कानपुर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट हो सकता है बंद, 10 लाख लोगों को होगी परेशानी, जानिए क्या है वजह?
Kanpur Ganga Barrage Plant: कानपुर स्थित गंगा बैराज प्लांट 20 दिन में जल निगम को हैंडओवर कर दिया जाएगा। हैंडओवर से पहले इसी सारी कमियों को दूर किया जाएगा। प्लांट पर 175 करोड़ की बकाएदारी है। अगर प्लांट जल्द हैंडओवर नहीं किया गया तो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद हो सकता है। इसके बंद होने से 10 लाख लोग प्रभावित होंगे।
गंगा बैराज प्लांट 20 दिनों में होगा हैंडओवर (फाइल फोटो)
मुख्य बातें
- कानपुर का गंगा बैराज प्लांट 20 दिनों में होगा हैंडओवर
- प्लांट की कमियां दूर कर किया जाएगा हैंडओवर
- हैंडओवर नहीं हुआ तो बंद हो सकता है वाटर प्लांट
Kanpur Ganga Barrage Plant: कानपुर में गंगा बैराज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर कई वर्षों से चल रहा विवाद अब खत्म होने को है। नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने जलकल और जल निगम के अधिकारियों के साथ बात कर विवाद के सुलझाने की पहल की है। 20 दिनों के अंदर प्लांट की खामियों को दूर कर दिया जाएगा। इसके बाद जल निगम प्लांट को हैंडओवर कर देगा। गंगा बैराज प्लांट से रोज 10 लाख लोगों को पानी की सप्लाई होती है। आपको बता दें कि जल निगम पिछले पांच वर्षों में कई बार प्लांट को बंद करने की चेतावनी दे चुका है।
इस प्लांट के रखरखाव और संचालन की बकाएदारी अब 175 करोड़ रुपये पहुंच चुकी है। जल निगम ने इस बार कहा था कि अगर अब रकम नहीं मिलेगी तो प्लांट को बंद कर दिया जाएगा। जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (JNNURM0 के तहत साल 2013 में दो प्लांट बनाए गए थे।
पूरे शहर में नहीं होती पानी की सप्लाईइनसे लगभग 100 मिलियन लीटर रोजाना की वाटर सप्लाई शहर को हो रही है। हालांकि इन प्लांटों की क्षमता 400 एमएलडी की है, लेकिन पाइप लाइनों की कनेक्टिविटी कई स्थान पर गायब होने के कारण शहर भर में सप्लाई नहीं हो पा रही है। जल्द ही प्लांट का हैंडओवर नहीं किया गया तो इसका संचालन करना मुश्किल हो जाएगा। टूटी पाइप लाइन भी ठीक नहीं हो पाएगी। इसके अलावा, जल निगम के अधिशासी अभियंता विशाल सिंह के साथ नगर आयुक्त ने मलिन बस्ती परियोजना के तहत ग्वालटोली इलाके में बिछाई जा रही सीवर की पाइप लाइन को भी देखा। यहां 500 मीटर की पाइप लाइन बिछेगी। यहां 130 घरों में सीवर के कनेक्शन होंगे।
15 दिसंबर 2017 से हैंडओवर के लिए लिख रहे पत्रजल निगम के अधिशासी अभियंता सुनील कुमार के मुताबिक, 15 दिसंबर 2017 से ही इन परियोजनाओं को जलकल विभाग को हैंडओवर करने के लिए पत्र लिख रहे हैं। समुचित संसाधनों के अभाव में संचालन और रखरखाव में आ रहीं परेशानियों भी बताईं गई। परियोजना के हैंडओवर के लिए शासन को भी पत्र भेज दिए। 2021 में दोनों विभागों की संयुक्त कमेटी की ओर से बताई गईं कमियां भी दूर की गईं, लेकिन यह जलकल विभाग को हैंडओवर नहीं हो पाया। प्लांट के बंद होने से कानपुर के नवाबगंज, सर्वोदयनगर, शास्त्रीनगर, पांडुनगर, दादानगर, गोविंदनगर, बर्रा, निरालानगर, जूही लाल कालोनी, जूही सफेद कालोनी, जूही हरी कालोनी, साकेतनगर, गोशाला, किदवईनगर, बारादेवी, जूही बम्बुरहिया, नई सड़क, जनरलगंज, सिविल लाइंस, नयागंज, कुलीबाजार, हालसी रोड, कुरसवां, इटावा बाजार, रामबाग मोहल्ले प्रभावित होंगे।
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