कानपुर विवि में बनेगा कृषि ड्रोन का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, कांफ्रेंस में उत्तर भारत के कृषि वैज्ञानिक बताएंगे फायदे

Center Of Excellence Of Agriculture: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) में कृषि ड्रोन का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा। यहां उत्तर भारत की पहली कृषि ड्रोन कांफ्रेंस शुरू हो गई है। तीन दिन की कांफ्रेंस में उत्तर भारत के कृषि वैज्ञानिक फायदे बताएंगे। 15 से अधिक ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन किया जाएगा।

Kanpur Agriculture Drone

कानपुर में बनेगा कृषि ड्रोन का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • कानपुर विवि में कृषि ड्रोन का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा
  • कृषि में ड्रोन तकनीक लाएगी क्रांतिकारी परिवर्तन
  • सीएसजेएमयू में उत्तर भारत की पहली कृषि ड्रोन कांफ्रेंस

Agriculture Drone: कृषि में ड्रोन तकनीक क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना होगी। यहां कृषि में मदद करने वाले ड्रोन और उससे जुड़ी तकनीक को विकसित करने पर कार्य किया जाएगा। विवि के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने यह बात कहीं। उन्होंने कहा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए जो भी सुविधा या मदद की जरूरत पड़ेगी, प्राथमिकता पर वह दी जाएगी।

डीआरडीओ के निदेशक डॉ. संजय द्विवेदी के अनुसार, कानपुर ड्रोन टेक्नोलॉजी में सबसे आगे है। ड्रोन का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आईआईटी में भी स्थापित किया जा रहा है। सीएसजेएमयू में कृषि सेक्टर के लिए ड्रोन का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित होने से काफी फायदा होगा।

ड्रोन से कृषि को मदद करने की रणनीति होगी तैयारयहां 15 से ज्यादा ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन किया जाएगा, सभी मददगार होंगे। आपको बता दें कि सीएसजेएमयू में शुक्रवार को उत्तर भारत की पहली तीन दिवसीय ड्रोन कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। तीन दिन तक चलने वाली इस कांफ्रेंस का शुभारंभ दीनदयाल सभागार में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, डीआरडीओ के निदेशक डॉ. संजय द्विवेदी ने किया। कांफ्रेंस में वर्चुअल माध्यम से कई किसान जुड़े। प्रो. पाठक के अनुसार, उत्तर भारत के कृषि वैज्ञानिक और प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि इस कांफ्रेंस में शामिल होंगे। ड्रोन से कृषि को मदद करने की रणनीति तैयार की जाएगी।

आईआईटी कानपुर ने ड्रोन टेक्नोलॉजी पर तैयार किया कोर्सकिसानों की आय बढ़ाने के लिए परंपरागत कृषि से तकनीक कृषि को बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि जो छात्र इस सेक्टर में स्टार्टअप या इनोवेशन करेंगे, उन्हें विश्वविद्याल पूरी मदद करेगा। ड्रोन कांफ्रेंस में कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कृषि संकाय के सभी शिक्षकों को सराहा। वहीं, ड्रोन टेक्नोलॉजी पर आईआईटी कानपुर ने एक कोर्स तैयार किया है। इसे सिर्फ आईआईटी नहीं बल्कि देश के देश के विभिन्न तकनीकी संस्थान, अन्य टेक्निकल इंस्टीट्यूट और स्किल डेवलपमेंट सेंटर्स में भी पढ़ाया जाएगा। संस्थान के दो शिक्षकों ने यह कोर्स मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एंड इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी के निर्देश पर तैयार किया है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के निर्देश पर कोर्स को डिजाइन किया है।

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