Kanpur का K2 प्लान; कचरे से कमाई के लिए नगर निगम की धांसू प्लानिंग, जानें कैसे भरेगा खजाना
Kanpur News: कानपुर नगर निगम शहर को साफ करने के लिए और कूड़ा मुक्त बनाने के लिए एक जबरदस्त योजना तैयार कर रही है। नगर निगम के इस प्लान में कचरे से भी कमाई की जाएगी। आइए आपको इस प्लान के बारे में बताएं...
कचरे से कमाई के लिए नगर निगम की धांसू प्लानिंग
Kanpur News: कानपुर नगर निगम शहर को साफ करने के लिए, कूड़ा मुक्त बनाने के लिए और स्वच्छता सर्वेक्षण की टॉप 5 सिटी में आने की तैयारी में जुटी है। इस बीच नगर निगम ने शहर के कूड़ा घरों को हटा कर भूमिगत कूड़ा घरों के निर्माण की योजना बनाई है। इसके साथ ही गीले-सूखे कूड़े के साथ प्लास्टिक कूड़ा भी अलग करने की तैयारी की जा रही है। बता दें कि प्रतिदिन 13 सौ मीट्रिक टन कूड़ा निकाला जाता है। इसका निपटारा करना आसान नहीं होता है। लेकिन अलग-अलग तरह से अब कूड़े का निपटारा करना और शहर को साफ करना आसान होने वाला है। नगर निगम अब कूड़े से भी पैसा कमाने की तैयारी कर रही है। अब आप सोच रहे होंगे कूड़े से कैसे पैसा कमाया जा सकता है, तो आइए आपको नगर निगम की इस योजना के बारे में बताएं...
कूड़ा बनेगा कमाई का जरिया
जैसा की आपको अभी बताया गया है कि प्रतिदिन 1300 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है, जिसमें के करीब 1100 मीट्रिक टन कूड़ा डंपिंग प्लांट तक पहुंच है, क्योंकि इस कूड़े में से बिक्री वाला और टाइल्स बनाने वाला सामान निकाल दिया जाता है। ऐसा करने से ईंधन की भी बचत होगी और कर्मचारी भी कम लगते हैं। नगर निगम ने कूड़े से पैसा कमाने के लिए और शहर को स्वच्छ सिटी बनाने के लिए सरायमिता में दो और कल्याणपुर में एक मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर का निर्माण किया है। इनके द्वारा करीब पांच मैट्रिक टन कूड़े का निपटान किया जाएगा।
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इन दो स्थानों के अलावा कृष्णा नगर, सीसामऊ, यशोदा नगर, जूही, जाजमऊ, गोविंद नगर, किदवई नगर आदि स्थानों पर एमआरएफ यानी मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इसके निर्माण के लिए अभी स्थान चिन्हित किया जा रहा है। इसके आगे जानकारी देते हुए नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने बताया कि करीब 100 जगहों पर स्मार्ट कूड़ाघर बनाए जा रहे हैं, ताकि साफ-सफाई का ध्यान रखा जा सके और एमआरएफ की सहायता से सूखे-कूड़े का निपटारा हो सके।
कैसे होगी कमाई
प्रतिदिन 1300 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है, जिसमें से डंपिंग ग्राउंड तक 1100 मेट्रिक टन कूड़ा जाता है। इसमें से निकलने गीले कूड़े से खाद बनाई जाती है। प्लास्टिक को एकत्रित करके सीमेंट कंपनी को बेचा जाता है। एमआरएफ के निर्माण के बाद सूखे कूड़े को अलग किया जाएगा। इस दौरान कागज, प्लास्टिक, कीले, कांच आदि समान को निकाल कर बेचा जाएगा और बचा मलबा आदि टाइल्स बनाने वाली कंपनियों को बेचा जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि प्रतिदिन करीब 450 मैट्रिक टन सूखा कूड़ा निकलता है।
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वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.c...और देखें
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