Critical Care Unit: कानपुर में खुलेगी पहली क्रिटिकल केयर यूनिट, अब मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा लखनऊ और दिल्ली
Kanpur Critical Care Unit: उत्तर प्रदेश के कानपुर में क्रिटिकल केयर यूनिट खुलेगी। क्रिटिकल केयर यूनिट को शासन से हरी झंडी मिल गई है। जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी पीजीआई के पास मल्टीलेवल पार्किंग के लिए जगह चिन्हित कर लिया गया है। अति गंभीर मरीजों को अब दिल्ली और लखनऊ की भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी।
कानपुर में पहली क्रिटिकल केयर यूनिट हैलट में खुलेगी
मुख्य बातें
- कानपुर शहर की पहली क्रिटिकल केयर यूनिट हैलट अस्पताल में खुलेगी
- क्रिटिकल केयर यूनिट को मंजूरी मिली
- हैलट अस्पताल में बनाई जाएगी यूनिट
Kanpur Critical Care Unit: उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर की पहली क्रिटिकल केयर यूनिट को हरी झंडी मिल गई है। सौ बेड की यह क्रिटिकल केयर यूनिट हैलट अस्पताल में एनएचएम की फंडिंग से बनाई जाएगी। इसके निर्माण के लिए शासन ने राजकीय निर्माण निगम को नामित भी कर दिया है। यूनिट के लिए जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी पीजीआई के पास मल्टीलेवल पार्किंग के लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है। यहां 35 सौ वर्गमीटर जगह मिल गई है, जबकि यूनिट के लिए 32 सौ वर्गमीटर जगह की ही आवश्यकता बताई गई थी। कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने राजकीय निर्माण निगम के इंजीनियर श्याम बहादुर, अभियंता अरविन्द कुमार के साथ निरीक्षण कर इस केयर यूनिट के लिए जगह को चिह्नित किया है। संबंधित खबरें
तीन मंजिला नई यूनिट 33 करोड़ से बनेगीइससे पहले हैलट इमरजेंसी का निगम की टीम ने निरीक्षण किया था, लेकिन यूनिट के लिए मेडिसिन इमरजेंसी की जगह कम पड़ रही थी। इसलिए जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी पीजीआई के पास तीन मंजिला नई यूनिट 33 करोड़ रुपये से बनाई जाएगी। एनएचएम के तहत प्रोजेक्ट के लिए धनराशि का भी प्रावधान किया गया है।
इन विभागों में इलाज होगा यूनिट में मेडिसिन, गायनी, यूरो, गैस्ट्रो, नेफ्रो, आर्थो और एंडोक्राइनालाजी विभाग बनाए जाएंगे। यहां कानपुर के साथ बुंदेलखंड, प्रयागराज, उन्नाव, हरदोई के गंभीर मरीजों को भी सुपर स्पेशियलिटी उपचार मिलेगा। अति गंभीर मरीजों को अब दिल्ली और राजधानी लखनऊ की भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। यूनिट के लिए प्रोफेसर डॉ. सौरभ अग्रवाल को नोडल अधिकारी भी नामित किया गया है। प्राचार्य प्रो. संजय काला ने क्रिटिकल केयर यूनिट को कानपुर शहर के गंभीर मरीजों के लिए बड़ी सौगात माना है। उन्होंने कहा कि इससे हैलट इमरजेंसी का बोझ भी घटेगा।
टीबी को हराने वाले जज्बा भरेंगे
उधर, टीबी उन्मूलन में सहयोग के लिए बीमारी को हरा चुके लोगों का एक नेटवर्क तैयार किया गया है। इनको मिलाकर यूपी टीबी एलिमिनेशन फोर्स बनाया गया। जिला क्षय रोग केंद्र में एसीएमओ डॉ. एपी मिश्रा ने इसका शुभारंभ कर दिया है। एसीएमओ डॉ. एपी मिश्र ने कहा कि टीबी नेटवर्क का सभी जिलों में एक राज्यस्तरीय नेटवर्क बनेगा। यह मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, और टीबी उन्मूलन में सहयोग करना चाहते हैं, वो इस नेटवर्क से जुड़ सकते हैं।संबंधित खबरें
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