हजारों करोड़ की संपत्ति हड़पना चाहते थे कानपुर के पत्रकार, 'वसूली भाई' था प्रेस क्लब का पूर्व अध्यक्ष

कानपुर प्रेस क्लब का पूर्व अध्यक्ष वसूली गिरोह का सरगना करार दिया गया है। उसके गिरोह में 15 साथी शामिल हैं। सिविल लाइंस इलाके में 1000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की नुजूल संपत्ति हड़पने के प्रयास में दंगा करने और गंभीर चोट पहुंचाने के आरोप में गत 28 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।

कानपुर प्रेस क्लब का पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित

कानपुर: जिले में दंगा करने और संपत्ति हड़पने के इरादे से गंभीर चोट पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के एक पूर्व पत्रकार और कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष को पुलिस ने खुद को पत्रकार बताकर जबरन वसूली और जमीन हड़पने वाले लोगों के गिरोह का सरगना करार दिया है। कानपुर पुलिस द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान में बताया गया है कि कानपुर प्रेस क्लब का पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित इंटर रेंज (आईआर-1) गिरोह का सरगना है। गिरोह में उसके 15 साथी शामिल हैं।

ये पत्रकार हैं शामिल

बयान के मुताबिक, कानपुर के पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने 15 सदस्यों वाले दीक्षित गिरोह को जमीन हड़पने, जबरन वसूली और ब्लैकमेलिंग जैसे जघन्य अपराधों में शामिल गिरोह के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए अधीनस्थों की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अपराधियों पर शिकंजा कसने के इरादे से दीक्षित गिरोह को सूचीबद्ध किया गया है। इस गिरोह में गिरोह का सरगना अवनीश दीक्षित और उसके सक्रिय सदस्यों में पूर्व टीवी पत्रकार विवेक पांडेय, मनोज यादव उर्फ वसूली बंदर और अखलाक अहमद के अलावा हरेंद्र कुमार मसीह, राहुल वर्मा, विक्की चार्ल्स, संदीप शुक्ला और अन्य शामिल हैं।

इन मामलों में जेल में बंद

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान अगर कोई अन्य दोषी पाया गया तो उसे भी गिरोह के सक्रिय सदस्य के तौर पर देखा जाएगा। अंतर रेंज गिरोह को सूचीबद्ध करने का उद्देश्य सूचीबद्ध अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखना और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करना है। सूत्रों ने बताया कि गिरोह के ज्यादातर सदस्य पहले से ही जमीन हड़पने, रंगदारी मांगने के अलावा गैंगस्टर एक्ट के आरोपों में जेल में बंद हैं। जो बचे हैं उन्हें भी सलाखों के पीछे भेजने की कोशिशें जारी हैं।

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