14 Expressway UP List: यूपी में कितने एक्सप्रेसवे? गंगा एक्सप्रेसवे सबसे लंबा, इस महीने तक खुल जाएंगे 8 नए मार्ग
UP 14 Expressway List and Details in Hindi : उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया जा रहा है। राज्य में आगरा-लखनऊ, यमुना, बुंदेलखंड और पूर्वांचल समेत बड़ी संख्या में एक्सप्रेसवे हैं। आइये जानते हैं कि यूपी में कुल कितने और सबसे लंबा एक्सप्रेसवे कौन है? पूरी लिस्ट नीचे पढ़ सकते हैं।
यूपी में कितने एक्सप्रेस वे
14 Expressway UP List: यूपी में एक्सप्रेसवे का जाल बिछाकर शहरों और अन्य राज्यों के साथ कनेक्टीविटी को बेहतर किया जा रहा है। मौजूदा समय में प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन है। उसे कुंभ मेले से पहले लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। राज्य के पूर्वांचल से लेकर पश्चिम तक और बुंदेलखंड तक एक्सप्रेसवे की सौगात मिल चुकी है। इनमें यातायात सुचारू रूप से चालू है। लोग कम समय में अन्य राज्यों और प्रदेश के शहरों के बीच सफर कर रहे हैं। तो आइये जानते हैं और कितने और एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अभी जारी है और कितने बनकर तैयार हैं। इतना ही नहीं इनमें लंबाई के लिहाज से कौन सबसे लंबा है ये भी हम आपको बताने वाले हैं। ये आर्टिकल UP के सभी 14 एक्सप्रेसवे की विस्तृत जानकारी के साथ आपके लिए साझा किया गया है।
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यूपी एक्सप्रेसवे लिस्ट (14 UP Expressway List)
- यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway)
- नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (Noida-Greater Noida Expressway)
- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra- Lucknow Expressway)
- दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi- Meerut Expressway)
- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे ( Purvanchal Expressway)
- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे ( Bundelkhand Expressway)
- गोरखपुर एक्सप्रेसवे ( Gorakhpur Expressway)
- गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway)
- लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे (Lucknow-Kanpur Expressway)
- गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे (Ghaziabad-Kanpur Expressway)
- गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Siliguri Expressway)
- दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Saharanpur-Dehradun Expressway)
- गाजीपुर बलिया मांझी घाट एक्सप्रेसवे (Ghazipur- Ballia Manjhi Expressway)
- गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Shamli Expressway)
आर्थिक विकास की गति होगी तेज
उत्तर प्रदेश को सड़क नेटवर्क के लिहाज से मजबूत किया जा रहा है। यूपी में बनने वाले सभी एक्सप्रेसवे राज्य के आर्थिक विकास को पहिया लगाएंगे। इनके पास औद्योगिक शहर भी बसाये जा रहे हैं, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा। इतना ही नहीं इससे रियल स्टेट सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा। ये सभी प्रोजेक्ट भारत माला परियोजना (Bharat Mala Project) के तहत विकसित किए जा रहे हैं। गौर करें तो राज्य में पहले से ही कई एक्सप्रेसवे संचालित हैं और शेष पर कार्य जारी है जो नियत समय में जनता को समर्पित कर दिए जाएंगे।
आपको बताते चलें कि यूपी को देश में सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे पाने का गौरव प्राप्त है। यहां कुल 14 एक्सप्रेसवे हैं। इनमें से कई पर यातायात जारी है और कई आने वाले दिनों में बनकर तैयार हो जाएंगे।
यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway)
उत्तर प्रदेश का यमुना एक्सप्रेस वे राजधानी दिल्ली से आगरा को जोड़ता है। इसे ताज एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है। इसके निर्माण से दिल्ली और आगरा के बीच महज ढाई घंटे का सफर तय करना पड़ता है। यमुना एक्सप्रेसवे पर मोटरसाइकिल के लिए 3 रुपये 25 पैसे, कार, जीप और वैन समेत हल्के वाहनों के लिए 2 रुपये 65 पैसे है, जबकि बस-ट्रक समेत अन्य भारी वाहनों के लिए टोल राशि 8 रुपये 45 पैसे निर्धारित है। हालांकि, 1 अप्रैल से टोल रेट में वृद्धि होनी है। लेकिन अभी इसकी पुख्ता जानकारी प्राप्त नहीं है। लिहाजा, उसकी नई लिस्ट हम अपडेट करेंगे।
यमुना एक्सप्रेसवे की लंबाई | 165.5 KM |
यमुना एक्सप्रेस वे -लेन संख्या | 6 (8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है) |
यमुना एक्सप्रेस वे -शुरुआत | परी चौक (ग्रेटर नोएडा) |
यमुना एक्सप्रेस वे -आखिरी | कुबेरपुर (आगरा) |
यमुना एक्सप्रेस वे - उद्घाटन तिथि | अगस्त 2012 |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 24.53KM |
लेन संख्या | 6 |
शुरुआत | महामाया फ्लाईओवर (नोएडा) |
अंतिम | परी चौक (ग्रेटर नोएडा) |
लागत | 400 करोड़ |
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के निर्माण से राजधानी लखनऊ और ताजनगरी आगरा के बीच दूरी कम हो गई है। पहले यात्रा में 6 घंटे से अधिक समय लगता था, लेकिन अब साढ़े तीन घंटे में सफर पूरा हो जाता है। यह यमुना एक्सप्रेसवे से भी जुड़ा है।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की लंबाई | 302 KM |
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे- लेन संख्या | 6 |
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे- शुरुआत | एत्मादपुर मडरा गांव (आगरा) |
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे- आखिरी | सरोसा भरोसा गांव, मोहान रोड लखनऊ |
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे- उद्घाटन | नवंबर2016 |
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे ब्राउन फील्ड और ग्रीन फील्ड का मिश्रण है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग NH-3 के रूप में बनाया गया है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे | 96 KM |
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे - लेन संख्या | 6 |
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे- शुरुआत | निजामुद्दीन पुल (दिल्ली) |
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे- आखिरी बिंदु | मेरठ बाईपास |
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे- उद्घाटन | मार्च 2021 |
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे | 380. 82 KM |
पूर्वांचल एक्सप्रेसवेलेन - लेन संख्या | 6 |
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे- शुरुआत | चांद सराय गांव (लखनऊ) |
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे- आखिरी बिंदु | हैदरिया गांव NH-31 गाजीपुर |
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे- उद्घाटन | नवंबर 2021 |
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे ( Bundelkhand Expressway)
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण UPEIDA ने किया था। इसे अबतक के सबसे कम समय यानी 28 महीने में बनाकर तैयार किया गया था। यह बुंदेलखंड के सात जिले चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है। यह दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे से भी जुड़ा है। इस एक्प्रेसवे के किनारे डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण होना है। इसे भारत के पहले सोलर एक्सप्रेसवे के तौर पर विकसित किया जाएगा।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे | 296.7 KM |
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवेलेन - लेन संख्या | 4 आगे 6 लेन किया जा सकेगा |
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे- शुरुआत | चित्रकूट |
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे- आखिरी बिंदु | इटावा |
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे- उद्घाटन | जुलाई 2022 |
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे | 91 KM |
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे- लेन संख्या | 4 |
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे- शुरुआत | जैतपुर गोरखपुर |
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे- आखिरी बिंदु | सलारपुर, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे |
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे- पूरा होने की तारीख | जल्द हो सकता है उद्घाटन |
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से मेरठ से प्रयागराज महज 8 घंटे में पहुंच जाएंगे। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकें। इसके अलावा बीच-बीच में भी टोल प्लाजा होंगे, ताकि बीच में कहीं एक्सप्रेसवे पर चढ़ने वाली गाड़ियों से टोल लिया जा सके। ऐसे कुल 12 रैम्प टोल प्लाजा बनेंगे। इसके अलावा शाहजहांपुर के पास एयरस्ट्रीप भी बनाई जाएगी ताकि आपातकालीन परिस्थिति में हेलिकॉप्टर या प्लेन उतारा जा सके। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में (एनएच 19) पर जूडापुर दादू गांव के समीप पर समाप्त होगा। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ के बाद ये हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होता हुआ प्रयागराज तक जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण भी 12 चरणों में ही किया जा रहा है। इसका करीब 500 किलोमीटर तक का कार्य पूरा कर लिया गया है। गंगा एक्सप्रेसवे पर अधिकतम स्पीड 120 किमी प्रति घंटा तय की गई है। इस पर मेरठ और प्रयागराज में मुख्य टोल प्लाजा होंगे, जबकि 12 अतरिक्त रैमंप टोल प्लाजा वाहनों से शुल्क वसूलेंगे।
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गंगा एक्सप्रेसवे | 594 KM |
गंगा एक्सप्रेसवे -लेन संख्या | 6 (8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है) |
गंगा एक्सप्रेसवे -शुरुआत | मेरठ |
गंगा एक्सप्रेसवे -आखिरी बिंदु | प्रयागराज |
गंगा एक्सप्रेसवे -कार्य पूरा होने की तारीख | अप्रैल 2024 |
लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे NHIA द्वारा शुरू की गई परियोजना है। एक्सप्रेसवे का अभी निर्माण कार्य जारी है। इस एक्सप्रेसवे की मदद से यात्री लखनऊ से कानपुर की दूरी 45-50 मिनट में तय कर सकते हैं। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में NHAI 4700 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे | 62.67 KM |
लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे- लेन संख्या | 6 (8 तक विस्तार) |
लखनऊ कानपुरएक्सप्रेसवे - शुरुआत | शहीद पथ (लखनऊ) |
लखनऊ कानपुरएक्सप्रेसवे - आखिरी बिंदु | कानपुर |
लखनऊ कानपुरएक्सप्रेसवे - कार्य पूरा होने का समय | दिसंबर 2025 |
गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे परियोजना गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर और उन्नाव आदि शहरों को जोड़ेगी। इसके निर्माण पर लगभग 15 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इस कॉरिडोर के बनने के बाद गाजियाबाद से कानपुर की दूरी केवल 5 घंटे 40 मिनट में तय हो जाएगी। NHAI इस प्रोजेक्ट के लिए 15 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान बना चुकी है।
गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे | 380 KM |
गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे -लेन संख्या | 4 |
गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे- शुरुआत | गाजियाबाद |
गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे- आखिरी बिंदु | उन्नाव |
गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे- कार्य पूरा होने का समय | दिसंबर 2025 |
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे लंबाई | 520 KM |
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे- लेन संख्या | 6 |
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे- शुरुआत | जगदीशपुर (गोरखपुर) |
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे- आखिरी बिंदु | सिलीगुड़ी |
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे- निर्माण कार्य पूरा होने का समय | 2025 |
इसका मुख्य मार्ग दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून स्थानों को जोड़ता है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे मार्ग मानचित्र उत्तराखंड, दिल्ली और उत्तर प्रदेश और बागपत , बड़ौत, शामली और सहारनपुर सहित कई शहरों को जोड़ता है। दिल्ली और देहरादून को जोड़ने के लिए चार अलग-अलग मार्ग एक साथ जोड़े गए। इसे 120 किमी प्रतिघंटा वाहन चलाने के लिहाज से विकसित किया जा रहा है। एनएचआईए इस प्रोजेक्ट के 13 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे की लंबाई | 210 KM |
दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे - लेन संख्या | 6 |
दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे - शुरुआत | अक्षरधाम (दिल्ली) |
दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे - आखिरी बिंदु | देहरादून |
दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे - निर्माण कार्य पूरा होने का समय | मई 2025 तक |
प्रोजेक्ट कारिडोर की कुल लंबाई 134.300 किमी है। गाजीपुर से मांझी रिविलगंज बाईपास तक इसकी दूरी 117 किमी है। इसे तीन फेज में बांटकर कार्य होगा।
गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Shamli Expressway)यूपी के गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे पूर्वी यूपी को पश्चिमी यूपी से जोड़ेगा। यह 700 किमी की दूरी तय करते हुए 22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा।
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पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें
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