Kanpur E-Bus: यात्रियों के लिए गुड न्यूज, कानपुर को जल्द मिलेंगी 100 ई-बसें, ग्रामीण रूटों पर दौड़ेंगी सीएनजी बसें
Kanpur E-Bus: कानपुर में ई-बसों के बेड़े में बढ़ोतरी होने वाली है। कानपुर के ई-बसों के बेड़े में 100 बसें और शामिल होने वाली हैं। इसके साथ ही शहर में चल रहीं सीएनजी बसों को जल्द ही ग्रामीण रूट पर डायवर्ट कर दिया जाएगा। सीएनजी बसें पुरानी हो गई हैं। पुरानी होने के कारण जर्जर हो गई हैं। इन्हें अब एक से दो साल तक ही चलाया जाएगा। इसके बाद इनकी नीलामी कर दी जाएगी।
कानपुर में ई-बसों के बेड़े में होगी बढ़ोतरी (फाइल फोटो)
मुख्य बातें
- कानपुर में जल्द ही 100 अतिरिक्त ई-बसें होंगी बेड़े में शामिल
- सीएनजी बसों को जल्द ही ग्रामीण रूट पर किया जाएगा डायवर्ट
- ई- बसों से सफर करने वाले यात्रियों को मिलेगी सुविधा
Kanpur E-Bus: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में ई- बसों से सफर करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। कानपुर शहर में चल रहीं सीएनजी बसों को जल्द ही ग्रामीण रूट पर डायवर्ट किया जाएगा। इसके बाद इनकी नीलामी की जाएगी। सीएनजी बसों की जगह पूरी तरह से ई-बसें ले लेंगी। कानपुर शहर में अभी 100 ई-बसों का संचालन किया जा रहा है। जल्द ही 100 अतिरिक्त ई-बसों का बेड़ा भी शामिल होगा। अभी कानपुर शहर में 98 ई- बसें अलग-अलग रूटों पर चल रही हैं। आपको बता दें कि कानपुर नगर में 2010 से 137 सीएनजी बसों का संचालन हो रहा है।
इन बसों में 100 बसें कानपुर नगर के बिल्हौर, ककवन, बिधनू, शिवराजपुर, सरसौल, घाटमपुर, कानपुर देहात के मूसानगर, डेरापुर, पुखरायां, रसूलाबाद और झींझक रूट पर चलती हैं। इनमें प्रतिदिन करीब 25 बसें कानपुर नगर के शहरी इलाकों में संचालित हो रही हैं।
सीएनजी बसें करीब 12 साल पुरानी हुईंशहर में चलने वाली 28 सीटर छोटी बसें हैं, जबकि ग्रामीण रूट 38 सीटर बसें चल रही हैं। ज्यादातर सीएनजी बसें रामादेवी से आईआईटी रुट पर चल रही हैं। दो साल बाद पूरी तरह से सीएनजी इनकी नीलामी प्रक्रिया होगी। जिले में चल रहीं सीएनजी बसें करीब 12 साल पुरानी हो चुकी हैं। 2009-10 में इन बसों को कानपुर में शुरू कराया गया था। इसमें लो फ्लोर बसें फेल हो गई थीं लेकिन मिनी और बड़ी बसें चल रही हैं। पुरानी होने के कारण जर्जर हो गई हैं। इन्हें अब एक से दो साल तक ही चलाया जाएगा।
100 ई-बसों को लेकर निदेशालय में बातचीत जारीकेसीटीएसएल के मुख्य कार्यकारी प्रबंधक डीवी सिंह ने बताया कि सीएनजी बसें 12 साल पुरानी हो चुकी हैं। अब इनकी जगह ई- बसें लगाई जाएंगी। शहर को मिलने वाली 100 ई-बसों को लेकर निदेशालय में बातचीत चल रही हैं। जल्द ही ये बसें आ जाएंगी। शहर के मेट्रो फीडर के साथ आसपास के इलाकों में भी ई-बसों का संचालन किया जाएगा। आपको बता दें कि पिछले माह कानपुर में वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों का घाटा कम करने के लिए नगरीय विकास निदेशालय ने यात्री किराए में पांच रुपये बढ़ाए थे। ई-एसी बसों का न्यूनतम किराया 11 रुपये हो गया है।
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