Kanpur News: 'राम तेरी गंगा मैली हो गई नालों का मैल ढोते-ढोते', नहाना तो दूर आचमन लायक नहीं बचा नदी का पानी!-CPCB
यूपी के कानपुर से लेकर फतेहपुर के बीच गंगा का पानी बेहद दूषित हो गया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इतने दायरे में गंगा की धारा के पानी का पीएच मान 8 पहुंच गया है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। ऐसे में इसके पानी से नहाना तो दूर आचमन करना भी खतरनाक है।
कानपुर में गंगा के पानी का PH मान 8
कानपुर: 'राम तेरी गंगा मैली हो गई कानपुर आते आते' । जी हां, गंगा की पवित्रता-अविरलता पर कानपुर शहर ने बट्टा लगा दिया है। इस शहर पहुंचते ही इसकी धारा अपवित्र सी हो चली है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ( CPCB) की रिपोर्ट बता रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में गंगा नदी का पानी इतनी खराब स्थिति में है कि इसे फिल्टर तक नहीं किया जा सकता। कई जगहों पर पानी आचमन लायक तक नहीं बचा तो नहाने की बात दूर है। फैक्ट्रियों से निकलने वाला केमिकलयुक्त काला दूषित नालों का पानी इसकी धारा को जहरीला बना दिया है। ये रिपोर्ट तब आई है जब गंगा के साफ स्वच्छ होने का लगातार दावा किया जा रहा है।
नमामि गंगे परियोजना
केंद्र में 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद गंगा की निर्मलता और अविरता को बनाए रखने के लिए नमामि गंगे परियोजना की शुरुआत की गई थी। हजारो करोड़ रुपये आवंटित कर नदी को दूषित होने से बचाने के लिए योजना को व्यापक तौर पर प्रचार प्रसार के साथ लॉच किया गया। वर्तमान में भी नमामि गंगे सहित कई परियोजनाओं पर काम लगातार चल रहा है। बावजूद इसके कानपुर से गुजरने वाली गंगा को वहां के नालों ने दूषित करना नहीं छोड़ा। प्रदूषित गंगा की हालत ऐसी है कि लोग इसका पानी पीना तो दूर नहाने और आचमन करने लायक नहीं समझते।
पांडु नदी की हालत बेहद दयनीय
दरअसल, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने इसी साल 10, 24 जुलाई और 22 अगस्त को कानपुर के गंगाजल की सैंपलिंग कराकर जांच के लिए भेजा था। अब CPCB ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में पाया गया है कि बिठूर गंगा घाट से लेकर फतेहपुर के कई घाटों पर गंगाजल बेहद प्रदूषित हो गया है। सैंपलिंग टीम ने मानसून के समय में करीब 20 नालों के पास से गंगाजल के नमूने लिए थे। इसमें गंगा की सहायक पांडु नदी के 2 नालों की सैंपलिंग को शामिल किया गया था। आपको बता दें पांडु नदी की हालत बेहद दयनीय है, इसका पानी इतना प्रदूषित है कि इसमें रहने वाले जलीय जीव विलुप्त होने लगे हैं।
पानी का पीएच मान पहुंचा 8
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के जल गुणवत्ता प्रभारी अजीत विद्यार्थी के मुताबिक, गंगा की धारा के पानी में पीएच लेवल तेजी के साथ बढ़ा हुआ है। विभिन्न घाटों पर पीएच लेवल 8 को पार कर गया है। गौरतलब है कि शुद्ध पानी के लिए पीएच मान लेवल 7 होना चाहिए। यदि पानी का पीएच मान लेवल इससे ज्यादा हो जाता है तो यह पानी दूषित श्रेणी में माना जाता है। हालांकि, बिठूर के पीछे गंगा का पानी उतना दूषित नहीं है।
कानपुर के नालों से गंगा में गिर रहा जहर
कानपुर के आसपास स्थित गंगा घाटों का कई बार मंडलायुक्त निरीक्षण कर चुके हैं। उन्होंने, गंगा में गिरने वाले बड़े नालों जैसे सीसामऊ नाला, परियर नाला, नवाबगंज नाला, गुप्तार घाट, जाजमऊ इलाके समेत कई नालों की टाइपिंग कराई। इस काम में सरकार के करोड़ों रुपये खर्च किए गए। हालांकि, लगातार बढ़ते प्रदूषण के बाद शहर के सबसे बड़े सीसामऊ नाले को गंगा में जाने से रोक दिया गया था। लेकिन, बड़े रिसाव के बीच उसका पानी गंगा में अभी भी गिर रहा है। हालांकि, गंगा को बचाने और उसकी पवित्रता को बनाए रखने के लिए तमाम समाजसेवी लगातार आवाज उठाते रहे हैं। अब ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि इतने व्यापक तौर पर नमामि गंगे परियोजना के लिए खर्च किए गए रुपये गंगा की पवित्रता को बचाए रखने के लिए नाकाफी कैसे साबित हो गए। लोग कह रहे हैं कि आखिर कब गंगा में गिरने वाले नालों को रोका जाएगा।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। कानपुर (Cities News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
End of Article
Pushpendra kumar author
पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्ष...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited