रफ्तार का सौदागर बनेगा 380 KM का ये Green Field Expressway, ट्रेन से जल्दी पहुंच जाएंगे मंजिल
Ghaziabad Kanpur Expressway : दिल्ली-एनसीआर से कानपुर के रास्ते पड़ने वाले शहरों की यात्रा अब और सुगम होगी। 380 किलोमीटर लंबाई वाले गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे परियोजना से 8 घंटे लगने वाले सफर के लिए अब महज 5 घंटे 40 मिनट ही खर्च करने होंगे। तो आइये जानते हैं ये ग्रीन फील्ड हाईस्पीड एक्सप्रेसवे किन शहरों से होकर गुजरेगा?
गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे
Ghaziabad Kanpur Expressway : उत्तर प्रदेश में लगातार एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया जा रहा है। यूपी ही एक ऐसा राज्य है, जिसके पास सबसे अधिक 14 एक्सप्रेसवे हैं। पूर्वांचल से लेकर पश्चिम तक सड़कों का नेटवर्क बढ़ाया जा रहा है। इसी कड़ी में दिल्ली-एनसीआर के शहरों के लिए हाईस्पीड रफ्तार की मुफीद सड़कें बनाने का कार्य जारी है। इनमें मुख्य तौर पर गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Express Way), दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway), दिल्ली-देहरादून वाया सहारनपुर एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun via Saharanpur Expressway) शामिल हैं। गंगा एक्सप्रेसवे जहां मेरठ के आसपास के लोगों का सफर आसान करेगा तो वहीं, गाजियाबाद से कानपुर को जोड़ने के लिए भी बड़ी परियोजना पर कार्य चल रहा है। जी, हां 380 किलोमीटर लंबाई वाला गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर और उन्नाव आदि शहरों को जोड़ेगा। इसके निर्माण पर लगभग 15 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इस कॉरिडोर के बनने के बाद गाजियाबाद से कानपुर की दूरी केवल 5 घंटे 40 मिनट में तय हो जाएगी।
इन जिलों को कवर करेगा गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे (Ghaziabad Kanpur Greenfield Expressway)
- गाजियाबाद (Ghaziabad)
- हापुड़ (Hapur)
- बुलंदशहर (Bulandshahar)
- अलीगढ़ (Aligarh)
- कासगंज (Kasganj)
- फर्रुखाबाद (Farrukhabad)
- कन्नौज (Kannauj)
- उन्नाव (Unnao)
- कानपुर (Kanpur)
9 जिलों के लोगों को मिलेगी सहूलियत
गाजियाबाद कानपुर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना से एनसीआर के शहरों के साथ कनेक्टिविटी बेहतर होगी। साथ ही कानपुर-गाजियाबाद के रास्ते में पड़ने वाले 9 जिलों के लोगों को सफर में सहूलियत मिलेगी। इसके अलावा इस हाईस्पीड सड़क मार्ग के किनारे औद्योगिक गलियारे बसाए जाएंगे, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उद्योग-धंधों के विकसित होने स्थानीय गांव-कस्बों में समृद्धि के रास्ते खुलेंगे। इस महात्वाकांक्षी परियोजना से दोनों शहरों के बीच आर्थिक विकास गति को भी प्रोत्साहन मिलेगा। खासकर, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़ और कानपुर राजमार्ग पर रियल स्टेट पर भी खासा प्रभाव पड़ेगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रमुख बुनियादी आवासीय सुविधाएं, अस्पताल, मॉल इत्यादि समेत हर सेक्टर के लिए कुछ न कुछ संभावनाएं विकसित होंगी। साथ ही भविष्य में इसके आसपास मंडियों का विस्तार किया जा सकता है, जिससे स्थानीय किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
एनएच-91 से लगते हैं 8 घंटे
उधर, अलीगढ़ व्यापारिक केंद्र है जो 468 किलोमीटर लंबे एनएच-91 और यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ा हुआ। इससे अभी इन दोनों शहरों के बीच यात्रा के लिए 8 घंटे का समय लगता है। यहां से कानपुर-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे के गुजरने से व्यापार के साथ ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्र में आ रहीं दुश्वारियों कम होंगी।
5 घंटे 40 मिनट में पूरा होगा सफर
दावा किया जा रहा है कि गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण से यातायात व्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी। खासकर, अभी दोनों शहरों के बीच यात्रा करने में 8 घंटे से अधिक का लंबा समय लगता है, लेकिन इसके निर्माण से यात्रा का समय 8 घंटे से घटकर 5 घंटे 40 मिनट रह जाएगा। फिलहाल, इसे 4 लेन का बनाया जा रहा है, लेकिन भविष्य में 6 लेन तक विस्तार किया जा सकता है। इसका उत्तरी छोर एनएच-9 (गाजियाबाद-हापुड़ हाईवे) से कनेक्ट होगा, जबकि, दक्षिणी छोर 62.3 किलोमीटर लंबे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ जुड़ा होगा। इसके अलावा यह ग्रीन फील्ड कॉरिडोर गाजियाबाद में मेरठ एक्सप्रेसवे को हापुड़ से कनेक्ट करेगा।
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मुख्य बिंदु
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 390 किलोमीटर |
शुरुआती बिंदु | उन्नाव-कानपुर बॉर्डर |
आखिरी बिंदु | गाजियाबाद |
परियोजना की लागत | 15 हजार करोड़ रुपये |
लेन | 4 (6 तक विस्तार) |
यात्रा का अनुमानित समय | 5 घंटे 40 मिनट |
कार्य पूर्ण होने की तिथि | 2026 |
निर्माण कंपनी | NHAI |
फिलहाल, इस परियोजना के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस एक्सप्रेसवे के लिए आवश्यक भूमि का करीब 90 फीसदी अधिग्रहण कर लिया है। उम्मीद है कि साल 2026 तक यह बनकर लोगों को समर्पित कर दिया जाएगा।
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