Famous Temples in Kanpur: कानपुर का सिद्धनाथ मंदिर है द्वितीय काशी के नाम से प्रसिद्ध, रोचक है इतिहास, भक्तों की लगती है लंबी कतार
Famous Temple to Kanpur: कानपुर के जाजमऊ में सिद्धनाथ बाबा का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर द्वितीय काशी के नाम से भी मशहूर है। खुदाई में सिद्धनाथ मंदिर का शिवलिंग मिला था। मान्यता है कि महादेव को बेल पत्र अर्पित करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

कानपुर में सिद्धनाथ बाबा का प्रसिद्ध मंदिर
- कानपुर के जाजमऊ में है सिद्धनाथ बाबा का प्रसिद्ध मंदिर
- द्वितीय काशी के नाम से मशहूर है यह मंदिर
- महादेव को बेल पत्र अर्पित करने से पूरी होती हैं मनोकामनाएं
Famous Temples to Visit in Kanpur: कानपुर के जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ मंदिर दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। महादेव के दर्शन के लिए शहर ही नहीं, कई अन्य शहरों से भी भक्त आते हैं। गंगा स्नान कर श्रद्धालु भोले बाबा पर बेल पत्र और चंदन अर्पित कर मनोकामनाएं मांगते हैं साथ ही सुख समृद्धि की कामना करते हैं। सिद्धनाथ मंदिर में श्रावण मास के वक्त जलाभिषेक के लिए भोर से ही भक्तों की लंबी-लंबी कतार लग जाती है। मान्यता है कि महादेव को बेल पत्र अर्पित करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
सिद्धनाथ मंदिर मोक्षदायिनी मां गंगा के पावन तट पर स्थित है। इसका इतिहास भी त्रेतायुग का है। प्राचीन मंदिर भक्तों में द्वितीय काशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि राजा ययाति ने खुदाई कराई थी। इसमें सिद्धनाथ मंदिर का शिवलिंग मिला था।
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सिद्धनाथ बाबा की जाजमऊ के कोतवाल के रूप में की जाती है पूजाबताया जाता है कि प्राचीन काल में यहां लगातार 100 यज्ञ पूरे होने के बाद इस स्थान को काशी का दर्जा मिलने वाला था कि अचानक 100वें यज्ञ के दौरान एक कौवे ने हवन कुंड में हड्डी डाल दी। 99 यज्ञ पूरे होने की वजह से यह स्थल द्वितीय काशी के रूप में जाना जाने लगा। सिद्धनाथ बाबा की जाजमऊ के कोतवाल के रूप में पूजा की जाती है। गंगा जल से महादेव का जलाभिषेक करके श्रद्धालु सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। श्रावण मास में मंदिर परिसर में विशाल मेले का आयोजन होता है। बेल पत्र और दूध-दही भक्त अर्पित महादेव पर करते हैं। यहां स्थापित शिवलिंग की लंबाई नापने के लिए दो बार खोदाई की गई है, लेकिन शिवलिंग के अंतिम छोर का पता नहीं लग सका है।
महादेव को बेल पत्र अर्पित करने से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएंपुजारी मुन्नी लाल ने बताया कि, सिद्धनाथ बाबा के दर्शन के लिए श्रावण मास में हजारों भक्त आते हैं। मान्यता है कि महादेव को बेल पत्र अर्पित करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पवित्र श्रावण मास में बाबा के दरबार में भक्तों में काशी विश्वनाथ जैसा उत्साह दिखाई देता है। सेवक प्रियेश तिवारी ने बताया कि श्रावण मास में महादेव के दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं। प्रभु के दर्शन से पहले ही श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाते हैं। बाबा के दर्शन करने के बाद ही भक्त किसी शुभ काम की शुरुआत करते हैं। श्रावण मास में जलाभिषेक के लिए रोजाना भक्तों की लंबी कतारें लगी रहती हैं।
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