Temples to Visit in Kanpur: रामायण व महाभारतकाल में है इस मंदिर का उल्लेख, कानपुर के प्रसिद्ध मंदिर, नये साल पर करें दर्शन
Famous Temple to Visit in Kanpur: यदि आप भी कानपुर के रहने वाले हैं या फिर कानपुर की यात्रा पर हैं और नये साल पर मंदिरों के दर्शन की योजना बना रहे हैं, तो यहां हम आपको कानपुर के आसपास के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताएंगे। जिससे आप परिवार के साथ नये साल पर लॉन्ग ड्राइव के साथ मंदिर दर्शन के लिए जा सकेंगे। इन मंदिरों को लेकर भक्तों का मानना है कि, यहां दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
नये साल पर करें कानपुर के इन प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन और पूजन
Temples to Visit in Kanpur: जहां कानपुर कनकैया ऊपर चलै ट्रेन का पहिया, नीचे बहती गंगा मैया की कहावत से तो आपको बखूबी याद होगी। कानपुर Kanpur उत्तर भारत के ऐतिहासिक शहरों में से एक है, यहां हर साल हजारों की संख्या में लोग शानदार पर्यटन स्थलों की सैर करने के लिए आते हैं। यह शहर एक प्रमुख औद्योगिक और सांस्कृतिक केंद्र रहा है, जिस पर कई साम्राज्यों और राजवंशों ने शासक (Famous Shiv Mandir In Kanpur) किया है। कानपुर जितना अपने खूबसूरत जगहों के लिए प्रसिद्ध है उतना ही यह अपने प्रसिद्ध मंदिरों के लिए भी मशहूर है। यूं तो इस शहर में अनेको मंदिर हैं, लेकिन कुछ मंदिर लोगों के जेहन और जुबां पर (Ancient Temple In Kanpur) रहते हैं।
मान्यता है कि इन मंदिरों के दर्शन मात्र से भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं और कष्टों का निवारण होता है। यहां बारह देवियों का एक मंदिर है, इस मंदिर को लेकर भक्तों का मानना है कि मां भगवती यहां साक्षात वास करती हैं। इस मंदिर का इतिहास करीब 1700 साल पुराना है। कहा जाता है कि यहां आधी रात में पत्थर से 12 बहनें एकसाथ प्रकट होती हैं।
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ऐसे में यदि आप भी कानपुर के रहने वाले हैं या फिर कानपुर की यात्रा पर हैं और नये साल पर मंदिरों के दर्शन की योजना बना (Kanpur Temple List) रहे हैं, तो यहां हम आपको कानपुर के आसपास के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताएंगे। जिससे आप परिवार के साथ नये साल पर लॉन्ग ड्राइव के साथ मंदिर दर्शन के लिए जा सकेंगे। इन मंदिरों को लेकर भक्तों का मानना है कि, यहां दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आइए एक नजर डालते हैं कानपुर के आसपास प्रसिद्ध मंदिरों पर।
Tapeswari Devi Mandir Kanpur, मां तपेश्वरी देवी मंदिरकानपुर के बिरहाना रोड पर स्थित मां तपेश्वरी देवी का मंदिर भक्तों के आस्था का केंद्र है। इस मंदिर का उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में भी मिलता है। मान्यता है कि, यहां अखंड ज्योति प्रज्जवलित करने से भक्तों की सभी मुरादें पूरी होती हैं। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम द्वारा त्यागे जाने पर माता सीता महर्षि वाल्मिकी के आश्रम में आई थी। कहा जाता है कि माता सीता के तप से ही मां तपेश्वरी प्रकट हुई थी। रामायणकाल में वर्णित एक कथा के अनुसार इसी स्थान पर मां जानकी ने अपने पुत्रों लव और कुश का मुंडन और कनछेदन संस्कार करवाया था।
शारदीय नवरात्रि पर माता तपेश्वरी के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ जमा होती है। वहीं यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि, माता के दर्शन मात्र से संतान से संबंधित सभी समस्याओं का निवारण होता है। माता का यह मंदिर अपने आप में अद्भुत है। बता दें कानपुर शहर से मां तपेश्वरी मंदिर की दूरी मात्र 6 किलोमीटर है। आप यहां मात्र 30 मिनट में पहुंच सकते हैं।
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Mata Jungli Devi Mandir, माता जंगली देवी मंदिरकानपुर शहर से 2.3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मां जंगली देवी मंदिर का उल्लेख रामायणकाल और महाभारत काल में भी मिलता है। गहरे और घने जंगलों में होने के कारण इस स्थान को जंगली देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर में माता की मूर्ती को लेकर एक खास मान्यता है। कहा जाता है कि यदि माता के चरणों को छूते ही और माता की प्रतिमा को निहारते वक्त यदि मूर्ती का रंग गुलाबी होने लगे तो समझिए आपकी मनोकामना जल्द पूर्ण होने वाली है।
भक्तों का मानना है कि माता जगली देवी के दर से कोई भक्त खाली हांथ नहीं जाता। हर साल यहां माता के दर्शन हेतु भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्रि में भक्तों की भीड़ देखने लायक होती है।
Barah Devi Kanpur, बारह देवी मंदिर कानपुर शहर के बीचो बीच स्थित बारह देवी मंदिर पौराणिक और प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का इतिहास करीब 1700 साल पुराना है। पुरातत्व विभाग के वैज्ञानिक भी इस मंदिर के चमत्कार को नमस्कार करते हैं। यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि, यहां जो भी भक्त माता की चौकी पर अपनी जिह्वा अर्पण करते थे, माता की कृपा से उसकी कटी हुई जीभ दोबारा जुड़ थी। माता के इस मंदिर में दूर दराज से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। ऐसे में यदि आप भी नये साल पर माता के दर्शन की योजना बना रहे हैं, तो बारह देवी मंदिर को अपनी लिस्ट में शामिल करना ना भूलें। बता दें यह मंदिर कानपुर शहर के बीचो बीच स्थित है।
Tale Wali Mata Mandir Kanpur, ताले वाली माता का मंदिरकानपुर के बंगाली मोहल्ले में स्थित ताले वाली माता का मंदिर कफी प्रसिद्ध है। माता काली के इस मंदिर कई को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। माता काली का यह मंदिरप कई सौ साल पुराना है। मान्यता है कि माता काली की मूर्ती यहां स्वयं प्रकट हुई थी। यहां माता काली की प्रतिमा कलकत्ता से लाई गई मिट्टी से तैयार की गई है। हांथ में खड्ग खप्पर और मुंड की माला पहने माता अपने भक्तों की सभी समस्याओं का अंत करती हैं। माता के दर्शन के लिए लोग दूर दराज के स्थानों से पहुंचते हैं। कानपुर शहर से आपको बंगाली मोहल्ले के लिए ऑटो रिक्शा मि जाएगा। मात्र 15 से 20 रुपये में आप यहां पहुंच सकते हैं।
Venkateshwar Mandir Lucknow, वेंक्टेश्वर मंदिरकानपुर सिटी से 76.7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वेंक्टेश्वर मंदिर श्रीहरि भगवान विष्णु का काफी पुराना मंदिर है। यहां बजरंगबली, भगवान वेंक्टेश्वर, देवी पद्मावती और नवग्रहों की मूर्तियां स्थापित हैं। भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर 2700 वर्ग फीट में फैला हुआ है। मंदिर में दक्षिण भारत की शैली नजर आती है। इस मंदिर की खूबसूरती उत्तर भारत में स्थित सभी मंदिरों में सबसे अलग है। कानपुर से आप मात्र 2 घंटे 9 मिनट में यहां पहुंच जाएंगे।
Chandrika Devi Mandir Lucknow, चंद्रिका देवी मंदिरवेंक्टेश्वर मंदिर पहुंचने के बाद आप गोमती नदी के तट पर स्थित मां चंद्रिका देवी मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर की स्थापना राजकुमार चंद्रकेतु ने की थी। यहां नवरात्रि और अमावस्या के अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। बता दें कानपुर शहर से चंद्रिका देवी मंदिर की दूरी 82.9 किलोमीटर है। यहां से आपको चंद्रिका देवी मंदिर के लिए डायरेक्ट ऑटो और बस मिल जाएगा।
Sankatmochan Mandir Pryagraj, संकटमोचन मंदिर, प्रयागराजप्रयागराज का संकटमोचन मंदिर काफी प्रसिद्ध है। बता दें यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी की लेटी हुई प्रतिमा है। बता दें संगम आने वाले लोगों की यात्रा बिना हनुमान जी के दर्शन के अधूरी मानी जाती है। नदी में बाढ़ के दौरान हनुमान जी की यह प्रतिमा पूरी तरह डूब जाती है। यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि हनुमान जी के दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
बता दें कानपुर शहर से मंदिर की दूरी कुल 206 किलोमीटर है, यहां आप मात्र 4 घंटे 42 मिनट में पहुंच सकते हैं। इस बीच आप लखनऊ से होते हुए भगवान भगवान वेंक्टेश्वर और चंद्रिका देवी के दर्शन भी कर सकते हैं।
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मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और शिक्षा से जुड़े मुद्दों में विशेष रुचि। साथ ही हेल्...और देखें
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