Kanpur Covid New Guidelines: डेल्टा जैसा खतरनाक नहीं है नया वेरिएंट, प्रोफेसर्स का दावा- ओमिक्रॉन की तरह है बीएफ.7

Kanpur Covid New Guidelines & Rules in Hindi: कोरोना के नए वेरिएंट से चीन समेत कई देशों में हाहाकार मचा हुआ है। इसको लेकर देश में सतर्कता के साथ ही सख्ती की जा रही है। वहीं चिकित्सा विशेषज्ञों का दावा है कि चीन में फैला कोविड का नया वेरिएंट बीएफ. 7 डेल्टा प्लस की तरह खतरनाक नहीं है, यह ओमिक्रॉन की तरह ही है।

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खतरनाक नहीं है नया वेरिएंट, चिकित्सा विशेषज्ञों ने किया दावा

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • कोरोना को लेकर भारत में सख्ती और सतर्कता
  • चिकित्सा विशेषज्ञों का दावा- खतरनाक नहीं है वेरिएंट
  • ओमिक्रॉन के जैसा ही है ये वेरिएंट

Kanpur Covid New Guidelines & Rules in Hindi: चीन और जापान में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन बीएफ.7 ने कहर बरपा रखा है। भारत में भी कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर सतर्कता के साथ ही सख्ती भी शुरू हो गई है। वहीं, यूपी में स्मारकों, रेलवे स्टेशन और अस्पतालों में फिर से स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है। कोरोना संक्रमण की जांच के लिए एयरपोर्ट पर भी स्वास्थ्य विभाग ने टेस्ट शुरू कर दिए हैं। साथ ही भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क लगाने से अपील की जा रही है। साथ ही अधिकारियों को कोविड की बदलती परिस्थितियों पर सूक्ष्मता से नजर रखने के निर्देश शासन की ओर से जारी किए गए हैं।

वहीं, चिकित्सा विशेषज्ञों का दावा है कि चीन में फैला कोविड का नया वेरिएंट बीएफ. 7 डेल्टा प्लस की तरह खतरनाक नहीं है, यह ओमिक्रॉन की तरह ही है। इस वेरिएंट से घबराने की नहीं है, बल्कि बचाव करने की आवश्यकता है। गुजरात में मिले बीएफ.7 के संक्रमित होम आइसोलेशन में ही उपचार से ठीक हो गए हैं।

डेल्टा की तरह खतरनाक नहीं है नया वेरिएंट: कृष्ण कुमारविशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं और लापरवाही बरतेंगे तो उनके लिए यह खतरा हो सकता है। कोविड काल में अमेरिका में कोविड कंट्रोल रूम और आपात सेवा के चीफ रहे प्रोफेसर कृष्ण कुमार ने बताया कि कोरोना का वेरिएंट बीएफ.7 अपने पुरखों जितना खतरनाक नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वायरस और इसके डेल्टा, डेल्टा प्लस सरीखे वेरिएंट ज्यादा खतरनाक रहे हैं। वैक्सीनेशन कवरेज के कारण सुरक्षा मिल रही है। कोविड- 19 के वक्त ही बताया गया था कि इसके नए-नए वेरिएंट आते रहेंगे।

भारत में पहली बार जुलाई में ही हो गई थी वेरिएंट की पहचानकिंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) लखनऊ की माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अमिता जैन के अनुसार, बचाव के लिए वही उपाय करने हैं, जो कोविड के स्ट्रेन के लिए होते हैं। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है। वैक्सीन से जो इम्युनिटी बनी है, उससे ही बचाव होगा। जरूरी नहीं कि यह वायरल संक्रमण चीन जितना घातक यहां भी रहे। कोरोना ओमिक्रॉन के इस वेरिएंट की भारत में पहली बार जुलाई में ही पहचान हो गई थी। जुलाई और नवंबर के बीच ओडिशा और गुजरात में ऐसे चार मामले मिले थे। इनके सैंपलों की जीनोम सिक्वेंसिंग में बीएफ.7 का पता चल पाया था। हालांकि इनकी वजह से कोरोना संक्रमण के फैलने में तेजी नहीं देखी गई थी।

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