मिलने को तैयार 2 राजधानियां, यातायात में क्रांति लेकर आ रहा Bhopal-Lucknow नेशनल हाईवे
Lucknow-Bhopal National Highway Route Map: भोपाल से लखनऊ तक 600 किलोमीटर लंबी दूरी को कवर करने के लिए तीन पार्ट में 4 और 6 लेन के हाईवे तैयार किए जा रहे हैं। इससे यूपी-एमपी की राजधानियां आपस में जुड़ जाएंगी। कानपुर-कबरई हाईवे (Kanpur-Kabarai Highway), कबरई-सागर हाईवे (Kabarai-Sagar Highway), सागर-भोपाल हाईवे (Sagar-Bhopal Highway) तीन पार्ट में बनाए जा रहे हैं। आइये जानतें ये हाईटेक सड़क मार्ग किन गांवों से होकर गुजरेंगे?
भोपाल-लखनऊ कॉरिडोर
- भोपाल-लखनऊ को जोड़ने के लिए तीन पार्ट में बन रहे 600 किमी. लंबे हाईवे
- कानपुर-कबरई हाईवे, कबरई-सागर हाईवे, सागर-भोपाल हाईवे शामिल
- यूपी-एमपी के व्यापार और पर्यटन क्षेत्र में क्रांति लाएंगे ये हाईवे
Lucknow-Bhopal National Highway Route Map: उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश के बीच यात्राएं सुगम बनाने की दिशा में कदम बढ़ चुके हैं। दोनों राज्यों को आपस में कनेक्ट करने के लिए फोरलेन हाईवे प्रस्तावित होने के बाद निर्माणाधीन हैं। इधर, कानपुर से कबरई (महोबा) समानांतर हाईवे निर्माण के लिए पर्यावरण मंत्रालय (Ministry of Environment) ने मई में एनओसी सौंप दी थी। इस हाईवे को यमुना एक्सप्रेस वे (Yamuna Expressway) की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। यह 112 किमी लंबा हाईवे कानपुर नगर, देहात, हमीरपुर और महोबा को जोड़ते हुए आगे बढ़ेगा। यह हाईवे से लखनऊ–कानपुर से हमीरपुर होते हुए छतरपुर के रास्ते भोपाल तक जाएगा, जिसकी कुल लंबाई 600 किलोमीटर के आसपास पहुंच जाएगी। इस परियोजना से दो राज्यों की राजधानी तक पहुंचना आसान होगा। साथ ही नौबस्ता-हमीरपुर हाईवे (Naubasta-Hamirpur Highway) पर लगने वाले जाम से राहगीरों को निजात मिलेगी। आइये जानते हैं इस परियोजना से किन-किन गावों को फायदा होगा और इस पर कितने वाहन प्रतिदिन दौड़ेंगे?
भोपाल से ऐसे जुड़ेगा लखनऊ
दोनों राज्यों की राजधानी (600 किमी.) आपस में कैसे जुड़ेंगी? इसके लिए अगल-अगल हाईवे परियोजनाएं हैं। कानपुर से कबरई हाईवे, कबरई से सागर, सागर से भोपाल तीन पार्ट में जोड़ने के लिए क्रमश: 112, 223 और 150 किलोमीटर के फोर टू सिक्स लेन (Kabrai-Sagar Six Lane) हाईवे बनाए जा रहे। इस परियोजना को विकसित करने के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया गया था। हालांकि, सागर-कबरई प्रोजेक्ट पर पिछले पांच साल से निर्माण कार्य चल रहा है। यह नेशनल हाईवे एमपी-एमपी (UP-MP National Highway) को आपस में जोड़ेगा यातायात को आसान बनाने की दिशा में काम करेगा। इन दोनों प्रोजेक्ट का कार्य 2026 में पूरा होने की संभावना है। एनएचएआई की कोशिश है कि तय समय में कार्य पूर्ण कर हाईवे जनता को समर्पित कर दिए जाएं। इन तीनों पार्ट की लागत 11300 करोड़ रुपये है।
7 घंटे में लखनऊ से भोपाल (Travel Time Lucknow To Bhopal)
इस पूरे कॉरिडोर के खुलने से भोपाल से लखनऊ तक का सफर महज 7 घंटे में कवर किया जा सकेगा। फिलहाल, इतनी दूरी कवर करने के लिए 13 से 14 घंटे खर्च करने होते हैं। यानी इस पर 100 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से आप वाहन दौड़ा सकते हैं। इस मार्ग पर हजारों की संख्या में वाहन दौड़ते हैं।
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लखनऊ-भोपाल कॉरिडोर भाग (Bhopal-Lucknow Economic Corridor Parts)
- नौबस्ता से कबरई - 124 किमी.
- कबरई से सागर - 245 किमी.
- सागर से भोपाल - 150 किमी.
कानपुर-सागर मार्ग (Kanpur-Sagar Route)
फिलहाल, कानपुर-सागर मार्ग (Kanpur-Sagar Route) पर वाहनों की सख्या अधिक होने के कारण काफी ज्यादा बोझ है। खासकर, बुंदेलखंड (Bundelkhand) के जिलों में बालू और पत्थर का काम बहुतायत मात्रा में होता है। लिहाजा, बड़े पैमाने पर बालू, मौरम और रेत पूरे उत्तर प्रदेश के जिलों में कानपुर-सागर हाईवे के जरिए ही ट्रक और डंपरों में भरकर सप्लाई होती है। हर दिन हजारों की संख्या में ट्रक नौबस्ता-हमीरपुर हाईवे पर हमीपुर, कबरई से बड़े पैमाने पर गिट्टी, मौरंग कानपुर, लखनऊ, सीतापुर, गोंडा, बहराइच, अयोध्या, लखीमपुर आदि जिलों में आपूर्ति करते हैं। ऐसे में वनवे होने ट्रैफिक होने के कारण बड़ी संख्या में दुर्घटनाएं होती हैं और आवागमन में भी खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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कानपुर से हमीरपुर तक मिलता है जाम
अक्सर, नौबस्ता से लेकर घाटमपुर और उधर, हमीरपुर यमुना पुल के नजदीक लंबा जाम देखने को मिलता है। लिहाजा, कानपुर से महोबा तक 112 किलोमीटर फोरलेन को पिछले दिनों सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Road Transport Minister Nitin Gadkari) ने प्रस्ताव पास किया था। इसके निर्माण में 3700 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका कार्य 2026 तक पूरा कर ट्रैफिक के लिए खोल दिया जाएगा।
यमुना-बेतवा पुल लाएंगे क्रांति
इस हाईवे को बनाने के लिए चार बड़े, छह छोटे पुल बनेंगे। साथ ही चार फ्लाईओवर (Flyovers) और एक रेलवे ओवरब्रिज (Railway Overbridge) होगा। कुल 21 अंडरपास बनाए जाएंगे, ताकि लोगों को हाईवे क्रॉस करने में आसानी हो। इसमें पांच कंट्रोल रूम भी बनाए जाएंगे। समानांतर फोरलेन हाईवे बनाने में यमुना में एक नया पुल बनेगा। इधर, हमीरपुर के पास यमुना (Yamuna) और बेतवा नदी (Betwa River) पर पहले से बन रहे पुल फोरलेन हाईवे के प्रयोग में लाए जा सकते हैं। इन दोनों पुलों से हाईवे निकलने की तैयारी से क्षेत्र की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी और यातायात में क्रांति आएगी।
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तहसील के नाम | तहसील क्षेत्र के गांव |
घाटमपुर तहसील | बरौली, रायपुर, पड़री लालपुर, सतरहुली, सरांय, सिरोह, भदेवना, छाजा, रामसारी, मिर्जापुर, कुम्हेड़िया, ओरिया, बम्हौरा, इतर्रा, गुच्चुपुर, परास प्रथम खंड, कोरिया पश्चिमी, कोहरा, सजेती, बम्हौरी, चितौली, अनोइया, बावन, मदुरी, बरीपाल, असगहा, पड़री गंगादीन, सिरसा, कंधौली,धरछुआ, मैधरी, असवार मऊ, समुही, लहुरीमऊ कासिमपुर, परास द्वितीय खंड और कोरिया पूर्वी |
फतेहपुर बिंदकी तहसील | परसेंढ़ा एहतमाली, परसेंढ़ा मुस्तकिल, गंगूपुर, श्यामपुर |
हमीरपुर तहसील | देवगांव गहतौली, जलाला, पचखुरा बुजुर्ग, टेढ़ा, अराजी मुतनाजा पंधेरी, पढ़ौली, पारा, इटरा, चंदनपुरवा बुजुर्ग, भौनियां, पत्योरा दरिया, पत्योरा डांडा। |
कानपुर नगर-शंभुआ, कठेरूआ, काकोरी, चौराई, हड़हा, छौकी, किशुनपुर मंझावन, खेरसा, कठुई, मगरासा, रमईपुर, बाजपुर, लुधौरी, हाजीपुर, शुंभआ दो।
2026 तक पूरा होगा निर्माण
उधर, कबरई से सागर तक प्रस्तावित 223 फोर टू सिक्स लेन हाईवे का पिछले पांच साल से निर्माण कार्य जारी है। यह फोरलेन चार तहसीलों महाराजपुर, छतरपुर, बिजावर बड़ामलहरा में 57 गांवों की जमीन के अधिग्रहण का कार्य जारी है। सागर से यूपी के कबरई तक के लिए अलग-अलग इकोनॉमिक कॉरिडोर (Economic Corridor) के नाम से फोरलेन सड़क का निर्माण हो रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) 232 किलोमीटर लंबे फोरलेन का अलग-अलग चरणों में कर रहा है। छतरपुर जिले के बड़ामलहरा विकासखंड के सांठिया घाटी से लकर महराजपुर तहसील के तहत कैमला बैरियर तक 109 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
जानकारी | विवरण |
कॉरिडोर का नाम | भोपाल-लखनऊ कॉरिडोर |
भोपाल-लखनऊ कॉरिडोर की लंबाई | 600 किमी. (3 पार्ट) |
भोपाल-कानपुर कॉरिडोर की लागत | 11300 करोड़ रुपये + अधिक |
लेन संख्या | 4-6 |
स्पीड | 100 किमी. प्रति घंटे |
निर्माणकर्ता कंपनी | एनएचएआई |
कार्य पूरा होने की तिथि | 2026 |
सागर-कबरई फोरलेन को पांच पैकेज में बनाया जा रहा है। इसके 46 किलोमीटर के निर्माण में 896.36 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे है। इसके सभी पार्ट मिलाकर 223 किलोमीटर के होंगे, जो एमपी और यूपी को जोड़ेंगे। यह फोरलेन सागर से निकलकर बंडा, दलपतुर, शाहगढ़, मलहरा, गुलगंज, छतरपुर, गढ़ी मलहरा, श्रीनगर और महोबा होकर निर्मित हो रहा है।
भोपाल-लखनऊ इकनॉमिक कॉरिडोर से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
भोपाल-लखनऊ इकनॉमिक कॉरिडोर के निर्माण से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के व्यवसाय और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा सीमेंट, मौरम और गिट्टी व्यवसाय के साथ खनिज परिवहन में सहूलियत होगी। साथ ही कानपुर के आसपास और देश के सबसे पुराने नेशनल हाईवे (Grant Trunk Road) कोलकाता से दिल्ली से कानपुर के चकेरी के पास जुड़ने का मौका मिलेगा। इससे प्रयागराज और वाराणसी जाना काफी आसान होगा।
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