1995 में इसके निर्माण का काम चालू हुआ था, जबकि 2000 में इसका उद्घाटन किया गया था। बैराज की कुल लंबाई 621 मीटर है और यहां से सनराइज (सूर्योदय) और सनसेट (सूर्यास्त) का नजारा बेहद मनमोहक लगता है। अटल घाट में आप गंगा किनारे घाट पर कुछ वक्त बिताने के साथ पानी में डॉलफिन्स को चहलकदमी करते देख सकते हैं। आपको यहां बोटिंग की सेवा भी मिलेगी, जबकि बाहर निकलेंगे तो सेल्फी (आई लव कानपुर और हैपिली चेक्ड इन टू कानपुर वाले) सेल्फी प्वॉइंट्स मिलेंगे। परिवर्तन सेंट्रल की थीम वाले रेलवे स्टेशन की डिजाइन भी आपको वहां नजर आएगी, जिसके साथ आप खूब सारी अच्छी तस्वीरें खिंचा सकते हैं। फिर पुल पर तेज प्रवाह में बांध से निकलते पानी को आप निहार सकते हैं। आपको आगे मैगी प्वॉइंट के साथ खाने-पीने में ढेर सारे स्ट्रीटफूड के स्टॉल्स मिल जाएंगे। हालांकि, यहां विजिट करने का सबसे बेहतरीन समय शाम चार बजे से सात बजे के बीच रहता है। पुल पर शाम को (अंधेरा होने पर) मनमोहक लाइटिंग शो भी होता है।

Z Square Mall

बड़ा चौराहा पर बना जेड स्क्वायर मॉल शहर का सबसे बड़ा और पॉपुलर मॉल माना जाता है, जहां पर एंटरटेनमेंट कॉम्प्लेक्स, फूड कोर्ट और फन-गेम जोन भी है। यह 900,000 स्क्वायर फुट में फैला है और इसमें लगभग 150 से अधिक नामी ब्रांड्स के आपको आइटम्स मिल जाएंगे। यह सुबह साढ़े 10 बजे खुलता है, जबकि सारे स्टोर्स 11 बजे तक ओपन हो जाते हैं। जेडएजेड समूह का यह पांच मंजिला मॉल 2010 में खुला था, जिसके आर्किटेक्ट हफीज कॉन्ट्रैक्टर हैं। मॉल में आपको व्हील चेयर, बेबी प्रैम, पेयजल, वॉशरूम, फर्स्ट एड, एटीएम, लिफ्ट, मुफ्त वाई-फाई, ऑटोमैटिक शू-क्लीनर, चार्जिंग प्वॉइंट्स, सीनियर सिटिजंस और गर्भवती महिलाओं के लिए खास लाउंज, हेल्प डेस्क और टच स्क्रीन इन्फॉर्मेशन कियॉस्क मिल जाएंगे।

Motijheel

यह शहर का एक बड़ा और चर्चित पार्क है, जिसमें बेहतरीन और खूबसूरत झील है। बेनाझाबर इलाके के पास बने मोतीझील के आसपास कई और पार्क भी हैं। यह सुबह पांच बजे खुल जाता है और रात नौ बजे तक खुला रहता है। अंदर आपको बतखें और प्राकृतिक सुंदरता नजर आएगी, जबकि बाहर खाने पीने के स्टॉल्स, बच्चों के लिए झूले और अन्य चीजें मिलेंगी।

Bithoor

बिठूर शहर में गंगा-किनारे बसा हुआ इलाका है, जहां आपको मंदिर और घाटों का समागम मिल जाएगा। हालांकि, किसी जमाने में यह क्षेत्र सत्ता का केंद्र (1857 की क्रांति के आसपास के समय में) हुआ करता था। कई पुरानी ऐतिहासिक इमारतें, बारादरियां और मंदिर जीर्ण-शीर्ण हालत में आज भी वहां देखने को मिलते हैं। यह नानाराव और तात्या टोपे जैसे महानायकों की धरती रही है। भगवान ब्रह्मा की खूंटी भी वहीं है और उस जगह को पृथ्वी का केंद्र बताया जाता है। रामायण काल से ही बिठूर को प्रमुख धार्मिक स्थल के तौर पर देखा जाता है, क्योंकि वहां पर वाल्मीकि आश्रम है। माना जाता है कि ऋषि वाल्मीकि ने उसी आश्रम में रामायण की रचना की थी और मां सीता ने देश निष्कासन के वक्त इसी आश्रम में शरण ली थी और लव और कुश को जन्म दिया था। अगर आप शांति की तलाश में हैं और भीड़-भाड़ वाले इलाके से दूर जाना चाहते हैं, तब आपके लिए बिठूर अच्छा टूरिस्ट स्पॉट हो सकता है।

Jajmau ka Tila

कानपुर में गंगा किनारे बसा जो जाजमऊ इलाका अपनी चमड़ा टेनरियों के लिए देश भर में जाना जाता है, वह वहां के टीले के लिए भी मशहूर है। इसे जाजमऊ के टीला के नाम से जाना जाता है और वहां से गंगा, पुल और आसपास के इलाके का खूबसूरत नजारा दिखता है। वैसे, यह लोकेशन मॉनसून के दौरान घूमने के लिए सबसे बढ़िया हो जाती है, क्योंकि तब टीले पर हरियाली हो जाती है और आसपास का व्यू बिल्कुल साफ नजर आता है। हालांकि, टीला वाले हिस्से के पास "जिन्नातों की मजार" और बड़ा कब्रिस्तान भी है। टीले पर बस्ती भी बसी है, जहां लोग रहते हैं। उनके मुताबिक, शाम छह बजे के बाद टीले पर जाना मना है। दरअसल, ऐसा कहा जाता है कि जिस जगह टीला है, वहां किसी जमाने में राजा ययाति का महल हुआ करता था, जो कि पलट गया था।

Allen Forest Zooकानपुर चिड़ियाघर देश के सबसे पुराने जूलॉजिकल पार्क्स में से एक है। यह चार फरवरी 1974 को खुला था और यह करीब 76.56 हेक्टेयर इलाके में फैला ह। इसका असल नाम ऐलन फॉरेस्ट जू है। चिड़ियाघर के अंदर आपको जंगली जानवरों की विभिन्न प्रजातियों के साथ जंगल सफारी, एडवेंचर पार्क, फिश हाउस (मछली घर), बटरफ्लाई पार्क, रात्रि-चर जीव गृह, पक्षी विहार, टॉय ट्रेन और कैंटीन मिलेगी। आपको इसके अलावा जगह-जगह बैठने की सुविधा, पानी पीने के लिए नल या वॉटरकूलर भी मिल जाएंगे। चिड़ियाघर में एंट्री के लिए 70 रुपए का टिकट है, जबकि एडवेंचर पार्क में बड़े बच्चों के झूलों का टिकट 100 तो छोटे बच्चों के लिए 50 रुपए है। 200 रुपए जंगल सफारी, 20 रुपए बटरफ्लाई पार्क और 50 रुपए टॉय ट्रेन के लिए अलग से चुकाने पड़ते हैं। हालांकि, हर सोमवार को चिड़ियाघर बंद रहता है।
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अभिषेक गुप्ता author

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