Kanpur-Lucknow Expressway: हाथ मिलाने को तैयार राजधानी-मैनचेस्टर, खुलने वाला है 63KM लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे

Kanpur-Lucknow Expressway: यूपी की राजधानी और उत्तर भारत के मैनचेस्टर तक बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए 63 किमी. लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के पूरा होने से दोनों शहरों के बीच की यात्रा महज 35 से 40 मिनट में पूरी होगी। आइये जानते हैं इस हाईटेक सड़क मार्ग की और क्या खासियतें हैं और इस पर कब वाहन दौड़ा सकेंगे?

कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे

Kanpur-Lucknow Expressway: उत्तर प्रदेश जनसंख्या के लिहाज से भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। यही वजह है कि राज्य के तमाम शहरों तक यातायात सुगम बनाने के वास्ते बड़ी संख्या में हाईवे और एक्सप्रेसवे का विकास किया जा रहा है। मौजूदा वक्त में प्रदेश के हिस्से में छोटे-बड़े 14 एक्सप्रेसवे हैं, जिनमें से कई संचालित हैं और कई निर्माणाधीन हैं। इनमें से यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway), आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra-Lucknow Expressway), पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Purvanchal Expressway), बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) जैसे कुछ सड़क मार्ग संचालित हैं, जबकि यूपी का सबसे लंबा गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) अपने निर्माण के आखिरी दौर में है। इसे साल 2025 में प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ (Prayagraj Mahakumbh 2025) से पहले आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इसी प्रकार एक अन्य एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है, जो यूपी के दो प्रमुख शहरों यानी राजधानी और उत्तर भारक का मैनचेस्टर कहे जाने वाले शहर को आपस में जोड़ेगा। इससे सीधे तौर पर तीन जिले कनेक्ट होंगे। इस नई परियोजना के पूरे होने से 2 से 3 घंटे का सफर महज 35 से 40 मिनट में पूरा होगा। तो आइये जानते हैं वह कौन सा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Greenfield Expressway) है और उसकी खासियतें क्या-क्या हैं?

एक्सप्रेसवे

कानपुर-लखनऊ नेशनल हाईवे पर जाम का झाम (Kanpur-Lucknow Highway)

यहां बात कानपुर-लखनऊ या लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की बात हो रही है। एनएचएआई (NHAI) के मुताबिक, 63 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के खुलने से लखनऊ से कानपुर पहुंचने में महज 35 से 40 मिनट का समय खर्च होगा। वर्तमान में 75 किमी. लंबे कानपुर-लखनऊ नेशनल हाईवे (NH-27) पर वाहनों का भारी दबाव है। यही कारण है कि इन दो शहरों के आपस में पहुंचने में 3 से 4 घंटे का वक्त सड़क पर गुजर जाता है। उसका कारण है, बुंदेलखंड (Bundelkhad) की नदियों से निकलने वाली मौरंग और कबरई (महोबा) क्षेत्र से गिट्टी से लदे ट्रकों की आवाजाही। हमीरपुर से मौरंग की बड़ी खेप लेकर ट्रक और डंपर इत्यादि वाहन इसी हाईवे से उन्नाव, रायबरेली, हरदोई, लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, सुलतानपुर, अमेठी और अयोध्या समेत कई जिलों में प्रवेश करते हैं। लिहाजा, अक्सर कानपुर से लखनऊ के बीच जाम की स्थिति होती है। कभी-कभार 4 घंटे से भी अधिक लंबे जाम का भी सामना करना पड़ता है। पीक आवर्स में स्थिति काफी जटिल होती है। वहीं, जाम के कारण लखनऊ एयरपोर्ट (Lucknow Airport) जाने वाले लोगों की फ्लाइट तक छूट जाती है। इसी गंभीर समस्या से छुटकारा पाने के लिए एनएचएआई ने दोनों शहरों के बीच एक एक्सप्रेसवे का खाका खींचा।
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